मई और जून के महीने में इस साल दिल्ली-एनसीआर में रिकॉर्डतोड़ बारिश हुई है। जून में इस बार 100 एमएम से भी ज्यादा बारिश हुई और तापमान भी सामान्य स्तर से कम ही रहा।
क्या गुजरात, क्या बिहार और क्या असम... देश के कई राज्यों में मौसम की मार देखने को मिल रही है। अलग-अलग जिलों से बाढ़-बारिश और लैंडस्लाइड की खौफनाक तस्वीरें सामने आ रही है।
भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र ने गुरुवार को हल्की से मध्यम बारिश का अलर्ट जारी किया था। दिल्ली में 25 जून को ही मानसून आ चुका है, जिसके बाद भी दिल्लीवासी अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 25 जून को मानसून ने दस्तक दी थी, जिसके बाद कई जगहों पर हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हुई थी। जून के महीने में अबतक 15 दिन बारिश हो चुकी है। यह पिछले 13 वर्षों में सबसे ज्यादा है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने सामान्य समय 1 जून के मुकाबले एक हफ्ते की देरी से 8 जून को इस बार केरल पहुंचा। मौसम विभाग ने कहा कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने जैसे अन्य कई कारणों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की गति धीमी है।
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरे मध्य प्रदेश में पहुंच चुका है। विभाग ने चेतावनी दी है कि मानसूनी गतिविधियों के कारण राज्य में गरज चमक के साथ बिजली गिरने की घटनाओं में भी वृद्धि हो सकती है।
दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में रात से जमकर बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए भारी बारिश की संभावना जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का कहना है कि बेंगलुरु शहरी और ग्रामीण जिलों में गुरुवार से रविवार तक कई जगहों पर बारिश हो सकती है।
भारत में अल नीनो के चलते मानसून के आने में देरी हुई। हालांकि चक्रवात बिपारजॉय ने इसमें अहम भूमिका निभाई।
असम में ब्रह्मपुत्र समेत उसकी कई सहायक नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD ने राज्यभर में अगले कई दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
एक IMD वैज्ञानिक आशीष कुमार ने बताया है कि अगले 5 दिनों में तापमान में गिरावट हो सकती है। 19 तारीख के बाद से मॉनसून के हालात बन रहे हैं।
गुरुवार शाम को चक्रवाती तूफ़ान बिपारजॉय गुजरात से टकराया था, जिसके बाद से गुजरात समेत दक्षिण भारत में भारी बारिश हो रही है। इसकी वजह से IMD ने कई निचले इलाकों में बाढ़ की चेतवानी जारी की है।
सरकार ने तूफान पर प्रभावी तरीके से नजर रखने के लिए नई दिल्ली में वॉर रूम बनाए हैं। बिपरजॉय के चलते गृह मंत्री अमित शाह ने अपना तेलंगाना का दौरा भी रद्द कर दिया है। वह दिल्ली में गृह मंत्रालय से राहत और बचाव कार्य के समन्वय की निगरानी करेंगे।
संभावित चक्रवाती तूफान का संकेत देने के लिए कच्छ के कांडला बंदरगाह पर सिग्नल नंबर 9 लगा दिया गया है। मुंद्रा और मांडवी बंदरगाह पर भी सिग्नल 9 लगाया गया है।
मॉनसून ने कल ही भारतीय भूमि पर दस्तक दी है। आईएमडी ने कहा था कि अरब सागर में उठे चक्रवाती तूफान के कारण केरल में मानसून एक जून की सामान्य तिथि से हफ्ते भर की देरी से पहुंचा है।
चक्रवाती तूफान बिपारजॉय के लिए अगले 48 घंटे बेहद अहम है। संभावना जताई जा रही है कि इस दौरान चक्रवाती तूफान की रफ्तार विकराल रूप ले सकता है। इस कारण राज्य सरकारों ने तैयारी शुरू कर दी है।
दक्षिण पश्चिम मॉनसून आम तौर पर केरल में 1 जून तक पहुंच जाता है और सामान्यत: एक जून से करीब सात दिन पहले या बाद में यह पहुंचता है। मई के मध्य में आईएमडी ने कहा था कि मॉनसून केरल में चार जून के आसपास पहुंच सकता है।
दिल्ली में गुरुवार को तापमान 40 डिग्री सेल्सियस और 12 जून तक 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है। इसके साथ ही दिन में तेज गर्म हवाओं के चलने की भी चेतावनी दी गई है।
मई का महीना 36 साल में पहली बार बेहद कम गर्म दर्ज किया गया है। मौसम केंद्र ने पिछले साल मानसून-पूर्व मौसम में नौ अप्रैल और चार मई के बीच 13 दिन लू की स्थिति दर्ज की थी।
मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में बुधवार 7 जून को अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है। इसके साथ ही गुरुवार से तापमन में बढ़ोतरी होना शुरू हो जाएगी।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़