गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक बड़े प्रस्ताव को अंगीकार किया है। यह प्रस्ताव संयुक्त अरब अमीरात की ओर से पेश किया गया था। 15 सदस्यीय इस मंच पर इसके पक्ष में 13 वोट पड़े और विरोध में किसी ने मतदान नहीं किया। यह प्रस्ताव पास होने से फिलिस्तीनी गदगद हो गए हैं।
चीन ने दुनिया भर के मुसलमानों को बड़ा झटका देते हुए देश भर में मस्जिदों को बंद करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। काफी लंबे समय से चीन इस प्रयास में था। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसे इस्लाम पर प्रहार बताया है। अब तक किसी मुस्लिम देश ने चीन के इस कदम के खिलाफ कोई आवाज उठाने की हिम्मत नहीं दिखाई है।
मानव तस्करी के मामलों की जांच को लेकर NIA की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। NIA ने 10 राज्यों में संदिग्धों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है। संदिग्धों के आवासीय परिसर भी जांच के दायरे में हैं।
गाजा पट्टी में लगातार भीषण बमबारी जारी है। इससे हजारों लोग मारे जा चुके हैं। बचे हुए लोगों की जिंदगी नर्क बन चुकी है। लोगों को खाने-पीने के लाले पड़ गए हैं। भोजन, पानी और अन्य सामग्री के लिए गोदामों पर लंबी कतारें लग रही हैं। इससे फिलिस्तीनियों की दुर्दशा का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
अमेजन नदी का जलस्तर घटने से उसकी चट्टानों में मानवों के चेहरे जैसी आकृतियां मिलने से दुनिया भर के वैज्ञानिक हैरान हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि इन मानव चेहरों की नक्काशी अमेजन नदी के पत्थरों पर 2000 वर्ष तक पुरानी हो सकती है। यह प्राचीन मानव सभ्यताओं का एक और नया प्रमाण है।
इजरायली सेना की बमबारी से गाजा तबाह हो चुका है। यहां बचे हुए फिलिस्तीनी शरणार्थी दवा, भोजन और पानी के लिए तड़प रहे हैं। मगर समस्या ये है कि गाजा पट्टी में ईंधन भी खत्म हो चुका है। ऐसे में वहां संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता भी नहीं पहुंच पा रही है। इसे लेकर यूएन ने गहरी चिंता जाहिर की है।
ईरान में हिजाब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर चर्चा में आई महसा अमीनी भले ही इस दुनिया में अब नहीं रही हों, लेकिन वह मुस्लिम महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए लड़ने का सलीका सिखा गईं। हिजाब के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजाने वाली अमीनी को अब मरणोपरांत मानवाधिकार के बड़े पुरस्कार से नवाजा जाएगा।
इजरायल ने गाजा पट्टी में हवाई हमले में सैकड़ों लोगों के मारे जाने के बाद अब रहम दिल दिखाया है। मगर प्रधानमंत्री नेतन्याहू की यह दरियादली अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के कहने पर छलकी है। लिहाजा इजरायल ने मिस्र को गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने की इजाजत दे दी है।
अफगानिस्तान के शरणार्थियों को पाकिस्तान द्वारा जबरन निकाले जाने को लेकर संयुक्त राष्ट्र सख्त हो गया है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी देते कहा है कि इससे मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हो रहा है। इसे बर्बाद्श्त नहीं किया जा सकता। पाकिस्तान ने 17 लाख अफगानी नागरिकों को निष्काषित करने का ऐलान किया है।
कनाडा में खालिस्तानी संगठन धड़ल्ले से अपने नापाक इरादों को अंजाम देने के लिए बड़ी रणनीति तैयार कर रहे हैं। इसके लिए वह भोले-भाले सिख युवाओं को बरगला रहे हैं और उन्हें काम देने के बहाने अपनी साजिश में शामिल कर रहे हैं।
आर्मीनिया और अजरबैजान युद्ध में हजारों परिवारों की जिंदगी नर्क बन चुकी है। वह सभी भुखमरी और बेरोजगारी और बीमारी से त्रस्त हैं। खासकर विवादित नागोर्नो-काराबाख के लोगों को नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर होना पड़ा है। ऐसे में इस क्षेत्र के लोगों को रेड क्रॉस सोसायटी ने बड़ी मानवीय मदद मुहैया कराई है।
AI सॉफ्टवेयर मिडजर्नी ने कुछ तस्वीरें जारी की हैं जिसमें यह दिखाया गया है कि आज से 1000 साल बाद इंसान कैसा दिखेगा।
सूडान में लगातार मानवाधिकारों का पतन होता गया है। इस दौरान सूडान में अत्याचार और अराजकता का बोलबाला है। इसी बीच मानवधिकार सूमूहों ने सूडान में इसके खिलाफ कदम उठाने को कहा हैे। साथ ही अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र से सूडानी नेताओं पर प्रतिबंध लगाने को कहा है।
बताया जा रहा है कि कुछ लोगों की जान मेडिकल सहायता न मिलने, दवा या भोजन जान-बूझकर न देने के कारण भी गई है।
पुलिस का कहना है कि इसमें से एक लड़की निशा (बदला हुआ नाम) की उम्र 13 साल है। उसे गुजरात में 8 सालों के अंदर 15 आदमियों को बेचा गया।
यह गिरोह पैसे कमाने के लिए राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात में लड़कियों का किडनैप करते थे, उनके साथ दुष्कर्म करते और बाद में शादी के लिए पुरुषों के हाथों बेच देते थे।
पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने इस सप्ताह की शुरुआत में जारी 2022 में अपनी प्रमुख वार्षिक रिपोर्ट स्टेट ऑफ़ ह्यूमन राइट्स में पिछले साल की राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल पर चिंता व्यक्त की है और बताया कि दोनों ही परिस्थितियों का मानवाधिकारों पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के साथ पूर्व में श्रीलंका की सेना से युद्ध के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन का मामला सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंकाई नौसेना ने मानवाधिकारों का पालन इस दौरान नहीं किया था। इसलिए अमेरिका अब कार्रवाई के लिए बाध्य हुआ है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने बड़ी बात कही है, उन्होंने बताया कि लोगों के लिए कानून का इस्तेमाल कैसे किया जाना चाहिए। सीजेआई ने कहा कि कानून में मानवता का स्पर्श होना चाहिए और समस्याओं की जड़ों को दूर करने के लिए हमेशा संवेदनशीलता के साथ इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) का 52 वां सत्र संपन्न हो गया है। इस दौरान यूएनएचआरसी ने कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में स्थिति और मानसिक स्वास्थ्य सहित मुद्दों पर 43 प्रस्तावों को अपनाया। साथ ही भोजन के अधिकार को बढ़ावा देने पर प्रमुख फोकस किया। इसके बाद यूएनएचआरसी ने अपना 52वां सत्र समाप्त कर दिया।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़