महंगाई दर 4 से 6 प्रतिशत के मुद्रास्फीति के लक्ष्य से कम है। ऐसे में इस बात की संभावना बनी है कि रिजर्व बैंक नीतिगत ब्याज दरें और घटा सकता है।
मई में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 1.7 प्रतिशत रही, पिछले साल समान महीने में यह 8% पर थी। अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत थी।
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर मई में घटकर 5 महीने के निचले स्तर 2.17% पर आ गई। मुख्यतौर पर सब्जियों के दाम घटने से मुद्रास्फीति में यह गिरावट आई है।
देश की आर्थिक वृद्धि दर 2015-16 और 2016-17 के लिए नई IIP और GDP श्रृंखला के कारण संशोधित कर क्रमश: 8.3 फीसदी और 7.6 फीसदी किए जाने की संभावना है।
सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक (WPI) और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) का आधार वर्ष बदलकर 2011-12 कर दिया है। इनके लिए पहले आधार वर्ष 2004-05 था।
ईंधन की ऊंची कीमतों की वजह से रिटेल महंगाई मार्च में पिछले पांच माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
आर्थिक आंकड़ों, कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों और अमेरिका के सीरिया पर हमले से पैदा हुई भू राजनीतिक स्थिति से इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा तय होगी।
जनवरी में औद्योगिक उत्पादन (IIP) में तेजी लौटी है और इसमें सालाना आधार पर 2.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। कैपिटल गुड्स सेगमेंट ने बेहतर प्रदर्शन किया।
सरकार नए आधार वर्ष 2011-12 के साथ दो वृहत आर्थिक संकेतक औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) और थोक मूल्य सूचकांक (WPI) को अप्रैल अंत तक जारी कर सकती है।
8 नवंबर को सरकार द्वारा की गई नोटबंदी की घोषणा का असर दिसंबर के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) पर बुरी तरह पड़ा है। दिसंबर में (-)0.4 फीसदी रहा है।
नवंबर में इंडस्ट्री प्रोडक्शन 5.7 प्रतिशत बढ़ा है, अक्टूबर में इसमें 1.8% की गिरावट आई। इंडस्ट्री प्रोडक्शन अर्थशास्त्रियों के अनुमान से ज्यादा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, टीसीएस और इंफोसिस जैसी अग्रणी कंपनियों के तिमाही परिणाम तथा आर्थिक आंकड़ों की घोषणाएं शेयर बाजार की दिशा निर्धारित करेंगी।
BSE का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 182 अंक बढ़कर 26698 पर और निफ्टी 51 अंक बढ़कर 8222 पर बंद है। वहीं, डेन नेटवर्क का शेयर 20% के ऊपरी सर्किट पर बंद हुआ है।
आगामी सप्ताह निवेशकों की नजर घरेलू और वैश्विक आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रूझान, एफपीआई और डीआईआई, डॉलर की की चाल, कच्चे तेल की कीमतों पर रहेंगी।
भारत की इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन ग्रोथ में अक्टूबर के दौरान 1.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल समान माह में 9.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।
वृहत आर्थिक आंकड़ों और कंपनियों के तिमाही नतीजे इस सप्ताह शेयर बाजार धारणा को प्रभावित करेंगे। अमेरिकी चुनावों का भी बाजार पर दिखेगा असर।
औद्योगिक उत्पादन जुलाई में 2.4 फीसदी घट गया। यह आठ महीने में इसका सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। विनिर्माण और पूंजीगत सामान का उत्पादन घटने से गिरावट आई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि छुट्टियों के कारण कम कारोबारी सत्र वाले चालू सप्ताह के आईआईपी और महंगाई दर जैसे बड़े आंकड़े शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे।
रिटेल महंगाई का आंकड़ा बढ़कर 6.07 फीसदी पर पहुंच गया है, वहीं दूसरी ओर जून माह में देश के औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई है।
सरकार और अर्थव्यवस्था के लिए यह खबर झटका देने वाली है। मई में आठ बुनियादी कोर सेक्टर की वृद्धि दर घटकर 2.8 फीसदी रही है। पिछले साल यह दर 4.4 फीसदी थी।
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