डब्ल्यूएफपी के प्रमुख डेविड बेस्ले ने एक साक्षात्कार में कहा कि नार्वे की नोबेल समिति उन कार्यों को देख रही थी जो एजेंसी संघर्ष में, आपदा में और शरणार्थी शिविरों में प्रतिदिन करती है। लाखों भूखे लोगों को भोजन मुहैया करवाने के लिए अपने कर्मचारियों की जिंदगी को जोखिम में डालती है।
130 करोड़ लोगों के एक विशाल देश में कुछ बदमाश और जमाखोर भले ही हों, लेकिन वे मानवता के सागर में कुछ बुंदों के बराबर हैं।
अफ्रीका, पश्चिम एशिया और दक्षिण एशिया में टिड्डियों ने इस समय कहर बरपा रखा है। यह आफत इतनी बड़ी है कि इसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में व्यापक चिंता पैदा कर दी है।
वैश्विक भुखमरी सूचकांक में दुनिया के 119 देशों में भारत 103वें स्थान पर है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
तीन बच्चियों के उनके घर में भूख से मौत के मामले के सामने आने के बाद अधिकारियों ने गुरुवार को इस मामले में कार्रवाई शुरू की।
चीन के शंघाई जिआओ तोंग विश्वविद्यालय के जिंगजिंग सन सहित दूसरे शोधकर्ताओं के अनुसार, हाइपोथैलेमस के क्षेत्र के कार्य की जानकारी को न्यूक्लियस ट्यूबरेलिस लेटेरेलिस (एनटीएल) कहा जाता है, एनटीएल की जानकारी दुर्लभ है।
7 साल की एक ऐसी बच्ची का भी केस सामने आया जो 5 दिन से भूखी थी…
संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में भूख के कारण मरने के कगार पर पहुंच गए लोगों की संख्या पिछले साल बढ़कर 12 करोड़ 40 लाख हो गई...
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