आयकर विभाग उन 1,474 ‘जोखिम वाले निर्यातकों’ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की योजना बना रहा है जिनका पता- ठिकाना सही नहीं है, लेकिन उन्होंने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के तहत 2,029 करोड़ रुपये के रिफंड का दावा किया है।
सरकार ने फरवरी में जीएसटी के तहत 1.05 लाख करोड़ रुपये की वसूली की जो पिछले साल इसी महीने की वसूली के मुकाबले आठ प्रतिशत अधिक है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीआईआईसी) की दो प्रमुख आसूचना एजेंसियों का सबसे बड़ा संयुक्त अभियान है। इन अभियान में दोनों एजेंसियों के 1,200 अधिकारी शामिल हुए हैं।
सीबीआईसी ने अपने सीमा शुल्क और जीएसटी अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे पहले से निर्धारित जोखिम मानकों के आधार पर जोखिम वाले निर्यातकों के इनपुट कर क्रेडिट का सत्यापन करें।
राजस्व लक्ष्य पूर्ण वित्त वर्ष के लिए तय किया गया है और वित्त वर्ष 2018-19 के लिए वास्तविक अप्रत्यक्ष कर संग्रह का पता वित्त वर्ष के अंत में ही चलेगा।
दिसंबर 2018 में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह घटकर 94,726 करोड़ रुपए रहा है। इससे पहले नवंबर में 97,637 करोड़ रुपए रहा था।
केंद्र और राज्यों के बीच नवंबर माह में एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) मद में पड़े 33,000 करोड़ रुपए का बंटवारा किया गया।
केंद्र की ओर से राज्यों को दिया जाने वाला माल एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजा या क्षतिपूर्ति अगस्त-सितंबर की अवधि में घटकर 11,900 करोड़ रुपए रह गया।
केंद्र और राज्यों के बीच अक्टूबर महीने में एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) में पड़े 32,000 करोड़ रुपए का बंटवारा किया गया।
चालू वित्त वर्ष 2018-19 में अभी तक औसतन मासिक GST उगाही 96328 करोड़ रुपए रही है जबकि 2017-18 में औसतन मासिक उगाही 89885 करोड़ रुपए थी
सितंबर माह में इंटीग्रेटेड जीएसटी या आईजीएसटी के तहत एकत्रित हुए 29,000 करोड़ रुपए का बंटवारा केंद्र और राज्यों के बीच किया गया है।
एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर यानी आईजीएसटी में लंबित 12,000 करोड़ रुपए की राशि को केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बांटा गया है।
सोमवार को वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अपने ट्विटर हेंडल के जरिए इसके बारे मे जानकारी दी है
देश में नई टैक्स व्यवस्था गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) को लागू हुए 1 साल पूरा हो रहा है, पिछले साल पहली जुलाई से यह टैक्स व्यवस्था लागू हो गई थी। तब से लेकर अबतक सरकार की तरफ से 11 महीने की टैक्स उगाई के आंकड़े जारी किए जा चुके हैं, सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक 11 महीने यानि जुलाई 2017 से लेकर मई 2018 तक देश में GST के तहत 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा टैक्स इकट्ठा हो चुका है
केंद्र सरकार ने परमार्थ धार्मिक संस्थानों से उनके मुफ्त भोजन वितरण के लिए खरीदे गए सामान पर वसूले गए माल एवं सेवाकर (जीएसटी) को लौटाने का फैसला किया है। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने यह जानकारी दी।
एक देश एक कर की तर्ज पर एक जुलाई 2017 से लागू माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 7.41 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। वित्त मंत्रालय ने आज इसकी जानकारी दी।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक 25 मार्च 2018 तक कुल 1.05 करोड़ कारोबारी GST के तहत रजिस्टर हो चुके हैं। इनमें से 18.17 लाख कंपोजीशन डीलर हैं जिन्हें हर तिमाही में रिटर्न भरना होता है
वित्त मंत्रालय के मुताबिक अबतक देशभर में कुल 95.9 लाख कारोबारी GST के तहत पंजीकृत हो चुके हैं जिनमें से 15.1 लाख कंपोजिशन स्कीम के तहत पंजीकृत हुए डीलर हैं
देश के 70 लाख व्यापारियों में से मात्र एक लाख ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) एकमुश्त कर का विकल्प चुना है।
GST के बाद संसोधित MRP प्रकाशित नही करने पर सरकार विनिर्माताओं पर जुर्माना लगाएगी और इसमें जेल भी हो सकती है
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