पाकिस्तान ने पिछले महीने 6 अरब डॉलर के राहत पैकेज के लिए आईएमएफ के साथ समझौता किया था। इस राशि का उपयोग पाकिस्तान अपने वित्तीय संकट को दूर करने में करेगा।
चीन पाकिस्तान में बहुत अधिक निवेश कर रहा है। वह 60 अरब डॉलर वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के तहत यहां निवेश कर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से विशेष आहरण अधिकार 61 लाख डॉलर बढ़कर 1.44 अरब डॉलर हो गया।
डॉलर में व्यक्त किए जाने वाले विदेशी मुद्रा संपत्ति पर भंडार में मौजूद गैर-अमेरिकी मुद्रा जैसे यूरो, पौंड और येन में होने वाले उतार-चढ़ाव का प्रभाव पड़ता है।
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान देश के स्वर्ण भंडार में कोई बदलाव नहीं आया और यह 23.021 अरब डॉलर के स्तर पर स्थिर बना रहा।
उल्लेखनीय है कि 13 अप्रैल 2018 को विदेशी मुद्रा भंडार ने 426.028 अरब डॉलर का सर्वकालिक ऊंचा स्तर छूकर एक रिकॉर्ड बनाया था।
भारतीय उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र फिर से खोलने के बारे में पाकिस्तान सरकार 15 मई को समीक्षा करेगी।
पेरिस में एक सम्मेलन के दौरान लेगार्ड ने संवाददाताओं से कहा कि स्पष्ट रूप से अमेरिका तथा चीन के बीच तनाव दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है।
पाकिस्तान के अधिकारियों ने बताया कि इस नए घटनाक्रम का आईएमएफ के साथ बातचीत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
दोनों पक्ष पाकिस्तान को सात से आठ अरब डॉलर का कर्ज प्रदान करने की संभावना पर विचार-विमर्श करेंगे।
नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से मिलने वाले महत्वपूर्ण राहत पैकेज पर समझौता होने से पहले बृहस्पतिवार को इस्तीफा दे दिया।
उमर ने कहा कि मंत्रिमंडल में फेरबदल की योजना के तहत प्रधानमंत्री चाहते थे कि मैं वित्त मंत्रालय की जगह ऊर्जा मंत्रालय का काम संभालूं।
वित्त मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के पैकेज से देश के सिकुड़ते मुद्रा भंडार के दबाव से निपटने में मदद मिलेगी।
पाकिस्तान के अखबार डॉन ने सोमवार को आधिकारिक स्रोतों के हवाले से कहा कि राहत पैकेज को अंतिम रूप देने के लिए यहां आने वाले आईएमएफ दल के आने की योजना टल सकती है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से पाकिस्तान को मिलने वाले राहत पैकेज में देरी हो सकती है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आईएमएफ ने पाकिस्तान से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गालियारे (सीपीईसी) की जानकारी मांगी है।
भारत में सामाजिक सहायता कार्यक्रम के प्रंबधन में इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म अपनाने से खर्च में 17 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि इस कार्यक्रम के तहत दिए जाने वाले लाभ में कोई कमी नहीं आई है।
आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में 2019 के दौरान दुनिया की 70 प्रतिशत अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती आने का अनुमान जताया है।
आईएमएफ ने जनवरी में जारी अपने पहले के अनुमान के मुकाबले इस ताजा अनुमान में भारत की वृद्धि अनुमान में 2019-20 और 2020-21 के लिए 20 आधार अंकों की कटौती की है।
वर्तमान में हमारी स्थिति ऐसी है कि हम पुराने ऋण चुकाने के लिए नया कर्ज नहीं ले रहे हैं, बल्कि ब्याज का भुगतान करने के लिए ऋण ले रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार पहली तीन तिमाही के आंकड़ों से पता चलता है कि वृद्धि व्यापक रही है। औद्योगिक वृद्धि बढ़कर 7.9 प्रतिशत पर आ गई।
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