Haqiqat Kya Hai: पाकिस्तान में आज फिर आग भड़क गई...पाकिस्तान में आज एक नहीं..दो दो शिकार तलाश किए जा रहे थे...पाकिस्तानी फौज, भीड़ और सरकार तीनों एक ही बात पर अड़े रही
इमरान के समर्थक प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों और सरकारी वाहनों को फूंक डाला। इन सबकी वजह से कंगाल पाकिस्तान को 25 करोड़ रुपए का चूना लगा है। इस आशय की रिपोर्ट इस्लामाबाद पुलिस ने जारी की है।
Pakistan Politics: पाकिस्तान में सरकार सड़क पर है , विपक्ष सड़क पर है ..सेना सड़क पर है। सुप्रीम कोर्ट सड़क पर है। पूरा मु्ल्क सड़क पर है। हर फैसला सड़क पर हो रहा है। इस वक्त सेना प्रमुख मुनीर और पीएम शहबाज़ की एक बैठक हो रही है।
पाकिस्तान के चीफ जस्टिस यानी सीजेपी ने पंजाब चुनाव पर न्यायिक आदेशों का पालन नहीं करने के लिए अधिकारियों की निंदा की।
इमरान खान की रिहाई के विरोध में फजलुर रहमान की पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर बड़े प्रोटेस्ट का ऐलान किया था। सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के पूरे इंतजाम किए थे, लेकिन प्रोटेस्टर्स पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़कर आगे बढ़ गए।
इमरान खान ने एक ट्वीट में कहा, "तो अब लंदन प्लान खत्म सबके सामना आ चुका है। जब मैं जेल के अंदर था, हिंसा के बहाने उन्होंने न्यायाधीश, जूरी और जल्लाद की भूमिका निभाई है। अब उनकी योजना बुशरा बेगम को जेल में डालकर मुझे दबाने की है और कुछ राजद्रोह कानून का उपयोग करके अगले दस सालों तक मुझे अंदर रखने का प्लान है।"
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की दुश्मनी का दायरा अब पीएम शहबाज शरीफ और उनकी सरकार तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि वह पाक सेना तक जा पहुंचा है। अपनी गिरफ्तारी के लिए पाक सेना चीफ आसिम मुनीर को इमरान खान द्वारा सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद यह दायरा अब और व्यापक हो चुका है।
शहबाज शरीफ ने स्पष्ट किया है कि इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसक प्रदर्शन करने वालों पर सख्ती दिखाते हुए शरीफ ने कहा कि हिंसक प्रदर्शन करने वाली भीड़ को कानून 72 घंटे में अपनी गिरफ्त में लेगा।
इमरान खान भी सरकार की रणनीति समझ रहे हैं, इसीलिए वो पूरी कोशिश करेंगे कि मुल्क में ऐसे हालात बना दिए जाएं, आवाम को इतना भड़का दिया जाए, जिससे सरकार तुरंत चुनाव कराने पर मजबूर हो जाए
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना प्रमुख पर बेहद सनसनीखेज आरोप लगाया है। इमरान ने 9 मई को अपनी गिरफ्तारी के लिए सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही इमरान ने यह भी कहा कि मेरी गिरफ्तारी के बाद देश में जहां भी हिंसा की घटनाएं हुईं,उसके लिए मैं कैसे जिम्मेदार हो सकता हूं?
इस्लामाबाद हाईकोर्ट जब इमरान खान के मसले पर सुनवाई कर रहा था, ठीक उसी वक्त कैबिनेट मंत्रियों की मीटिंग कर रहे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था। दरअसल शहबाज शरीफ इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से बिगड़े हालात और राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए पाकिस्तान में इमरजेंसी लगाने पर विचार कर रहे थे।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को एक बार फिर निशाना बनाकर गोली मारे जाने का सनसनीखेज मामला सामने आाय है। यह फायरिंग उस वक्त हुई जब इमरान खान जमानत मिलने के बाद इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आइएचसी) परिसर में ही मौजूद थे और वहां से वह बाहर निकल रहे थे। इसी दौरान कई राउंड फायरिंग की गई।
"तारीख पर तारीख...तारीख पर तारीख"... ये वाला डायलॉग तो आपने सुना भी होगा और अदालतों में इसे झेलते लोगों को देखा भी होगा। मगर अब "तारीख पर तारीख" की जगह हम आपको एक ऐसी घटना बताने जा रहे हैं, जहां इसकी बजाय "मुकदमे पर मुकदमा" है।
पाकिस्तान सरकार के प्रमुख गठबंधन सहयोगी ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के पक्ष में निर्णय लेने का सुप्रीम कोर्ट पर आरोप लगाया है। साथ ही इसके विरोध में सोमावर को हाईकोर्ट के समक्ष धरना देने की शुक्रवार को घोषणा की।
Pakistan News: इमरान खान आखिरकार इस्लामाबाद कोर्ट से निकल गए हैं. उन्हें बैकडोर से निकाला गया है. इससे पहले इमरान खान ने वीडियो मैसेज जारी करके कहा था कि मुझे पाकिस्तान की पुलिस ने बंधक बना लिया है.
इमरान खान को इस्लामाबाद होईकोर्ट ने जमानत दे दी. इमरान खान अपने घर पहुंच गए हैं. लेकिन अब इमरान खान को लेकर पाकिस्तान की हुकूमत और अदालतें आमने सामने हैं और पाकिस्तान की फौज में दरार पड़ गई है. पाकिस्तान में उन फौजी कमांडर्स और अफसरों के खिलाफ एक्शन शुरू हो गया है.
Pakistan Latest News: इमरान खान को तो आज ज़मानत मिल गई...लेकिन अब उनकी बेगम..बुशरा बीबी के जेल जाने का खतरा है. जिस अल कादिर ट्रस्ट स्कैम को लेकर इमरान खान को गिरफ्तार किया गया, उसी केस में नेशनल अकाउंटिबिलिटी ब्यूरो ने बुशरा बेगम को अरेस्ट करने की परमिशन मांगी है.
पाकिस्तान के 75 साल के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ..पाकिस्तान में फौज के प्रतिष्ठानों की बड़ी प्रतिष्ठा रही है... फौज की एक इमेज रही है. इमरान की गिरफ्तारी के बाद ना तो फौज की वर्दी की इज्जत रह गई है और ना फौज की इमारतों की कमांडरों के घरों में आग लगा दी गई, फौज को दौड़ाया जा रहा है.
पाकिस्तान के 75 साल के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ..पाकिस्तान में फौज के प्रतिष्ठानों की बड़ी प्रतिष्ठा रही है. फौज की एक इमेज रही है, इमरान की गिरफ्तारी के बाद ना तो फौज की वर्दी की इज्जत रह गई है और ना फौज की इमारतों की.
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