सरकार ने इस्पात विनिर्माताओं से ऐसे ग्रेड के इस्पात की पहचान करने को कहा जिनका विनिर्माण भारत में नहीं होता, लेकिन उनका इस्तेमाल व्यापक है।
अक्टूबर में पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में सालाना आधार पर 52 प्रतिशत की गिरावट रही। इसके साथ ही काजू का निर्यात 21.57 प्रतिशत, रत्न एवं आभूषणों का निर्यात 21.27 प्रतिशत, चमड़े का निर्यात 16.67 प्रतिशत, मानव निर्मित धागे/कपड़े का निर्यात 12.8 प्रतिशत, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान का निर्यात 9.4 प्रतिशत, कॉफी का निर्यात 9.2 प्रतिशत घट गया
देश से वस्तुओं का निर्यात अक्टूबर 2020 में 24.82 अरब डॉलर रहा। यह पिछले साल अक्टूबर के 26.23 अरब डॉलर के निर्यात से 5.4 प्रतिशत कम है। वहीं अक्टूबर के दौरान देश का आयात भी 11.56 प्रतिशत गिरकर 33.6 अरब डॉलर रहा। वहीं देश का व्यापार घाटा पिछले साल के मुकाबले 11.76 अरब डॉलर से घटकर 8.78 अरब डॉलर रहा।
आलू की आपूर्ति में सुधार के बारे में मंत्री ने कहा कि हम कीमतों को काबू में लाने के लिए करीब 10 लाख टन आलू का आयात करने जा रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ग्राहकों को त्योहारों के दौरान सब्जी सस्ते दाम पर मिले।
भूटान से बिना लाइसेंस आयात की छूट जनवरी 2021 तक रहेगी। सरकार के मुताबिक भूटान से अगले कुछ दिनों में 30,000 टन आलू देश में पहुंच जाएगा। वहीं आलू के खुदरा मूल्य पर लगाम लगाने के लिये कुल 10 लाख टन आलू का आयात किया जा रहा है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी फसल वर्ष 2020-21 के पहले अग्रिम उत्पादन अनुमान में खरीफ सीजन में तुअर का उत्पादन 40.4 लाख टन होने का आकलन किया गया है जबकि पिछले साल तुअर का उत्पादन 38.3 लाख टन हुआ था।
मंगलवार को देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव एपीएमसी में प्याज का औसत मूल्य 7100 रुपये प्रति क्विंटल रहा है। इस कीमत पर करीब 7000 टन प्याज नीलाम हुए हैं। ये कीमत पिछले 10 महीने का उच्चतम स्तर है।
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर 2020 में अमेरिका को होने वाला भारत का निर्यात 5.1 अरब डॉलर रहा, यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 15.5 प्रतिशत अधिक है
पिछले 7 महीने में पहली बार निर्यात में बढ़त दर्ज की गई है। वहीं, इस अवधि में देश का आयात 19.6 प्रतिशत घटकर 30.31 अरब डॉलर रह गया। एक साल पहले इसी महीने में यह 37.69 अरब डॉलर रहा था। सितंबर में व्यापार घाटा घटकर 2.72 अरब डॉलर रह गया।
चीन की अर्थव्यवस्था लॉकडाउन के बाद जल्दी खुल गई है, जिसका फायदा उसके निर्यातकों को हो रहा है। विशेषकर मास्क और चिकित्सा आपूर्ति के मामले में चीन के निर्यातकों की चांदी है
कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के चलते भारत के शीर्ष 12 बंदरगाहों पर माल की आवाजाही में सितंबर 2020 के दौरान लगातार छठे महीने गिरावट दर्ज की गई।
आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर के दौरान निर्यात में 21.43 प्रतिशत की गिरावट आई है।
पिछले साल ओपेन सेल पैनल के आयात पर एक साल की ड्यूटी में छूट दी थी । 30 सितंबर को ये समयसीमा खत्म हो रही है। जिसके बाद पहली अक्टूबर के बाद से एक बाऱ फिर ये ड्यूटी लागू हो जाएगी।
अपैल से अगस्त के बीच तापीय कोयला आयात 25.42 प्रतिशत घटकर 2.893 करोड़ टन, जबकि कोकिंग कायले का आयात 31.87 प्रतिशत घटकर 1.684 करोड़ टन रहा।
सरकार के अनुमान के अनुसार, फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) के दौरान देश का कुल दलहन उत्पादन 2.31 करोड़ टन रहा था, जो पिछले वर्ष 2.21 करोड़ टन के करीब रहा था। इसमें से मसूर दाल का उत्पादन घटकर 11.8 लाख टन रह जाने का अनुमान है जो उत्पादन वर्ष 2018-19 में 12.3 लाख टन का हुआ था।
पहले से तनाव में चल रहे अमेरिका और चीन के रिश्तों के बीच कोविड-19 संकट के बाद खटास और बढ़ गई है।
आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत देश में 40,000 करोड़ रुपये की लागत से नई उर्वरक उत्पादन इकाइयों की स्थापना की जा रही है जिससे आयात पर निर्भरता में भी कमी आयेगी। देश में उर्वरक उत्पादन 4.2 से 4.5 करोड़ टन है और आयात करीब 1.8 करोड़ टन है।
वित्त वर्ष के पहले पांच माह (अप्रैल-अगस्त) में कोयले का आयात 32.51 प्रतिशत घटकर 7.30 करोड़ टन रह गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 10.82 करोड़ टन था।
देश के प्रमुख बंदरगाहों की माल ढुलाई (माल चढ़ाना उतारना) चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से अगस्त की अवधि के दौरान 16.56 प्रतिशत घटकर 24.50 करोड़ टन रह गई।
पाम आयल का आयात पिछले साल के मुकाबले 13.9 फीसदी की गिरावट के साथ 7.34 लाख टन के स्तर पर रहा है। सोयाऑयल आयात पिछले साल के मुकाबले 10.4 फीसदी की गिरावट के साथ 3.94 लाख टन के स्तर पर आ गया है।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़