अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी की बेटी शर्मिला ने ‘पदयात्रा’ की मंजूरी न दिए जाने के खिलाफ शुक्रवार को हुसैन सागर झील के पास आंबेडकर प्रतिमा पर एक ज्ञापन सौंपा था और वहां अनशन शुरू करने का एलान किया था।
Global Hunger Index 2022: ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 की ताजा रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है। भारत सरकार ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत को 107वें स्थान पर रखना देश की छवि को खराब करने जैसा है।
Global Hunger Index: ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 में भारत की स्थिति और खराब हुई है। 2020 की रिपोर्ट के अनुसार भारत 6 पायदान नीचे खिसक कर 107वें नंबर पर आ गया है। 121 देशों की सूची में भारत का 107वां स्थान काफी निराशजनक है।
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि पाकिस्तान के लगभग 57 लाख लोग गंभीर फूड क्राइसिस का सामना आने वाले तीन महीनों में कर सकते हैं। ये वो लोग हैं, जो बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने रविवार को देश में बेरोजगारी और आय में बढ़ती असमानता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गरीबी देश के सामने एक राक्षस जैसी चुनौती के रूप में सामने आ रही है।
Nitin Gadkari: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहा कि देश के भीतर अमीर एवं गरीब के बीच की खाई गहरी हो रही है जिसे पाटने की जरूरत है।
Delhi News: सु्प्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह देश में भूख और कुपोषण से हुई मौतों का आकंड़ा अदालत के समक्ष पेश करे। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने केंद्र से कम्युनिटी किचन स्कीम के कार्यान्वयन के लिए एक मॉडल योजना भी पेश करने को कहा।
Flood in Pakistan: बाढ़ की बर्बादी में बह रहे पाकिस्तान को पैर पर खड़ा होने के लिए अब दसों वर्ष का समय लग सकता है। पाकिस्तान के आंकड़ों के मुताबिक उसे इस बाढ़ में 28 अरब डॉलर का भारी नुकसान उठाना पड़ा है। ऐसे में फिर से पाकिस्तान की सामान्य व्यवस्थाओं का पटरी पर आना असंभव लग रहा है।
Pakistan in debt: भयंकर बाढ़ की विभीषिका का सामना कर रहे पाकिस्तान के सामने अब एक नई मुसीबत आकर खड़ी हो गई है। इससे पाकिस्तान के बेमौत मारे जाने की आशंका भी प्रबल हो गई है। दरअसल पाकिस्तान सिर्फ बाढ़ में ही नहीं डूबा है, बल्कि वह भयंकर कर्ज में भी डूब चुका है। इससे उसके लोगों के भूखों मरने की नौबत आ गई है।
DU Hunger Strike: दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय की फैकल्टी ऑफ लॉ के छात्रों ने परीक्षाएं स्थगित करने की मांग करते हुए भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
Yasin Malik Ends Hunger Strike: दिल्ली जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा, 22 जुलाई से तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर बैठे दोषी यासीन मलिक ने मेरे अनुरोध पर आज शाम अपना अनशन समाप्त कर दिया।
Delhi News: भारतीय छात्रों को 3 महीने से ज्यादा समय स्वदेश लौटे हुए हो गया है। छात्रों और परिजनों की मांग है कि उन्हें देश के मेडिकल कॉलेजों में एडजस्ट किया जाए, हालांकि सरकार की तरफ से अभी तक कोई इस पर निर्णय नहीं लिया है।
ग्लोबल हंगर रिपोर्ट 2021 को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने चौंकाने वाला बताया है। मंत्रालय अनुसार ये रिपोर्ट जमीनी हकीकत और तथ्यों से परे है।
भुखमरी को लेकर भारत के लिए बुरी खबर है। वैश्विक भुखमरी सूचकांक जारी किया गया है जिसमें भारत की स्थिती पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से भी बुरी है।
भारत आज कोरोना से सबसे बड़ी लड़ाई लड़ रहा है। शहरों से निकलकर कोरोना अब गांवों तक पहुंच गया है। बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं। संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए सरकारों ने लॉकडाउन लगा रखा है। लेकिन, लॉकडाउन से कई लोगों के सामने रोज़ी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में इंडिया टीवी ने अक्षय पात्र फाउंडेशन के साथ मिलकर गरीबों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और मरीजों के रिश्तेदारों की भूख मिटाने की मुहिम शुरू की है।
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। किसान संगठन केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लाए गए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। किसान संगठनों के बीच अबतक की बातचीत में कोई हल नहीं निकल पाया है। ऐसे में आज किसान संगठनों के मुखियाओं ने एक दिवसीय अनशन कर रहे हैं।
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। किसान संगठन केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लाए गए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। किसान संगठनों के बीच अबतक की बातचीत में कोई हल नहीं निकल पाया है। ऐसे में आज किसान संगठनों के मुखियाओं ने एक दिवसीय अनशन करेंगे।
डब्ल्यूएफपी के प्रमुख डेविड बेस्ले ने एक साक्षात्कार में कहा कि नार्वे की नोबेल समिति उन कार्यों को देख रही थी जो एजेंसी संघर्ष में, आपदा में और शरणार्थी शिविरों में प्रतिदिन करती है। लाखों भूखे लोगों को भोजन मुहैया करवाने के लिए अपने कर्मचारियों की जिंदगी को जोखिम में डालती है।
130 करोड़ लोगों के एक विशाल देश में कुछ बदमाश और जमाखोर भले ही हों, लेकिन वे मानवता के सागर में कुछ बुंदों के बराबर हैं।
अफ्रीका, पश्चिम एशिया और दक्षिण एशिया में टिड्डियों ने इस समय कहर बरपा रखा है। यह आफत इतनी बड़ी है कि इसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में व्यापक चिंता पैदा कर दी है।
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