मई में महंगाई दर के पांच माह के निचले स्तर 2.17 फीसदी के स्तर पर आ जाने के चलते भारतीय उद्योग जगत ने RBI से ब्याज दरों में कटौती की मांग की है।
इकरा-एसोचैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि GST का ऑयल एंड गैस उद्योग पर बहुत बुरा असर पड़ेगा क्योंकि इस सेक्टर पर दोगुना टैक्स बोझ पड़ेगा।
IDBI Bank ने कहा कि उसने पूंजीगत आधार बढ़ाने और फंसे ऋण की वसूली पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक पुनरूद्धार रणनीति तैयार की है।
BS-III मानक वाले वाहनों पर प्रतिबंध के बाद 3 दिन तक ग्राहकों को दी गई छूट के कारण दुपहिया वाहन उद्योग को Rs 600 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है।
Jio की एंट्री से RBI की टेलीकॉम सेक्टर को दिए कर्ज पर चिंता बढ़ गई है। इसीलिए RBI ने बैंकों से प्रॉविजनिंग बढ़ाने को कहा है।
म्यूचुअल फंड उद्योग के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां बीते वित्त वर्ष 2016-17 में 42 प्रतिशत की जोरदार बढ़ोतरी के साथ 17.5 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गईं।
विश्लेषकों का मानना है कि मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के मुकाबले काफी नीचे होने के बावजूद RBI अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में यथास्थिति बनाए रख सकता है।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में भारत का चालू खाता घाटा (कैड) 10 अरब डॉलर बढ़कर 30 अरब डॉलर पहुचने की उम्मीद है।
इक्रा ने कहा कि जियो द्वारा अपनी मुफ्त सेवाओं की अवधि तीन महीने और बढ़ाने से मौजूदा टेलीकॉम कंपनियों की पीड़ा बढ़ेगी, जो पहले ही नोटबंदी की मार झेल रहे हैं।
नोटबंदी का आर्थिक गतिविधियों पर फौरी असर होने के बीच क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA ने GDP ग्रोथ रेट संबंधी अपना अनुमान 0.40% घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है।
आगामी त्यौहारी मौसम को देखते हुए रेटिंग एजेंसी इक्रा ने वर्तमान वित्त वर्ष में दुपहिया वाहनों की बिक्री में 10-12 फीसदी बढ़ोतरी होने की उम्मीद जताई है।
डीजल वाहन के पंजीकरण पर रोक और मोटरवाहन बेड़े के प्रस्तावित नवीनीकरण कार्यक्रम से दो साल में नए यात्री वाहनों की बिक्री में बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है।
इक्रा ने कहा है कि अच्छा मानसून रहा तो ग्रामीण मांग की स्थिति में सुधार होगा। इशसे राज्यों और केन्द्र की वित्तीय स्थिति में भी सुधार आएगा।
देश भर में मानसून के फैलाव के साथ घरेलू साख निर्धारक एजेंसी ICRA ने कहा है कि बेहतर बरसात के कारण ग्रामीण क्षेत्र की मांग की स्थिति में सुधार होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले पांच सालों में भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों की मोबाइल डेटा से वार्षिक आय 95,500 करोड़ रुपए तक होने का अनुमान है।
जीवीए वृद्धि 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है जो कि इससे पिछली तिमाही में 7.1 फीसदी रही थी। घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने यह बात कही।
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