कई देश उन कर्जों से जूझ रहे हैं जो उन्होंने कोविड-19 महामारी से निपटने को लेकर लिए थे। आईएमएफ के मुताबिक, इस साल दुनिया भर में सरकारी कर्ज 1,00,000 अरब डॉलर से ऊपर पहुंच जाएगा।
देश की श्रम शक्ति में महिलाओं की कम भागीदारी तथा युवाओं में व्याप्त बेरोजगारी पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, पहली तो यह कि भारत में रोजगार सृजन को लेकर कई सवाल खड़े हैं।
विश्व आर्थिक परिदृश्य में आईएमएफ ने कहा कि लेटेस्ट आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी वृद्धि 2023-24 में 8.2 प्रतिशत से घटकर 6.5 से 7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
हाल ही में स्वीकृत 7 अरब डॉलर के राहत पैकेज के बाद आईएमएफ ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान को उछाल-मंदी चक्र से बचने के लिए पिछले 75 वर्षों की अपनी आर्थिक नीतियों को बदलना होगा।
पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहा है। हालात ये हैं कि उसे अपनी व्यवस्था चलाने के लिए इंटरनेशनल लेवल पर भीख मांगनी पड़ रही है। हालही में उसने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 7 अरब अमेरिकी डॉलर के लोन की डील की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को कटोरा लेकर भीख मांगने के लिए मजबूर तो किया ही, अब उसे पूरी तरह से दरिद्र भी बना दिया है। पाकिस्तान के पास अब जीवन चलाने के लिए फूटी कौड़ी भी नहीं है। लिहाजा वह आईएमएफ से फिर 7 बिलियन डॉलर का कर्ज ले रहा है।
इससे पिछले हफ्ते (30 अगस्त को खत्म हुए हफ्ते में) विदेशी मुद्रा भंडार 2.29 अरब डॉलर के उछाल के साथ 683.99 अरब डॉलर पर पहुंच गया था, जो उस हफ्ते तक का ऑल टाइम हाई था।
इससे पिछले हफ्ते यानी 23 अगस्त को खत्म हुए हफ्ते के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 7.023 अरब डॉलर की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी, जिसके बाद ये बढ़कर 681.688 अरब डॉलर हो गया था।
गोपीनाथ ने यह भी बताया कि देश को अगले 5-6 सालों में लाखों नौकरियां पैदा करने की जरूरत है। आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2025 के लिए आर्थिक विकास के अनुमान को अप्रैल में लगाए गए 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया है।
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 18 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 670.85 अरब डॉलर के ऑल टाइम हाई लेवल पर रहा था। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 2 अगस्त को खत्म हुए हफ्ते में मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां भी 5.16 अरब डॉलर बढ़कर 592.03 अरब डॉलर हो गईं।
पाकिस्तान ने साल 2024 में आईएमएफ से एसडीआर में 1.35 अरब अमरीकी डॉलर उधार लिए। साथ ही एसडीआर में 64.669 करोड़ अमरीकी डॉलर चुकाए।
मुद्रा कोष ने यह भी कहा कि बढ़ती कीमतों के खिलाफ दुनियाभर में प्रगति धीमी हुई है। इसका कारण हवाई यात्रा से लेकर रेस्तरां में भोजन करने जैसी सेवाओं की महंगाई है।
पाकिस्तान बदहाली के रास्ते से बाहर नहीं निकल पा रहा है। अब भी पाकिस्तान महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़ रखी है। आटा, दाल, दूध, चावल और चीनी खरीदने में ही पाकिस्तानियों की नानी याद आ जा रही है। ऐसे में पीएम शहबाज शरीफ ने आइएमएफ से फिर 7 अरब डॉलर का नया कर्ज लिया है।
पाकिस्तान एक बार फिर से राजनीतिक संकट की ओर जाता दिखाई दे रहा है। राष्ट्रपति जरदारी ने कहा कि हम जानते हैं कि सरकार कैसे बनाई और गिराई जाती है। हम लोगों को उनके हाल पर नहीं छोड़ेंगे।
पाकिस्तान में शहबाज शरीफ की सरकार मुश्किल में फंसती हुई नजर आ रही है। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा है कि वो जनता को उसके हाल पर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा हम जानते हैं कि सरकार कैसे बनाई जाती है और गिराई जाती है।
सूत्रों ने बताया कि इस बात पर चर्चा चल रही है कि ऐसे वेतनभोगी और गैर-वेतनभोगी व्यक्ति, जिनकी मासिक आय 4,67,000 पाकिस्तानी रुपये से थोड़ी अधिक है, उनसे 45 प्रतिशत की नयी भारी-भरकम आयकर दर वसूली जाए या नहीं।
पाकिस्तान अपनी कंगाली दूर करने के लिए आमजनों को गन्ने की तरह निचोड़ लेना चाहता है। यही वजह है कि 4.67 लाख रुपये की कमाई करने वाले पाकिस्तानियों से 45 फीसदी टैक्स वसूलने का प्लान बन रहा है। हालांकि अभी इस पर सहमति नहीं बनी है। अभी तक 5 लाख पर 35 फीसदी टैक्स वसूला जाता है।
कंगाल पाकिस्तान एक बार फिर बर्बादी की राह पर है। अब तो अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी संदेह जाहिर किया है कि पाकिस्तान कर्ज लौटाने की क्षमता रखता है या नहीं।
आईएमएफ अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान को इस सप्ताह यह कर्ज दे दिया जाएगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सऊदी अरब के रियाद में आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात के एक दिन बाद ऋण को मंजूरी दी गई है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान की मदद की है। पाकिस्तान को अपनी आर्थिक हालत सुधारने के लिए नया कर्ज मिल गया है। पीएम शहबाज शरीफ ने इसे लेकर आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात की थी।
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