पुलिस ने विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर एक शख्स के घर पर छापा मारा और मानव तस्करी के एक बडे़ रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए वहां से 4 नाबालिग रोहिंग्या लड़कियों को बचा लिया।
पकड़े यात्रियों में 11 नाबालिग भी हैं जिनके साथ कोई नहीं है और प्रसारक के अनुसार उनमें से 6 पहले ही फ्रांस में शरण को लेकर अनुरोध के लिए कदम उठा चुके हैं। समाचार नेटवर्क ने फ्रैंकोइस के हवाले से कहा, ‘‘इन लोगों से पूछताछ करनी होगी और उन्हें बताया जाएगा कि वे राजनीतिक शरणार्थी स्थिति से लाभान्वित हो सकते हैं या नहीं।’’
यह गिरोह पैसे कमाने के लिए राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात में लड़कियों का किडनैप करते थे, उनके साथ दुष्कर्म करते और बाद में शादी के लिए पुरुषों के हाथों बेच देते थे।
पुलिस ने बताया कि दस दिसंबर को बकालिया थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पता चला कि नाबालिग को झुंझुनूं में 33 वर्षीय व्यक्ति के साथ शादी के उद्देश्य से 1.5 लाख रुपये में बेचा गया है।
Jharkhand News: लड़कियों को राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित कई इलाकों में बेचने वाले गिरोह के एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया है।
मामून ने करीब 25 साल पहले किशोरावस्था में भारत आने के बाद विजय दत्त के फर्जी नाम से राशन कार्ड बनवा लिया था।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि प्रदेश के कुल 42 बच्चों को सिक्किम में मुक्त कराकर शुक्रवार को वापस राज्य में लाया गया।
दिल्ली में मानव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़, 19 लड़कियों को बचाया गया
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