अप्रैल माह में देश का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन पिछले दो महीनों की लगातार तेजी के बाद घटा है। अप्रैल 2016 में आईआईपी में 0.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
सरकार औद्योगिक उत्पादन और थोकमूल्य संबंधी संशोधित सूचकांक लेकर आएगी ताकि उन्हें बदलते आर्थिक परिदृश्य के ज्यादा अनुकूल संकेतक बनाया जा सके।
बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज लगभग 46 अंक चढ़कर 26,713.93 अंक पर बंद हुआ। आईटी और रीयल्टी कंपनियों के शेयरों में चमक देखने को मिली।
महंगाई आंकड़ों के सरकार की चिंता बढ़ा दी है। अप्रैल में रिटेल महंगाई दर (सीपीआई) बढ़कर 5.39 फीसदी हो गई है। जबकि मार्च में महंगाई दर 4.83 फीसदी थी।
देश में आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर मार्च में पिछले 16 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। मार्च में कोर सेक्टर की वृद्धि दर 6.4 फीसदी रही।
औद्योगिक उत्पादन ने रफ्तार पकड़ ली है और इसमें अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है। फरवरी महीने में आईआईपी ग्रोथ बढ़कर 2 फीसदी हो गई है।
शेयर बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक और मुद्रास्फीति जैसे बड़े आर्थिक आंकड़े आगामी सप्ताह में शेयर बाजार की दिशा को निर्धारित करेंगे।
अर्थव्यवस्था में सुस्ती का संकेत देते हुए लगातार तीसरे महीने जनवरी में भी औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई है।
पहली खबर नवंबर में औद्योगिक उत्पादन में सालाना आधार पर 3.2 फीसदी की कमी आई है। अक्टूबर में इसमें 9.8 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी।
भारत के कोर सेक्टर की ग्रोथ नवंबर में 1.3 फीसदी घटी है, इससे पहले लगातार छह महीने तक इसमें वृद्धि दर्ज की गई थी।
बंबई शेयर बाजार का सूचकांक आज के शुरूआती कारोबार में 176 अंक फिसलकर 25,000 और एनएसई निफ्टी 59.40 अंक टूटकर 7,600 के स्तर से नीचे आ गया।
जीएसटी विधेयक को लेकर राजनीतिक घटनाक्रमों और अनिश्चित ग्लोबल संकेतों से बाजार को दिशा मिलेगी। एनालिस्टों के मुताबिक आईआईपी के आंकड़े बाजार के लिए अहम है।
देश के आठ कोर सेक्टर की ग्रोथ में कोई रफ्तार नहीं आई है। अक्टूबर में ग्रोथ रेट 3.2 फीसदी रही है। इससे पहले सितंबर महीने में भी ग्रोथ रेट यही थी।
विनिर्माण तथा गैर टिकाऊ उपभोक्ता क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सितंबर माह में घटकर 3.6 फीसदी रह गई।
नई दिल्ली: अगस्त में देश के औद्योगिक उत्पादन में तेज सुधार आया है। विनिर्माण और माइनिंग में गतिविधियां तेज होने से अगस्त में आईआईपी ग्रोथ 6.4 फीसदी दर्ज की गई है। इससे पहले जुलाई माह
नई दिल्ली: देश के आठ प्रमुख उद्योगों की विकास दर अगस्त 2015 में बढ़कर 2.6 फीसदी रही, जो जुलाई में 1.1 फीसदी थी। अगस्त 2014 में यह दर 5.9 फीसदी थी। यह जानकारी बुधवार को
नईदिल्ली: औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर जुलाई 2015 में 4.2 प्रतिशत रही जो पिछले वर्ष इसी माह में 0.9 प्रतिशत थी। विनिर्माण क्षेत्र खासकर पूंजीगत सामान उद्योग का प्रदर्शन बेहतर रहा। हालांकि, औद्योगिक उत्पादन में सुधार
नई दिल्ली: विनिर्माण गतिविधि में सुधार की वजह से जून में औद्योगिक उत्पादन (IIP) में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जो चार माह का उच्च स्तर है। पिछले साल जून में उत्पादन 4.3
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