इनकम टैक्स बिल 2025 (आयकर विधेयक, 2025) में आसान भाषा है, गैरजरूरी प्रावधानों को खत्म किया गया है और छोटे वाक्य अपनाए गए हैं।
नया इनकम टैक्स बिल 2025, भारत के टैक्स सिस्टम में सुधार के लिए एक बड़ी कोशिश का ही एक हिस्सा है। नए इनकम टैक्स बिल का उद्देश्य मौजूदा टैक्स सिस्टम में सुधार करने के साथ ही इसे ज्यादा सुव्यवस्थित, आसान और पारदर्शी बनाना है।
Parliament Budget Session 2025: राज्यसभा के बाद लोकसभा में जेपीसी की रिपोर्ट पेश की गई। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया और सदन 10 मार्च तक स्थगित हो गया। इससे पहले लोकसभा दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई थी। राज्यसभा भी 10 मिनट के लिए स्थगित हुई थी।
सरकार इनकम टैक्स कानूनों में बदलाव करने की तैयारी में है। इसे आसान करने और सुविधाजनक बनाने की यह पहल की जा रही है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले हफ्ते 8 फरवरी को मीडिया से बातचीत करते हुए बताया था कि अगले हफ्ते (मौजूदा हफ्ते) संसद में नया इनकम टैक्स बिल पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा था कि लोकसभा में बिल पेश किए जाने के बाद इसे आगे की चर्चा के लिए इसे संसदीय वित्त स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा।
नया इनकम टैक्स बिल अगले हफ्ते संसद में पेश किया जाएगा। इस बिल को पढ़ने में सरल बनाया गया है, जिससे यह आम आदमी के भी समझ में आ जाए।
आज संसद में केंद्रीय बजट 2025-2026 पर चर्चा होगी। विपक्ष अमेरिका से वापस भेजे गए भारतीय अप्रवासियों के मुद्दे पर सरकार से जवाब की मांग कर रहा है। इस बीच केंद्र सरकार आज नया इनकम टैक्स बिल भी पेश कर सकती है।
देशभर के आयकर देने वाले को बड़ी राहत देते हुए अपडेटेड रिटर्न भरने की समय सीमा को 2 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दिया गया है। आइए जानते हैं कि इसका क्या फायदा मिलेगा।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के FAQs में कहा गया है, "अगर सेक्शन 10(10डी) की शर्तें पूरी नहीं होती हैं, तो बीमा पॉलिसी के तहत मिलने वाले रिटर्न कैपिटल गेन्स टैक्स (यूनिट-लिंक्ड बीमा पॉलिसी के लिए) या अन्य स्रोतों से इनकम (यूएलआईपी के अलावा अन्य पॉलिसी के लिए) के रूप में टैक्स लगाया जा सकता है।"
बजट में साफ किया गया है कि न्यू टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स की धारा 80CCD(2) के तहत, एनपीएस में निवेश किए गए कर्मचारी के मूल वेतन का 14% तक कर कटौती योग्य है।
सीतारमण ने शनिवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने बजट भाषण में कहा था कि सरकार आने वाले सप्ताह में संसद में नया आयकर विधेयक पेश करेगी, जो 1961 के कानून की जगह लेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल के अपने बजट भाषण में आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा किए जाने की घोषणा की थी।
मौजूदा आंकड़ों के अनुसार, लगभग 74-75 प्रतिशत व्यक्तिगत करदाता एनटीआर को अपना चुके हैं, जिसे सरकार कुछ साल पहले ही लेकर आई थी।
किराए पर टीडीएस की वार्षिक सीमा ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख कर दी गई है, जिससे छोटे करदाताओं को लाभ मिलेगा।
यानी अगर आपकी सैलरी 12.75 लाख रुपये सालाना है तो नई टैक्स रिजीम चुनना फायदे का सौदा रहेगा। वहीं, 14, 14 या 20 लाख सालाना सैलरी होने पर ओल्ड टैक्स रिजीम ही फायदे का सौदा रहेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स छूट से मिडल क्लास के लोगों के पास खपत के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे और इसके साथ ही वे निवेश में पैसा बढ़ा सकेंगे और बचत भी कर सकेंगे। नए टैक्स स्लैब की दरें 1 अप्रैल, 2025 से लागू होंगी, जिसके बाद 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर लोगों को किसी तरह का कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
निर्मला सीतारमण ने कहा, ''देशभर के 75 प्रतिशत टैक्सपेयर पहले ही पुरानी टैक्स व्यवस्था को छोड़कर नई टैक्स व्यवस्था में आ गए हैं। हमें उम्मीद है कि धीरे-धीरे सभी टैक्सपेयर पुरानी टैक्स व्यवस्था को छोड़कर नई टैक्स व्यवस्था में आ जाएंगे।''
वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स छूट से मिडल क्लास के लोगों के पास खपत के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे और इसके साथ ही वे निवेश में पैसा बढ़ा सकेंगे और बचत भी कर सकेंगे। वित्त मंत्री ने इसके साथ ही अलग-अलग टैक्स स्लैब में भी बदलाव का ऐलान किया।
Budget 2025 : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट और अपना 8वां बजट पेश किया.
धारा 87A के तहत छूट का मतलब है कि अगर आपकी शुद्ध कर योग्य आय 12 लाख रुपये तक है, तो आपको कर लाभ मिलेगा जो प्रभावी रूप से आपकी कर देयता को शून्य कर देता है। हालांकि, 1 रुपये की आय बढ़ने पर आपको टैक्स देना होगा।
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