उत्तर कोरिया ने हाल ही में एक नई अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल Hwasong-19 की टेस्टिंग की और दावा किया है कि यह मिसाइल अमेरिका की मुख्य भूमि तक हमला कर सकती है।
चीन ने प्रशांत महासागर में ICBM यानी अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल का परीक्षण किया है। चीन बुधवार को इस परीक्षण की जानकारी दी है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ ईरान-इजरायल युद्ध, आर्मीनिया अजरबैजान युद्ध, तालिबान-पाकिस्तान, चीन-ताइवान और अमेरिका-चीन व भारत-चीन जैसे देशों के बीच लगातार बढ़ रहे तनाव ने तीसरे विश्व युद्ध का खतरा पैदा कर दिया है।
दरअसल, भारत की अग्नि-5 मिसाइल की पहुंच में पूरा चीन है। इसलिए भारत की अग्नि-5 मिसाइल चीन के लिए चिंता का विषय है। यह मिसाइल बेहद शक्तिशाली है, और 5,000 किलोमीटर तक मार कर सकती है।
अमेरिका के एक विशेषज्ञ ने उपग्रह से ली गईं चीनी मिसाइल प्रक्षेपण क्षेत्र में हालिया निर्माण की तस्वीरों के विश्लेषण के आधार पर कहा कि चीन संभवत: 16 नए भूमिगत अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) साइलो का निर्माण कर रहा है।
गुरुवार को हुई टेस्टिंग के बाद भारत अमरीका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस जैसे मुल्क़ों की कतार में खड़ा हो गया है क्योंकि ये सभी वो देश हैं जो एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक मार करने वाली बैलेस्टिक मिसाइलें रखते हैं।
यह भारत के लिए रक्षा क्षेत्र में एक बड़ी कामयाबी है।अग्नि-5 की मारक झमता 5000 किलोमीटर है।यह 5000 या इससे कुछ अधिक दूरी के लक्ष्य को असानी से भेद सकता है।
नॉर्थ कोरिया के इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल टेस्ट के बाद साउथ कोरिया ने अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणाली की प्रकिया को तेज कर दिया है।
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने शनिवार को कहा कि अंतर्महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का दूसरा परीक्षण यह दिखाता है कि उनका देश अमेरिका के अधिकांश हिस्सों पर हमला करने की ताकत रखता है।
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