हाइपरलूप एक हाई-स्पीड ट्रेन है, जो एक ट्यूब में चलती है। ‘हाइपरलूप’ ट्रेन चुंबकीय तकनीक से लैस पॉड (ट्रैक) पर चलती है। हाईपरलूप तकनीक में खंभों के ऊपर (एलीवेटेड) ट्रांसपेरेंट ट्यूब बिछाई जाती है। इसी के चलते इसकी स्पीड 1000 से 1300 किमी प्रति घंटे तक होती है।
अभी भारत की निगाहें बुलट ट्रेन पर थीं, वहीं हाइपरलूप तकनीक की बात भी शुरू हो गई है। वैज्ञानिकों के अनुसार हाइपरलूप की मदद से आप 1000 किमी. प्रतिघंटे की रफ्तार से सफर कर सकते हैं।
मुंबई से पुणे की 117.50 किलोमीटर की दूरी तय करने में आज तीन से चार घंटे में लगते हैं, लेकिन हाइपरलूप से यह दूरी महज 23 मिनट में पूरी हो जाएगी।
भारत में हाइपरलूप यानी बुलट ट्रेन से भी ज्यादा तेज गति से दौड़ने वाली ट्रेन पर बड़ी खबर है। हाइपरलूप दुबई से पहले भारत में शुरु हो सकती है।
मुंबई और पुणे के बीच यात्रा 35 मिनटों में पूरा करने के सपने के साकार करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने वर्जिन हाइपरलूप वन-डीपी वर्ल्ड कंसोर्टियम को पुणे-मुंबई हाइपरलूप परियोजना के ऑरिजिनल प्रोजेक्ट प्रॉपनेंट (ओपीपी) के रूप में मंजूरी दे दी है।
अलशेही कंसल्टेंट फर्म नैशनल अडवाइज ब्यूरो लिमिटेड के फाउंडर हैं। उन्होंने कहा कि पानी के नीचे इस रेल नेटवर्क से यूएई-भारत के अलावा क्षेत्र के दूसरे देशों को भी फायदा होगा।
देश में मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन प्रोजोक्ट पर काम शुरू होने के बाद अब कम समय में ज्यादा सफर तय करने वाली एक और तकनीक Hyperloop One को शुरू करने पर विचार हो रहा है। महाराष्ट्र के मुंबई से पुणे के बीच Hyperloop One ट्रेन लगाने पर विचार हो रहा है और इसके लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस तकनीक और प्रोजेक्ट का पूरा ब्यौरा लेने के लिए अमेरिका के नवेदा में स्थित वर्जिन समूह के प्रोजेक्ट का दौरा करने के लिए गए हैं
वर्जिन समूह ने रविवार महाराष्ट्र सरकार के साथ मुंबई और पुणे के बीच हाइपरलूप परिवहन प्रणाली के निर्माण के लिए ‘आशय पत्र’ पर दस्तखत किए हैं। इससे दोनों बड़े शहरों के बीच यात्रा का समय घटकर 20 मिनट रह जाएगा। यह अभी तीन घंटे है।
वर्जिन समूह ने आज महाराष्ट्र सरकार के साथ मुंबई और पुणे के बीच हाइपरलूप परिवहन प्रणाली के निर्माण के लिए ‘आशय पत्र’ पर दस्तखत किए हैं।
Maharashtra: Plans for high-speed hyperloop from Mumbai to Pune
देश की पहली हाइपरलूप सर्विस आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा से अमरावती के बीच शुरू होगी। दोनों शहरों के बीच 1 घंटे का अंतर है, जो कि अब घटकर 5 मिनट का रह जाएगा।
रेल मंत्रालय 6 विदेशी कंपनियों के साथ बातचीत कर रहा है और बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है। ये ट्रेनें 600 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से चल सकती हैं।
बुधवार को अमेरिका के नॉर्थ लास वेगास में हाइपरलूप वन का पहला सफल परीक्षण हुआ। हाइपरलूप 750 मील (1227 किलोमीटर) प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेगी।
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