अमेरिका ने ईरान से परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों से जुड़ी कोई गतिविधि न करने का आह्वान किया गया था। ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से संबंधित संयुक्त राष्ट्र की पाबंदियां पिछले साल अक्टूबर में खत्म हो गई थीं।
ईरान में भले ही राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद सत्ता बदल गई हो, लेकिन उसके इरादे नहीं बदले हैं। नए राष्ट्रपति डॉ. मसूद पेजेशकियन के कार्यकाल में भी ईरान अपने परमाणु इरादों के साथ तेजी से आगे बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार तेहरान परमाणु बम बनाने के काफी करीब पहुंच चुका है।
ईरान अपने परमाणु कार्यक्रमों को लेकर कितना संजीदा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने अपने राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद भी इस काम को रुकने नहीं दिया है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु निगरानी संस्था (आईएईए) की रिपोर्ट के अनुसार ईरान ने नए सेंट्रीफ्यूज लगाने शुरू कर दिए हैं।
इब्राहिम रईसी की मौत के बाद अब 28 जून को ईरान में राष्ट्रपति चुनाव होने जा रहा है। इससे पहले आज पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। गत चुनाव में उन्हें कानूनी बाधा के चलते चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला था।
इब्राहिम रईसी की मौत के बाद 28 जून को ईरान में नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव होने हैं। चुनाव को लेकर ईरान में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसी क्रम में पांच दिवसीय पंजीकरण अभियान की शुरूआत हो गई है।
ईरान के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन के बाद पाकिस्तान और ईरान फिर एक दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं। ईरानी सेना की गोलीबारी में 4 पाकिस्तानियों की मौत ने दोनों देशों के तनाव को फिर से बढ़ा दिया है।
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत को लेकर संयुक्त राष्ट्र में आयोजित हो रही श्रद्धांजलि सभा का अमेरिका ने बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए इब्राहिम रईसी को अमेरिका हजारों लोगों का हत्यारा मानता है।
ईरानी राष्ट्रपति के निधन के कुछ दिनों बाद अब ईरान समर्थित आतंकी समूह हिजबुल्लाह ने इजरायल को बड़ी चेतावनी दी है। हिजबुल्लाह चीफ ने कहा है कि आप हमसे कुछ आश्चर्यजनक घटना की उम्मीद कर सकते हैं। अब हिजबुल्लाह क्या कुछ खतरनाक करने वाला है, यह आने वाला वक्त बताएगा।
हेलीकॉप्टर हादसे में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का निधन हो गया था। रईसी की मौत के बाद लंदन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें विरोधियों और समर्थकों के बीच झड़प हुई है।
हेलीकॉप्टर हादसे में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का निधन हो गया था। रईसी को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है। रईसी को इमाम रजा दरगाह के अंदर एक कब्र में दफनाया गया है।
हेलीकॉप्टर हादसे में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का निधन हो गया था। अब ईरान में रईसी को सुपुर्द-ए-खाक करने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस बीच तेहरान में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है।
भारत और ईरान की दोस्ती कितनी मजबूत है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर हादसे में निधन के बाद भारत ने 1 दिन का राजकीय शोक घोषित किया। इसके बाद अपने उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ को रईसी की श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने के लिए आधिकारिक रूप से तेहरान भेजा।
हेलीकॉप्टर हादसे में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद अमेरिका ने अपना रुख साफ कर दिया है। अमेरिका ने कहा है कि हेलीकॉप्टर हादसे की जांच में अमेरिका ईरान की मदद करने में सक्षम नहीं है।
इब्राहिम रईसी के कार्यकाल में ईरान ने विदेश नीति के मामले में शानदार काम किया। रूस और चीन दोनों ही देशों के साथ ईरान के मजबूत संबंध बने। अब जब रईसी का निधन हो गया है तो कई तरह के सवाल भी उठ खड़े हुए हैं।
इब्राहिम रईसी हमेशा काली पगड़ी और काला लबादा ही पहनते थे। रईसी पैगंबर मोहम्मद के वंश से आते थे और उनकी काली पगड़ी इस बात को दर्शाती थी कि वो पैगंबर मोहम्मद से सीधे जुड़े हुए थे।
भारत ने अपने दोस्त ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने यह घोषणा की है। वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने रईसी के निधन पर गहरा शोक जाहिर किया था।
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो जाने के बाद उनकी कुर्सी को काले कपड़े से ढंक दिया गया है। इसके पीछे शोक के अलावा धार्मिक वजह बताई जा रही है। रईसी पैगम्बर मोहम्मद के वंशज माने जाते हैं, वह हमेशा काली पगड़ी पहनते थे। इसलिए उसके प्रतीक के तौर पर मंत्रिमंडल ने यह फैसला लिया।
ईरान ने राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति के नाम की घोषणा कर दी है। ईरान के मौजूदा उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया है।
वर्ष 1988 में क्रूर नरसंहार के लिए अमेरिका समेत कई देशों ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पर कड़े प्रतिबंध लगाए। बाद में हिजाब पहनने के खिलाफ हुए आंदोलन में महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के लिए संयुक्त राष्ट्र ने युवती को शारीरिक प्रताड़ना देने के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था।
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो जाने के बाद भारत को भी काफी गहरा दुख पहुंचा है। ईरान हमेशा से ही भारत का मजबूत रणनीतिक और ऊर्जा साझीदार रहा है। इसी साल इब्राहिम रईसी भारत आने वाले थे। उससे पहले उन्होंने भारत के साथ चाबहार पोर्ट का बड़ा समझौता करके अपनी दोस्ती को नया मुकाम दिया था।
संपादक की पसंद