उत्तर और मध्य भारत में फिलहाल लू और गर्मी से राहत नहीं मिलेगी। विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, जम्मू संभाग, हिमाचल प्रदेश, विदर्भ, गुजरात, झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश में अगने कुछ दिनों में भीषण गर्मी पड़ेगी।
मौसम विभाग ने इस असामान्य गर्मी के लिए उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और दक्षिण भारत में किसी भी व्यापक मौसमी परिस्थितियां नहीं बनने के कारण वर्षा की कमी को जिम्मेदार ठहराया।
दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर एलपीए पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ गया और गुरुवार सुबह दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे सटे पूर्वी भूमध्यरेखीय हिंद महासागर पर केंद्रित हो गया है। इसके पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने की संभावना है।
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, हवा में आर्द्रता का स्तर 91 प्रतिशत रहा। वहीं, दिन में आंशिक रूप से बादल छाने और अधिकतम तापमान के 29 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का पूर्वानुमान है।
आईएमडी के मुताबिक आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ हल्की बारिश या बूंदाबांदी होने की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग ने पहले ही यह अनुमान जताया था कि दो से चार फरवरी के बीच दिल्ली समेत उत्तरी बारिश के कई हिस्सों में बारिश होगी।
आईएमडी के अनुसार, एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ 2 फरवरी से उत्तर पश्चिमी भारत को प्रभावित करने की बहुत संभावना है। मौसम एजेंसी ने कहा, "3 फरवरी को दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और पड़ोस में एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि बारिश के चलते पारा थोड़ा और लुढ़क सकता है। दिल्ली-एनसीआर, यूपी, हरियाणा जैसे उत्तर भारत के राज्यों के अलावा सिक्किम, बंगाल, बिहार, झारखंड यानी पूर्वी भारत में भी 22 और 23 जनवरी को बारिश होने की संभावना है।
वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली (सफर) ने कहा, “कल रुक-रुक कर हुई बारिश के कारण हवा में सूक्ष्म कण (पार्टिकुलेट मैटर) के गीले जमाव के कारण एक्यूआई आज (गुरुवार) सुधर कर 'खराब' श्रेणी में आ गया।
नए साल पर मौसम की बात करें तो पंजाब और हरियाणा में अधिकतर स्थानों पर कड़ाके की ठंड जारी रही और घना कोहरा भी देखने को मिला।
न्यूनतम तापमान में थोड़ी-सी वृद्धि हुई लेकिन यह अब भी कम बना हुआ है जिससे सुबह बेहद ठंड पड़ रही है। भारत मौसम विज्ञान (आईएमडी) विभाग के अनुसार, सापेक्ष आर्द्रता 94 प्रतिशत दर्ज की गयी।
पूर्वी भारत के ज्यादातर हिस्सों और महाराष्ट्र में अगले चार दिनों में तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की जा सकती है।
मौसम कार्यालय ने एक बयान में कहा कि चक्रवाती तूफान कमजोर होकर एक गहरे दबाव में बदल गया है और यह शाम 5:30 बजे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर, विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश से लगभग 180 किमी पूर्व-दक्षिण पूर्व में और पुरी, ओडिशा से 330 किमी दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित था।
मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में बन रहे निम्न वायु दाब के गहरे अवदाब में तब्दील होने और इसके बाद चक्रवाती तूफान का रूप धारण करने की संभावना है। इसके शनिवार को पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी, उत्तरी आंध्र प्रदेश तट-दक्षिण ओडिशा तट शनिवार सुबह पहुंचने की संभावना है।
मौसम विभाग ने कहा, ‘‘संभावना है कि उत्तरी-पूर्वी राज्यों में 5-6 दिसंबर को भारी बारिश हो सकती है।’’
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रविवार को 20 किलोमीटर प्रति घंटे और सोमवार को 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाओं से वायु गुणवत्ता में और दृश्यता में सुधार देखने को मिला है।
मौसम विभाग ने रविवार की सुबह आसमान साफ रहने और हल्का कोहरा छाये रहने का अनुमान जताया है, जबकि अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 27 डिग्री और 12 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा, '' केरल तट के पास 40-50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी जाती है।''
आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर बालाजी नरसिम्हन का कहना है कि निश्चित तौर पर यह असामान्य अक्टूबर था। उन्होंने इसके लिए अवसंरचनात्मक चुनौतियों और बेरोकटोक हो रहे विकास कार्यों को जिम्मेदार ठहराया। नरसिम्हन ने 2105 में चेन्नई में आई बाढ़ का भी अध्ययन किया था।
सोमवार को भारी बारिश की वजह से कई इलाकों में जलजमाव और यातायात की समस्या पैदा हो गई। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने सोमवार को ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की।
संपादक की पसंद