फरवरी के दौरान तेल का आयात 16.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ 8.99 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया। वहीं वित्त वर्ष के 11 महीनों के दौरान तेल का आयात 40.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 72.08 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया है।
जनवरी में भारत का कोयला आयात बढ़कर 2 करोड़ टन से अधिक रहा, जो एक साल पहले समान महीने में 1.86 करोड़ टन रहा था। जनवरी में कोयले के कुल आयात में नॉन कोकिंग कोयले का हिस्सा 1.27 करोड़ टन और कोकिंग कोयले का हिस्सा 56.2 लाख टन रहा।
वर्तमान में भारत में आटोमोबाइल क्षेत्र के कलपुर्जों के विनिर्माण में 70 प्रतिशत तक स्थानीय उत्पादों का इस्तेमाल होता है। जिसे अब सरकार बढ़ाकर 100 प्रतिशत करना चाहती है जिससे आयात पर निर्भरता खत्म हो।
मलेशिया के द्वारा पाकिस्तान का पक्ष लेने और भारत के घरेलू मामलें में बयान बाजी के बाद भारत ने पाम तेल के आयात पर सख्त रुख अपनाया था। जिसके जबाव में पाकिस्तान ने मलेशिया से पाम तेल की खरीद बढ़ा दी। हाल ये है कि अब आयात बिल बढ़ने के साथ पाकिस्तान का सरकारी घाटा भी बेकाबू होने जा रहा है।
कृषि मंत्री के मुताबिक देश में गेहूं व धान की खरीद तो एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर होती थी, लेकिन दलहन व तिलहन की खरीद की व्यवस्था नहीं थी, केंद्र सरकार ने किसानों को आय समर्थन के लिए इन्हें भी एमएसपी पर खरीदने की व्यवस्था की है, जिससे दलहन की पैदावार बढ़ाने में मदद मिली है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार आम बजट 2021-22 को पेश करते हुए इन सामानों में लगने वाले आयातित उपकरणों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान किया है।
अभूतपूर्व मुश्किलों व चुनौतियों के बावजूद चीन के विदेश व्यापार में साल 2020 में अच्छी उपलब्धियां हासिल हुईं। चीनी राजकीय कस्टम ब्यूरो द्वारा 14 जनवरी को जारी आंकड़ों के अनुसार चीन विश्व में आर्थिक सकारात्मक वृद्धि प्राप्त करने वाला एकमात्र मुख्य आर्थिक समुदाय बना।
रत्न और आभूषण उद्योग के लिए कर्ज पर समान मासिक किस्त (ईएमआई) की सुविधा दी जानी चाहिए और नकद खरीद की सीमा को मौजूदा 10,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करना चाहिए।
नवंबर महीने देश का कोयला आयात पिछले वित्त वर्ष के 217.2 लाख टन से कम होकर 203.5 लाख टन पर आ गया। रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर 2020 में प्रमुख व अन्य बंदरगाहों से भारत का कोयला व कोक आयात नवंबर 2019 की तुलना में 6.3 प्रतिशत कम हुआ।
इस साल एक से सात जनवरी के बीच आयात भी 1.07 प्रतिशत बढ़कर 8.7 अरब डॉलर रहा जो 2020 में इसी अवधि में 8.6 अरब डॉलर था। औषधि, पेट्रोलियम और इंजीनियरिंग वस्तुओं के निर्यात सबसे ज्यादा बढ़त
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चमड़ा और समुद्री उत्पादों जैसे क्षेत्रों में गिरावट के कारण, दिसंबर 2020 में भारत का निर्यात 0.8 प्रतिशत घटकर USD 26.89 बिलियन डॉलर रह गया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चमड़ा और समुद्री उत्पादों जैसे क्षेत्रों में गिरावट के कारण, दिसंबर 2020 में भारत का निर्यात 0.8 प्रतिशत घटकर USD 26.89 बिलियन डॉलर रह गया।
संशोधित कुरियर इम्पोर्ट्स एंड एक्सपोर्ट (इलेक्ट्रॉनिक डिक्लरेशन एंड प्रोसेसिंग) संशोधन नियम, 2020 में कहा गया है कि कोविड-19 से संबंधित वैक्सीन के आयात और निर्यात को बिना किसी मूल्य सीमा के अनुमति प्रदान की जाती है।
वित्त मंत्रालय की ओर से हाल ही में जारी बयान में कहा गया है कि बजट से पहले नौ समूहों में शामिल 170 एक्सपर्ट्स, अर्थशास्त्रियों और कारोबारियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 15 वर्चुअल बैठकों में भाग लिया। इन बैठकों में बजट को लेकर कई अहम सुझाव मिले हैं।
उद्योग संगठन ने स्टेनलेस स्टील के बने चादरें समेत अन्य फ्लैट उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने और उसे कार्बन स्टील उत्पादों के स्तर पर लाने की मांग की है।
कृषि मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा कि बाजार में प्याज की ऊंची कीमतों को लेकर आम लोगों में चिंता है। इसको देखते हुए प्याज आयात के नियमों में दी गयी ढील को 31 जनवरी, 2021 तक बढ़ाया जा रहा है। हालांकि, यह छूट कुछ शर्तों के साथ दी गई है।
एग्री और फार्मा सेक्टर में बढ़त के बावजूद देश का निर्यात कारोबार नवंबर महीने में पिछले साल के इसी माह के मुकाबले 8.74 प्रतिशत गिरकर 23.52 अरब डालर रह गया। नवंबर के महीने में कुल निर्यात में ये गिरावट पेट्रोलियम, इंजीनियरिंग, रसायन और रत्न एवं आभूषण क्षेत्र से होने वाले निर्यात में कमी रहने की वजह से देखने को मिली है।
वर्ष के पहले आठ माह में फार्मा क्षेत्र का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। इस क्षेत्र का निर्यात 15 प्रतिशत बढ़ा है। इसके अलावा चावल का निर्यात 39 प्रतिशत और लौह अयस्क का 62 प्रतिशत बढ़ा है।
सरकार ने गुरुवार (26 नवंबर) को कच्चे पाम तेल (सीपीओ) पर मूल सीमा शुल्क घटाकर 27.5 प्रतिशत कर दिया है।
एसोसिएशन के मुताबिक सरसों की बेहतर कीमत मिलने की वजह से इस सीजन में सरसों का का रकबा बढ़ा है। जिससे इस साल खाद्य तेल का उत्पादन भी बढ़ सकता है।
फिलहाल भारत में कीटनाशक इंडस्ट्री का आकार 43 हजार करोड़ रुपये का है। इसमें आयात का हिस्सा 23 हजार करोड़ रुपये और घरेलू कंपनियां का हिस्सा 20 हजार करोड़ रुपये का है।
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