इजराइल हमास में जंग के बीच यमन के हूती विद्रोही भी इजराइल की ओर मिसाइल दाग रहे हैं। वहीं हूती विद्राहियों ने इजराइल से जुड़े एक जहाज पर कब्जा कर लिया था, जिसे बाद में छोड़ दिया गया। अमेरिकी नौसेना ने इन हूती हमलावरों को पकड़ लिया है।
इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है। इसी बीच यमन के हूती विद्राहियों ने भारत आ रहे जहाज को बंधक बना लिया। इस घटना का वीडियो भी जारी किया है। अब हूती विद्रोहियों ने धमकी दी है कि वे इजराइल के खात्मे तक हमले करते रहेंगे।
यमन में गृहयुद्ध की आग लगातार बढ़ती ही जा रही है। इससे पूरा देश झुलस रहा है। हूती विद्रोहियों की ओर से व्यवस्था को लगातार चुनौती पेश की जा रही है। इससे हालात बेकाबू हो चुके हैं। इसी के चलते बृहस्पतिवार को देर रात पूरे यमन में इंटरनेट सेवाएं भी ठप कर दी गई हैं। इससे लोगों के बीच हाहाकार मच गया है।
यमन के हूती विद्राहियों ने एक बार फिर इजराइल को टारगेट करके मिसाइल छोड़ी, लेकिन इजराइल की बजाय सीमा के पास ही मिस्र के ताबा शहर में गिर गई। इससे मिस्र के 6 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। इजराइल ने मिस्र के सुरक्षाबलों के हताहत होने पर इस हमले की निंदा की है।
इजराइल और हमास की जंग के बीच यमन से भी हूती विद्रोहियों ने इजराइल पर क्रूज मिसाइलें और ड्रोन से हमला कर इजराइल को तबाह करने की साजिश की। लेकिन पेंटागन के अनुसार अमेरिकी जंगी बेड़े ने इस हमले को नाकाम कर इजराइल को तबाह होने से बचा लिया।
हूती विद्रोहियों ने कहा है कि गठबंधन ने एक बिजली संयंत्र, एक तेल आपूर्ति प्रतिष्ठान और सरकार संचालित सामाजिक बीमा कार्यालय को निशाना बनाया।
बैलिस्टिक मिसाइलों के अवशेष अबू धाबी के आसपास अलग-अलग इलाकों में गिरे।
बता दें कि जंग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार एवं सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा सहायता प्राप्त सरकार और ईरान समर्थित विद्रोहियों के बीच है।
इससे पहले सऊदी अरब की अगुवाई वाली गठबंधन सेना ने यमन में विद्रोहियों के कब्जे वाले राजधानी सना पर कई हवाई हमले किए थे।
सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन और हूती विद्रोहियों के बीच यह युद्ध वर्षों से जारी है, जिसने दुनिया का सबसे खराब मानवीय संकट उत्पन्न कर दिया है।
सउदी नीत सैन्य गठबंधन की 2015 से यमन में ईरान समर्थित शिया (हूती) विद्रोहियों से लड़ाई चल रही है।
दुनिया के दो कट्टर दुश्मन देश सऊदी अरब और ईरान अपनी दुश्मनी को भुलकर दोस्ती का हाथ आगे बढ़ा रहे हैं। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने बुधवार को कहा कि उनका देश करीबी प्रतिद्वंद्वी सऊदी अरब के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए तैयार है।
2014 में ईरान समर्थित हूतियों ने कई उत्तरी यमनी प्रांतों पर कब्जा कर लिया था और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त राष्ट्रपति अब्द-रब्बू मंसूर हादी को राजधानी सना से बाहर कर दिया था।
अमेरिका के यमन के हूती विद्रोहियों पर से आतंकी संगठन होने का दर्जा हटाए जाने के फैसले के बाद हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब पर बड़ा हमला किया है। हूती विद्रोहियों ने दक्षिण पश्चिम सऊदी अरब में अभा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को निशाना बनाते हुए हमला किया।
अमेरिका की नीति में बदलाव को उसके सामरिक साझेदार सऊदी अरब के लिए झटके के रूप में देखा जा रहा है।
यमन के अदन में एयरपोर्ट पर बुधवार को हुए भीषण विस्फोट के लिए प्रधानमंत्री ने देश के शिया विद्रोहियों और ईरान को जिम्मेदार ठहराया है।
यमन के अधिकारियों और कबायली नेताओं ने शनिवार को कहा कि मारिब प्रांत और होदेइदा में पिछले 3 दिनों में सरकारी सुरक्षा बलों और हूती विद्रोहियों के बीच संघर्ष में 23 लोग मारे गए।
यमन के होदैदा शहर में हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले कोर्ट ने 'सऊदी अरब के लिए जासूसी' करने के आरोप में 16 लोगों को मौत की सजा सुनाई है।
यमन के सरकारी बलों ने केंद्रीय प्रांत अल-बायदा में 40 से अधिक हूती विद्रोहियों को मार दिया है। इसके अलावा सऊदी अरब के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना ने भी हवाई हमलों में कई विद्रोहियों को मार गिराया है।
सऊदी अरब के समर्थन वाले गठबंधन द्वारा उत्तरी यमन में किए गए हवाई हमलों में कई महिलाओं समेत 9 बच्चों की मौत हो गई।
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