आयकर अधिनियम, 1961 की समीक्षा का मकसद मुकदमेबाजी को कम करना और करदाताओं को टैक्स निश्चितता प्रदान करना है। आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की नई व्यवस्था को व्यापक स्वीकृति मिल रही है।
Income Tax में कई ऐसी धाराएं मौजूद हैं, जिनकी मदद से आप आसानी से अपना टैक्स का बोझ कम कर सकते हैं।
Top Changes Today: आज से आम जनता के लिए कई नियम बदल गए हैं। खाना बनाने के लिए गैस सिलेंडर खरीदना हो या कमाने के बाद टैक्स जमा करना हो या फिर बीमा पॉलिसी लेना हो। आइए आज से हुए सभी बड़े बदलावों पर नजर डालते हैं।
इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80सी के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति या संगठित हिन्दू परिवार 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का दावा कर सकता है।
अगर आप अभी भी पुरानी टैक्स व्यवस्था में ही हैं तो इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत आप 1.5 लाख तक निवेश कर टैक्स छूट ले सकते हैं।
सभी को यह उम्मीद थी कि सरकार 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में एनआरआई और विदेशी नागरिकों के रेजिडेंसी स्टेट्स पर स्पष्टता देगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ट्वीट कर बताया कि सीबीडीटी ने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 119 के तहत 11 जनवरी को एक आदेश पारित कर धारा 44एबी के तहत ऑडिट रिपोर्ट को फाइल करने की अंतिम तारीख आगे बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया है।
सालाना 5 से 7.5 लाख रुपए पर 10 प्रतिशत सालाना 7.5 लाख से 10 लाख रुपए 15 प्रतिशत
टास्कफोर्स ने इस रिपोर्ट में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) को पूरी तरह से हटाने की सिफारिश की है।
बदलती जीवन शैली और बढ़ते स्वास्थ खर्च की वजह से देश में हेल्थ इंश्योरेंस की मांग काफी बढ़ गई है। हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 80डी के तहत टैक्स छूट मिलती है।
नए वित्त वर्ष 2018-19 की शुरुआत 1 अप्रैल से हो चुकी है और इस साल से सरकार ने कुछ नियमों में बदलाव भी किए हैं। हालांकि इनकम टैक्स के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन कुछ कटौतियां किसी व्यक्ति की टैक्स योग्य आय पर प्रभाव डालेगी।
ऑडिटर्स को अपने ग्राहकों की ओर से आयकर अधिकारियों के सामने ऑडिट रिपोर्ट फाइल करते समय उसमें 20,000 रुपए से अधिक के लेन-देन का भी ब्योरा देना होगा।
11 मई 2017 के अपने नोटिफिकेशन में CBDT ने उन लोगों की श्रेणी के बारे में स्पष्ट बताया था जिनके लिए PAN को आधार से लिंक करना अनिवार्य नहीं है।
वित्त मंत्रालय ने एसेसमेंट ईयर 2017-18 में कर्मचारियों को फॉर्म-16 जारी करने की समय-सीमा 31 मई से बढ़ा कर 15 जून कर दी है।
CBI ने अपनी जांच के दौरान बीते तीन साल में 393 मुखौटा कंपनियों का पता लगाया है जिनके जरिए कथित तौर पर 2,900 करोड़ रुपए की बड़ी राशि को इधर-उधर किया गया।
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