नवंबर में इंडस्ट्री प्रोडक्शन 5.7 प्रतिशत बढ़ा है, अक्टूबर में इसमें 1.8% की गिरावट आई। इंडस्ट्री प्रोडक्शन अर्थशास्त्रियों के अनुमान से ज्यादा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, टीसीएस और इंफोसिस जैसी अग्रणी कंपनियों के तिमाही परिणाम तथा आर्थिक आंकड़ों की घोषणाएं शेयर बाजार की दिशा निर्धारित करेंगी।
BSE का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 182 अंक बढ़कर 26698 पर और निफ्टी 51 अंक बढ़कर 8222 पर बंद है। वहीं, डेन नेटवर्क का शेयर 20% के ऊपरी सर्किट पर बंद हुआ है।
आगामी सप्ताह निवेशकों की नजर घरेलू और वैश्विक आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रूझान, एफपीआई और डीआईआई, डॉलर की की चाल, कच्चे तेल की कीमतों पर रहेंगी।
भारत की इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन ग्रोथ में अक्टूबर के दौरान 1.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल समान माह में 9.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।
वृहत आर्थिक आंकड़ों और कंपनियों के तिमाही नतीजे इस सप्ताह शेयर बाजार धारणा को प्रभावित करेंगे। अमेरिकी चुनावों का भी बाजार पर दिखेगा असर।
औद्योगिक उत्पादन जुलाई में 2.4 फीसदी घट गया। यह आठ महीने में इसका सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। विनिर्माण और पूंजीगत सामान का उत्पादन घटने से गिरावट आई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि छुट्टियों के कारण कम कारोबारी सत्र वाले चालू सप्ताह के आईआईपी और महंगाई दर जैसे बड़े आंकड़े शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे।
रिटेल महंगाई का आंकड़ा बढ़कर 6.07 फीसदी पर पहुंच गया है, वहीं दूसरी ओर जून माह में देश के औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई है।
सरकार और अर्थव्यवस्था के लिए यह खबर झटका देने वाली है। मई में आठ बुनियादी कोर सेक्टर की वृद्धि दर घटकर 2.8 फीसदी रही है। पिछले साल यह दर 4.4 फीसदी थी।
अप्रैल माह में देश का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन पिछले दो महीनों की लगातार तेजी के बाद घटा है। अप्रैल 2016 में आईआईपी में 0.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
सरकार औद्योगिक उत्पादन और थोकमूल्य संबंधी संशोधित सूचकांक लेकर आएगी ताकि उन्हें बदलते आर्थिक परिदृश्य के ज्यादा अनुकूल संकेतक बनाया जा सके।
बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज लगभग 46 अंक चढ़कर 26,713.93 अंक पर बंद हुआ। आईटी और रीयल्टी कंपनियों के शेयरों में चमक देखने को मिली।
महंगाई आंकड़ों के सरकार की चिंता बढ़ा दी है। अप्रैल में रिटेल महंगाई दर (सीपीआई) बढ़कर 5.39 फीसदी हो गई है। जबकि मार्च में महंगाई दर 4.83 फीसदी थी।
देश में आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर मार्च में पिछले 16 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। मार्च में कोर सेक्टर की वृद्धि दर 6.4 फीसदी रही।
औद्योगिक उत्पादन ने रफ्तार पकड़ ली है और इसमें अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है। फरवरी महीने में आईआईपी ग्रोथ बढ़कर 2 फीसदी हो गई है।
शेयर बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक और मुद्रास्फीति जैसे बड़े आर्थिक आंकड़े आगामी सप्ताह में शेयर बाजार की दिशा को निर्धारित करेंगे।
अर्थव्यवस्था में सुस्ती का संकेत देते हुए लगातार तीसरे महीने जनवरी में भी औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई है।
पहली खबर नवंबर में औद्योगिक उत्पादन में सालाना आधार पर 3.2 फीसदी की कमी आई है। अक्टूबर में इसमें 9.8 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी।
भारत के कोर सेक्टर की ग्रोथ नवंबर में 1.3 फीसदी घटी है, इससे पहले लगातार छह महीने तक इसमें वृद्धि दर्ज की गई थी।
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