चीन को निर्यात आलोच्य अवधि में बढ़कर 6.91 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले 2023-24 में अप्रैल-सितंबर के दौरान 7.63 अरब डॉलर था। अमेरिका 2023-24 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 22 सितंबर को दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 55 रुपये प्रति किलो थी, जो एक साल पहले की समान अवधि में 38 रुपये प्रति किलोग्राम थी। मुंबई और चेन्नई में प्याज कीमतें क्रमशः 58 रुपये और 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं।
दोनों देश सीईपीए को उन्नत करने के लिए समीक्षा बैठकें कर रहे हैं, जिसे जनवरी 2010 में क्रियान्वित किया गया था। अब तक समीक्षा वार्ता के 10 से अधिक दौर आयोजित हो चुके हैं।
अगस्त 2024 में अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सिंगापुर, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, नेपाल, बेल्जियम और तुर्की को होने वाले निर्यात में भी गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान यूएई, स्विट्जरलैंड, दक्षिण कोरिया, जापान, थाईलैंड, वियतनाम और ताइवान से आयात में बढ़ोतरी हुई है।
जुलाई में भारत के कुल आयात में रूसी कच्चे तेल का रिकॉर्ड 44 प्रतिशत हिस्सा रहा। यह बढ़कर रिकॉर्ड 2.07 मिलियन बैरल प्रति दिन हो गया। यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू करने के बाद से रूस के साथ भारत का व्यापार बढ़ा है।
वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में वस्तुओं और सेवाओं का कुल निर्यात लगभग 200 अरब डॉलर रहा है। जून में कच्चा तेल आयात 19.62 प्रतिशत बढ़कर 15 अरब डॉलर हो गया।
राजस्व बजट में सरकार की राजस्व प्राप्तियां और उसका व्यय शामिल होता है। राजस्व प्राप्तियों को कर और गैर-कर राजस्व में विभाजित किया जाता है। सामान्य मूल्य स्तर में लगातार बढ़ोतरी मुद्रास्फीति है।
इंडोनेशिया और मलेशिया भारत को रिफाइंड पामोलिन और सीपीओ के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं, जो मुख्य रूप से अर्जेंटीना और ब्राजील से सोया तेल और रूस, रोमानिया, यूक्रेन और अर्जेंटीना से सूरजमुखी तेल का आयात करता है।
रूस से सस्ता तेल खरीदना जारी रखने की भारत की रणनीति के चलते वित्त वर्ष 2022-23 के पहले 11 महीनों के दौरान देश के तेल आयात बिल में लगभग 7.9 बिलियन डॉलर की बचत हुई है और देश को अपने चालू खाता घाटे को कम करने में भी मदद मिली है।
India export in March : भू-राजनीतिक तनावों के चलते मार्च में भारत का एक्सपोर्ट घटकर 41.68 अरब डॉलर रह गया। वहीं, देश का आयात 5.98 प्रतिशत घटकर 57.28 अरब डॉलर रह गया।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल उपभोक्ता और आयातक देश है। एक साल पहले कुल खाद्य तेल आयात 11.35 लाख टन था। ग्लोबल बाजार में पाम तेल सूरजमुखी तेल की तुलना में 70 डॉलर प्रति टन अधिक महंगा हो गया है।
अमेरिकी की ओर से पिछले एक साल में भारत को 10 लाख पेटी सेब का निर्यात किया गया है। इससे पहले सेब पर आयात शुल्क में 20 प्रतिशत की वृद्धि के कारण वाशिंगटन राज्य से भारत तक सेब निर्यात बाजार में गिरावट आई थी।
शुल्क में कटौती से अमेरिका को भारतीय बाजार में दस्तक देने में मदद मिलेगी और भारत में इन उत्पादों की कीमतें कम होंगी। इस कदम से डब्ल्यूटीओ का हिस्सा बनने वाले अन्य देशों को भी लाभ होगा।
सरकार ने बजट 2023 के दौरान चांदी के डोर, बार और वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ा दिया था, ताकि उन्हें सोने और प्लैटिनम के बराबर किया जा सके।
वर्तमान में भारत में स्मार्टफोन के आयातित घटकों पर शुल्क 7.5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत के बीच है। बजट में इन टैक्स को बरकरार रखा जाना चाहिए।
Export Data: भारत के व्यापारिक घाटे में दिसंबर 2023 में कमी देखने को मिली है। इस दौरान आयात में कमी आई है। वहीं, निर्यात बढ़ा है।
अधिकारी ने कहा कि सरकार पहले ही सालाना आयात से अधिक आयात की अनुमति दे चुकी है। तो कौन सी कंपनियां हैं, किस तरह की आपूर्ति आ रही है, निर्णय लेने से पहले इसपर गौर करना होगा।
लोकल मैनुफैक्चरर ने भारतीय बाजार में लगभग 1,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है। सरकारी हस्तक्षेप से घरेलू कंपनियों को सालाना आधार पर अपनी क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी और छह महीने के भीतर रोजगार के 25,000 मौके पैदा होंगे।
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