माइनिंग सेक्टर का उत्पादन इस साल फरवरी में 10 प्रतिशत की दर से बढ़ा
बिजली और खनन क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले बेहतर ग्रोथ दर्ज
दिसंबर के दौरान देश में औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार घटी है
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान आईआईपी की वृद्धि दर 0.6 प्रतिशत रही, 2018-19 की समान अवधि में यह वृद्धि दर 5 प्रतिशत थी।
नवंबर 2018 में आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 3.3 प्रतिशत रही थी। कोयला, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, इस्पात और बिजली की उत्पादन वृद्धि दर नवंबर में नकारात्मक रही।
देश की अर्थव्यवस्था में जारी सुस्ती में फिलहाल सुधार होता नहीं दिख रहा। बिजली, खनन और विनिर्माण क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन के कारण औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) अक्टूबर महीने में 3.8 प्रतिशत घट गया।
खनन उत्पादन भी आलोच्य महीने में 8 प्रतिशत गिरा, जबकि पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने में इसमें 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
बिजली उत्पादन भी आलोच्य महीने में 2.6 प्रतिशत घटा, जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 8.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
आईआईपी में 77 प्रतिशत योगदान वाले विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन अगस्त 2019 के दौरान 1.2 प्रतिशत घट गया।
गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर मापी जाने वाली औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर एक साल पहले जुलाई में 6.5 प्रतिशत रही थी।
जून महीने में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर पिछले साल के 6.90 प्रतिशत की तुलना में गिरकर 1.20 प्रतिशत पर आ गई।
खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति जून में इससे पूर्व महीने के मुकाबले मामूली रूप से बढ़कर 3.18 प्रतिशत पर पहुंच गई।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 में औद्योगिक वृद्धि दर 3.6 प्रतिशत रही। वित्त वर्ष में 2017-18 में यह आंकड़ा 4.4 प्रतिशत पर था।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति एक महीना पहले फरवरी में 2.57 प्रतिशत रही थी जबकि एक साल पहले मार्च में यह 4.28 प्रतिशत पर थी।
नवंबर, 2018 के औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर के आंकड़ों को नीचे की ओर संशोधित कर 0.3 प्रतिशत कर दिया गया है।
विनिर्माण क्षेत्र विशेषरूप से उपभोक्ता और पूंजीगत सामान क्षेत्र का उत्पादन घटने से आईआईपी की वृद्धि दर काफी नीचे आ गई।
कच्चा तेल और उर्वरकों के उत्पादन में गिरावट के साथ आठ बुनियादी उद्योगों की नवंबर की वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत रही। यह बुनियादी उद्योगों की 16 महीने की न्यूनतम दर है।
खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 2.33 प्रतिशत रही, जो पिछले डेढ़ साल का न्यूनतम स्तर है।
बुनियादी क्षेत्र के आठ प्रमुख उद्योगों की वृद्धि दर सितंबर में गिरकर 4.3 प्रतिशत रही।
खनन क्षेत्र के उत्पादन में गिरावट तथा पूंजीगत वस्तुओं के कमजोर प्रदर्शन से अगस्त महीने में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि धीमी पड़कर 4.3 प्रतिशत रह गई।
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