आंकड़ों से यह भी पता चला कि भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए दाम जुलाई की तुलना में कम बढ़े। सर्विस सेक्टर में यह ग्रोथ मुख्य रूप से नए ठेकों खासकर घरेलू ठेकों में बढ़ोतरी से प्रेरित रही।
बैंक ने वर्ष 2021 के दौरान लघु और मझोली कंपनियों को एक अरब डॉलर का ऋण दिया है जबकि 2018 में उसने 30 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया था।
यह दर सार्वजनिक क्षेत्र के स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया और एचडीएफसी बैंक द्वारा दी जा रही पेशकश के बराबर है।
सर्वेक्षण के मुताबिक 87 प्रतिशत भारतीय कंपनियों को 2022 के अंत तक कोविड-19 से पूर्व के लाभ स्तर को प्राप्त करने का अनुमान है। जबकि इसका वैश्विक औसत 73 प्रतिशत है। लगभग 45 प्रतिशत भारतीय इकाइयां कारोबार वृद्धि को लेकर आशान्वित हैं। जबकि वैश्विक औसत 29 प्रतिशत ही है।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ब्रिटेन पर दबाव बनाने के लिए तरह-तरह की तरकीबें आजमा रहे चीन की आलोचना की है।
बैंक के अमेरिका और यूरोप के कारोबार का प्रदर्शन निराशाजनक है।
ब्रिटेन का एचएसबीसी बैंक जल्द ही 10 हजार लोगों को नौकरी से निकाल सकता है। दरअसल, एचएसबीसी होल्डिंग्स पीएलसी कास्ट-कटिंग पर काम कर रहा है, जिसमें 10,000 से अधिक नौकरियों के लिए खतरा बन सकता है।
बर्न में 24 सितंबर को स्विट्जरलैंड के संघीय राजपत्र में प्रकाशित नोटिस में मोटेक सॉफ्टवेयर को अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए एक व्यक्ति नामित करने के लिए कहा गया। इस व्यक्ति की जानकारी 10 दिन के भीतर देने होगी।
ब्रिटेन के बैंक एचएसबीसी ने उसके वैश्विक परिचालन में भारत स्थित कार्यालयों से मदद करने वाले 150 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया है। बैंक ने कहा कि उसने वैश्विक स्तर पर अपने परिचालन को नये सिरे से व्यवस्थित करने की प्रक्रिया के तहत यह कदम उठाया है।
नौकरी करने वालों के लिए ये खबर बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अगले सप्ताह अपने फंड मैनेजर को बदलने पर विचार कर रही है। ईपीएफओ इसको लेकर अगले सप्ताह न्यासियों की बैठक में कोष प्रबंधकों के रूप में एचएसबीसी एएमसी, यूटीआई एएमसी और एसबीआई म्यूचुअल फंड को नियुक्त कर सकता है।
एचएसबीसी ने फ्लिन्ट के अचानक से पद से हटने का का कोई कारण नहीं बताया।
ये हैं रहने, काम करने और अच्छी सैलरी के लिए बेहतर देश
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) महंगाई दर पर अंकुश लगाने के लिए के प्रमुख नीतिगत दरों में आगे और भी वृद्धि कर है और इसके लिए गुंजाइश भी है। यह मानना है कि वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी एचएसबीसी का जिसने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में यह बात कही है।
लागू होने के अपने एक साल की अवधि में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अर्थव्यवस्था को औपचारिक रूप देने के अपने सबसे बड़े वादे को पूरा कर पाने में सफल नहीं हो पाया है।
वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी HSBC का कहना है कि जनवरी-मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 7.7% रहने में मुख्य रूप से ‘ सरकार का हाथ ’ है। इसके अनुसार आलोच्य तिमाही में निर्यात व निजी खपत के मोर्चों पर प्रदर्शन निराशाजनक रहा। उल्लेखनीय है कि बीते वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रही है। यह सात तिमाहियों का उच्चस्तर है।
श्विक वित्तीय सेवा कंपनी HSBC के अनुसार 2018-19 में जीडीपी वृद्धि दर 2017-18 के 6.5 प्रतिशत वृद्धि दर के मुकाबले बढ़कर 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
वृद्धि प्रवृत्ति को देखते हुए भारत अगले दशक में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन सकता है। HSBC की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
भारत अगले दस साल में जापान और जर्मनी को पछाड़कर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा लेकिन इसके लिए सतत सुधार तथा सामाजिक क्षेत्र पर ध्यान देने की जरूरत होगी
HSBC के अर्थशास्त्री ने कहा, अगले दस साल में भारत डॉलर के सांकेतिक आधार पर जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा
2 अगस्त को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट में 0.25% की कटौती कर सकता है।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़