जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में सियासी तस्वीर कुछ इस कदर बदली है कि कभी चुनाव को ‘हराम’ करार देकर इसका बहिष्कार करने वाले अलगाववादी नेता अब सूबे के असेंबली इलेक्शन में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक ने कश्मीरी पंडितों से भावुक अपील की है। उन्होंने कहा है कि कश्मीरी पंडितों को वापस कश्मीर आ जाना चाहिए।
जम्मू एंव कश्मीर प्रशासन को आशंका है कि अगर जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज की इजाजत दी गई तो गाजा के नाम पर पूरे इलाके में भारी विरोध प्रदर्शन हो सकता है।
इजरायल ने हमास के आतंकियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस बीच हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक ने इस मामले को लेकर कहा है कि इस मामले का समाधान निकालना होगा, क्योंकि इस घटना में बच्चे, बूढ़े और महिलाओं की हत्या की जा रही है।
आज मीरवाइज उमर फारूक को चार साल की नजरबंदी के बाद रिहा करने का फैसला लिया है। उन्हें 4 अगस्त 2019 को घर में नजरबंद कर दिया गया था।
मीरवाइज ने उम्मीद जताई है कि शुक्रवार को वह श्रीनगर के नौहट्टा में स्थित ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में नमाजियों को नमाज पढ़ा सकेंगे। नजरबंदी से उनकी रिहाई पर जम्मू-कश्मीर के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी खुशी जाहिर की है।
Jammu kashmir : पुलिस महानिदेशक (DGP) दिलबाग सिंह ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस खत्म हो चुका है, लेकिन पाकिस्तान से इसे जिंदा रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में आतंकवाद अब ‘‘बैसाखी पर’’ है।
छात्रों को फर्जी तरीके से पाकिस्तान में हुर्रियत कार्यालय में एक राष्ट्रीय प्रतिभा खोज (एनटीएस) परीक्षा में शामिल किया जाता था ताकि उन्हें विश्वास हो सके कि वे एक पूर्व योग्यता परीक्षा में बैठ रहे हैं, जिससे कि पाकिस्तान के पेशेवर कॉलेजों में उन्हें दाखिला मिल जाएगा।
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के हवाले से टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि गृह मंत्रालय आने वाले दिनों में UAPA की धारा 3(1) के तहत हुर्रियत कांफ्रेंस के सभी गुटों को गैरकानूनी घोषित करने पर अंतिम फैसला लेगा।
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े ने मंगलवार को मीडिया को जारी एक बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को संगठन के नेतृत्व से बड़ी उम्मीदें हैं।
पाकिस्तान समर्थक सैयद अली शाह गिलानी के निधन के साथ ही कश्मीर में भारत-विरोधी और अलगाववादी राजनीति के एक अध्याय का अंत हो गया।
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्वीट में कहा कि गिलानी साहब के निधन की खबर से दुखी हूं।
अपने भारत विरोधी बयानों के लिए जाने वाले हुर्रियत के पुराने नेता सैयद अली शाह गिलानी को पाकिस्तान ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित करने का फैसला किया है।
जम्मू कश्मीर में हुर्रियत के अलगावादी नेता अशरफ सेहराई को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी ताकतों का बिखराव शुरू हो गया है।
जम्मू कश्मीर में इस समय राष्ट्रपति शासन लागू है, सेना आतंकियों पर नकेल कसने के लिए लगातार ऑपरेशन जारी रखे हुए है। इसी बीच जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बड़ा बयान दिया है।
नरमपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस चाहता है कि भारत और पाकिस्तान को अपने रिश्तों में आयी कड़वाहट को दूर कर, फिर से एक दूसरे के साथ वार्ता की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए।
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस पर कानूनी शिकंजे के साथ अब इनकम टैक्स विभाग ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी पर बैन के बाद हुर्रियत के खिलाफ़ भी कड़ा कदम उठा सकती है सरकार
एक तरफ सुरक्षा बल आतंकवादियों का सफाया कर रहे है तो दूसरी तरफ सरकार उन संगठनों पर नकेल कस रही है जो दहशतगर्दों को सपोर्ट करते हैं।
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