देश में कोविड-19 के संक्रमण के बाद से 73.5 लाख से ज्यादा नमूनों की जांच की गयी है और मंगलवार को एक दिन में सबसे ज्यादा 2.5 लाख जांच की गयी। आईसीएमआर के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
कोरोना वायरस से संबंधित जांच के दायरे को बढ़ाते हुए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कहा है कि अब देश भर में कोविड-19 के लक्षण वाले हर व्यक्ति के लिए जांच सुविधा व्यापक स्तर पर उपलब्ध कराई जाएगी।
दिल्ली में आज से नई टेस्टिंग तकनीक 'रैपिड एंटीजन टेस्ट' के जरिए कोरोना की टेस्टिंग शुरु हो गई है। ICMR ने इस तकनीक को केवल कंटेनमेंट जोन और अस्पताल या क्वॉरेंटाइन सेंटर में इस्तेमाल करने की इजाजत दी है।
आईसीएमआर ने आज ट्वीट कर कहा कि भारत में कोरोना का पीक नवंबर वाले अध्ययन को आईसीएमआर का ठहराने वाली खबरें भ्रामक हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को लागू करने वाली शीर्ष संस्था राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से पंजीकृत प्रयोगशालाओं को सीधे तौर पर सूचीबद्ध करना शुरू किया है।
कोरोना वायरस के मरीजों की पहचान के लिए देश में टेस्टिंग लगातार जारी है और रोजाना टेस्टिंग का आंकड़ा 1.5 लाख टेस्ट के करीब पहुंच गया है।
भारतीय आयु्र्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वरिष्ठ वैज्ञानिक में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 के संभावित इलाज के चल रहे एक वैश्विक औषधि परीक्षण से वह अस्थायी रूप से हाइड्रोक्सीक्लोक्वीन को हटाएगा।
इससे पहले जारी परामर्श में किए उल्लेख के अनुसार, कोविड-19 को फैलने से रोकने एवं इसका इलाज करने में शामिल बिना लक्षण वाले सभी स्वास्थ्यसेवा कर्मियों और संक्रमित लोगों के घरों में संपर्क में आए लोगों में संक्रमण के खिलाफ इस दवा का इस्तेमाल करने की भी सिफारिश की गई है।
दुनिया भर के देश COVID-19 के लिए एक टीका बनाने की कोशिश में जुटे हैं। भारत ने भी कोरोना वायरस के लिए एक टीका विकसित करने की दौड़ में प्रवेश किया है। इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च (ICMR) और भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने "पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन" बनाने के लिए आपस में हाथ मिलाया है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अुसार देश में कोरोना वायरस के कुल टेस्ट 10 लाख को पार कर चुके हैं और अब रोजाना 70 हजार से ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने चीन में ग्वांगझोऊ वोंदफो बायोटेक और झुहाई लिवसन डायग्नोस्टिक्स द्वारा बनाई कई कोविड-19 रैपिड एंटीबॉडी जांच किटों की आपूर्ति करने वाले दो आयातकों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं।
देशभर में कोरोना वायरस के अबतक कुल 31332 कोरोना वायरस मामले सामने आ चुके हैं, यानि 770764 टेस्ट होने के बाद 31332 लोग कोरोना वायरस के लिए पॉजिटिव पाए गए हैं। यानि देश में कुल कोरोना टेस्टिंग का लगभग 4.06 प्रतिशत पॉजिटिव मिले हैं
कोरोना को जल्दी रोकने का सिर्फ़ एक तरीक़ा है और वो है टेस्टिंग लेकिन इसमें भी चीन की तरफ़ से पूरी दुनिया को बड़ा धोखा मिला है। चीन की टेस्टिंग किट एक के बाद एक दुनियाभर में ब्लैकलिस्ट की जा रही हैं।
उदित राज ने जिस फेसबुक पोस्ट को अपने ट्विटर हेंडल पर शेयर किया, उसमें लिखा है, “कोरोना किट बनाकर 17 कंपनियां 500 रुपए प्रति किट में देने को तैयार थी, लेकिन पीएम ने ठेका एक गुजराती कंपनी को दे दिया जो किट 4500 रुपए में बेच रही है।”
उम्मीदवारों के लिए खुशखबरी है दरअसल इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) 12 जुलाई को जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के लिए कंप्यूटर बेस्ड परीक्षा आयोजित करने जा रहा है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक देशभर में 24 अप्रैल सुबर 9 बजे तक कुल 541789 कोरोना वायरस टेस्ट हो चुके हैं
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बताया है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर गुरुवार सुबह तक भारत में 5 लाख से ज्यादा सैंपल्स की टेस्टिंग हो चुकी है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोरोना वायरस के संक्रमण पर निगरानी के लिये राज्यों को दी गयी रैपिड टेस्टिंग किट के परीक्षण परिणाम में अंतर मिलने की शिकायतों के मद्देनजर उन्हें अगले दो दिन तक इसका इस्तेमाल नहीं करने का परामर्श दिया गया है।
गंगाखेड़कर ने कहा, “ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों की औसत आयु 35 साल है। एचसीक्यू लेने वाले कर्मियों में सबसे ज्यादा देखा गया दुष्प्रभाव पेट में दर्द था जबकि छह प्रतिशत कर्मियों में मितली की शिकायत देखी गयी।”
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