अमेरिका ने हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमला करने के लिए अपने ‘बी-2’ बमवर्षक विमानों का इस्तेमाल किया है। ‘बी-2’ बमवर्षक विमानों ने हूती विद्रोहियों के भूमिगत बंकरों पर बम बरसाए हैं।
यमन के हूती विद्रोहियों के 1 दर्जन से अधिक ठिकानों को अमेरिकी सेना ने हवाई हमले में ध्वस्त कर दिया है। अमेरिकी सेना ने यह कार्रवाई हूती विद्रोहियों की ओर से लाल सागर और अदन की खाड़ी में जहाजों पर लगातार किए जाए रहे मिसाइल और ड्रोन हमलों के जवाब में की है।
यमन के हूतियों ने इजरायल के मध्यक्षेत्र पर फिर हमला किया है। हूती विद्रोही इस हफ्ते लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर इजरायली हमले तेज होने से बौखला गए हैं। अब वह हिजबुल्लाह के समर्थन में उतर गए हैं।
हूती विद्रोहियों ने इजरायल पर हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला किया था। इस हमले की सबसे खास बात यह थी कि इजरायल का एयर डिफेंस सिस्टम इन मिसाइलों को रोक पाने में नाकाम रहा था।
यमन के हूतियों ने पहली बार मध्य इजरायल पर मिसाइल हमला किया है। हूतियों ने दावा किया कि उनकी इंटर बैलिस्टिक मिसाइल सिर्फ 11 मिनट 30 सेकेंड में 2040 किलोमीटर का सफर तय करके सेंट्रल गाजा तक पहुंच गई।
यमन के हूतियों ने अपने देश के बॉर्डर पर अमेरिका के शक्तिशाली एमक्यू-9 ड्रोन को मार गिराने का दावा किया है। इसके बाद अमेरिकी सेना ने यमन में हवाई हमलों को और तेज कर दिया है।
यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने एक बार फिर लाल सागर में कच्चे तेल से भरे टैंकरों पर हमला किया है। जिन तैल टैंकरों पर हमला किया गया है उनमें से एक में तो 20 लाख बैरल तेल था और इसमें सऊदी अरब के झंडा लगा था।
अदन की खाड़ी में एक जहाज को फिर निशाना बनाया गया है। इससे समुद्र में बड़े पैमाने पर तेल रिसाव होने का खतरा है। आशंका है कि यह हमला यमन के हूतियों की ओर से किया गया है।
अदन की खाड़ी में किसी भी जहाज का आवागमन बेहद असुरक्षित हो गया है। यमन के हूतियों ने फिर यहां एक जहाज पर भीषण हवाई हमला किया है। इससे जहाज में आग लग गई। हालांकि हमले में किसी की मौत होने की खबर नहीं है।
यमन के हूतिये लगातार अदन की खाड़ी और लाल सागर में गुजरने वाली जहाजों को निशाना बना रहे हैं। हूतियों ने इस बार सिंगापुर के ध्वज वाले जहाज को मिसाइल हमले से नष्ट कर दिया है। हूतियों ने इस हमले की जिम्मेदारी भी ले ली है।
यमन के हूतियों ने लाल सागर में एक पोत पर भीषण हवाई हमला किया है। हालांकि हमले से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। अमेरिका और ब्रिटेन की ओर से यमन में हूतियों की ठिकानों पर पूर्व में कई हमले किए जा चुके हैं। इसके बावजूद यमन के हूतयों ने अपना रुख नहीं बदला है। वह लगातार जहाजों पर हमले कर रहे हैं।
यमन के हूतियों ने अब फिर से अदन की खाड़ी से लेकर लाल सागर तक में ताबड़तोड़ हमला शुरू कर दिया है। महज 24 घंटे के अंदर हूतियों ने अपना दूसरा हमला लाल सागर में किया है। इससे एक दिन पहले ही उन्होंने अदन की खाड़ी में वाणिज्यिक जहाज को निशाना बनाया था।
यमन के हूतिये लगातार लाल सागर और अदन की खाड़ी में हमला करना जारी रखे हुए हैं। ताजा घटना में उन्होंने अदन की खाड़ी में एक वाणिज्यिक जहाज को निशाना बनाया है।
यमन के हूतियों पर अमेरिका की सेना ने बड़ा हमला किया है। इस हवाई हमले में हूती विद्रोहियों के कई रडार ठिकाने तहस-नहस हो गए हैं। बताया जा रहा है कि लालसागर में हमले करने के लिए हूतिये इन्हीं रडारों का इस्तेमाल किया करते थे।
अदन की खाड़ी में दो जहाजों पर मिसाइल से हमला किया गया है। हमले के चलते जहाज में आग लग गई। हूती विद्रोहियों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
यमन के हूतियों ने संयुक्त राष्ट्र की टीम पर बड़ा और घातक हमला किया है। इसके बाद उन्होंने यूएन के 9 कर्मचारियों समेत कई अन्य को बंधक बना लिया है। बता दें कि हूतियों ने अमेरिका और ब्रिटिश सेना की ओर से यमन में किए गए हवाई हमले के बाद यह कदम उठाया है।
लाल सागर में विभिन्न देशों की वाणिज्यिक जहाजों पर हमले करके लगातार आतंक का पर्याय बने हूतियों पर अमेरिका और ब्रिटेन ने जबरदस्त एयरस्ट्राइक की है। दोनों देशों ने हूतियों के कई ठिकानों को धुआं कर दिया है। इस हमले में हूतियों को भारी नुकसान की आशंका है।
लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों को लगातार निशाना बना रहे यमन के हूतियों को लेकर अमेरिका बिफर पड़ा है। अमेरिका ने हूतियों को हथियार उपलब्ध करा रहे ईरान को बड़ी चेतावनी दी है। बाइडेन प्रशासन का कहना है कि ईरान तत्काल यमन के हूतियों को हथियार देना बंद करे।
यमन हूतियों ने लाल सागर में शुक्रवार को जिस जहाज को निशाना बनाया था, वह रूस से भारत की ओर जा रहा था। पहले पता चला था कि हमले से कोई नुकसान नहीं पहुंचा। मगर अब तेल टैंकर के क्षतिग्रस्त होने की सूचना सामने आ रही है। हूतियों ने बैलिस्टिक मिसाइलों से लाल सागर में हमला किया था।
लाल सागर में बुधवार से हूती विद्रोहियों द्वारा कम से कम दो हमले हुए हैं। सबसे पहले अमेरिकी ध्वज वाले जहाज ‘एमवी यॉर्कटाउन’ को निशाना बनाया गया। दूसरी मिसाइल ने ‘एमएससी डार्विन’ को निशाना बनाया।
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