जोशी ने कहा कि हमारे पास अफोर्डेबल हाउसिंग (सस्ते घर) की कमी है। इसके लिए केंद्र सरकार की प्राथमिकता राज्यों और शहरी स्थानीय अधिकारियों के साथ काम करना है ताकि शहरी नियोजन प्रक्रिया के तहत बड़े संख्या में सस्ते घर बनाए जा सके। इसके लिए डेवलपर्स को अपने प्रोजेक्ट में कम से कम से कम 15% या अधिक सस्ते घर बनाने चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 50 लाख रुपये तक की लागत वाले घरों में नई आपूर्ति साल 2023 में साल-दर-साल 20 प्रतिशत कम हो गई। इसके चलते किफायती घरों की बिक्री में भी गिरावट आई।
एनारॉक के मुताबिक, जनवरी-सितंबर 2023 के दौरान टॉप सात शहरों में 3.49 लाख यूनिट्स बेची गईं। बिक्री आंकड़ा 2022 में 3.65 लाख यूनिट्स के मुकाबले इस साल 4.5 लाख यूनिट्स को पार करने को तैयार है।
पहली बार 1,100 से ज्यादा लग्जरी फ्लैट बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। अगर आपके पास पहले से दिल्ली में कोई फ्लैट या प्लॉट है तब भी आप इस स्कीम में अप्लाई कर सकेंगे और फ्लैट खरीद सकेंगे।
बड़ी संख्या में नए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के आने से ऐसे बिना बिके घरों की बिक्री की रफ्तार काफी धीमी हो गई है।
यह परियोजना गुरुग्राम के सोहना के सेक्टर-5 में स्थित है। यह प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन से 20 मिनट की दूरी पर होगी।
India Housing Sales: एक तरफ भारत में महंगाई बढ़ रही है। इसे कम करने के लिए सरकार से लेकर RBI के तरफ से नए कदम उठाए जा रहे हैं। इसी बीच आवास बिक्री को लेकर एक नया आंकड़ा सामने आया है, जो महंगाई के सभी दावों को गलत साबित करता हुआ दिखता है।
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पिछले तीन से चार वर्षों में PMAY-ग्रामीण योजना ‘‘लगातार समस्याओं’’ का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि चूंकि यह एक समयबद्ध योजना है और गरीबी उन्मूलन के राष्ट्रीय अभियान का हिस्सा है और इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
डीडीए ने एक बयान में कहा कि प्रारंभिक सर्वेक्षण में जेजे कैंप में 2,890 परिवार मौजूद थे। स्वस्थान पुनर्वास योजना के तहत उसी स्थान पर बहुमंजिला फ्लैट बनाए गए हैं, जहां पहले यह कैंप थे। बयान में कहा गया कि ड्रॉ के पहले चरण में 673 पात्र लाभार्थियों को आवंटन-सह- मांगपत्र जारी किए गए थे।
नोएडा अथॉरिटी ने ट्रांसफर चार्ज को लेकर अहम फैसला नोएडा के सेक्टर-119 स्थिति एल्डेको आमंत्रण हाउसिंग सोसाइटी को लेकर दिया है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश करते हुए कहा, ’’पीएमएवाई योजना के तहत वित्त वर्ष 2022-23 में चिन्हित पात्र लाभार्थियों के लिए 80 लाख घरों का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसमें शहरों और ग्रामीण दोनों इलाके के घर शामिल है और इसके लिए 48,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गए है।’’
सरकार अबतक 1.14 करोड़ घरों को आवंटित कर चुकी है और 89 लाख घरों के निर्माण का काम चल रहा है। लगभग 52 लाख घरों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
देश के आठ प्रमुख शहरों में चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में घरों की बिक्री सालाना आधार पर 59 प्रतिशत बढ़ककर 55,907 इकाई पर पहुंच गई। प्रॉपटाइगर.कॉम ने यह जानकारी दी है।
डेटा एनालिटिक्स कंपनी प्रॉपइक्विटी के अनुसार इस साल जनवरी-अगस्त के दौरान दिल्ली-एनसीआर के संपत्ति बाजार में घरों की बिक्री 22 प्रतिशत गिरकर 16,846 इकाई रह गई, लेकिन नयी आपूर्ति 42 प्रतिशत बढ़कर 17,615 इकाई पर पहुंच गयी।
संपत्ति सलाहकार कंपनी एनारॉक के अनुसार देश के सात शहरों में 1.4 लाख करोड़ रुपये की 1.74 लाख इकाइयों का काम पूरी तरह ठप हैं। इसमें से 66 प्रतिशत मकान दिल्ली-एनसीआर में हैं।
डेटा एनालिटिक कंपनी प्रॉपइक्विटी ने शनिवार को अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि कोविड-19 की दूसरी लहर की वजह से अप्रैल-जून, 2021 तिमाही में देश के सात बड़े शहरों में घरों की बिक्री में 58 प्रतिशत की कमी आयी।
डेवलपर्स द्वारा कम ब्याज दरों के साथ भुगतान विकल्पों में लचीलापन, और घरों की स्थिर कीमतें जैसी प्रोत्साहन योजनाओं ने लोगों की घर खरीदने की भावना को दोबारा प्रेरित किया।
दिल्ली की 1731 अनधिकृत कालोनियों में मालिकाना हक देने की शुरुआत डीडीए करीब डेढ़ साल पहले ही कर चुका है, लेकिन इन कालोनियों में विकास कार्यों की शुरुआत अभी भी अटकी हुई हैं।
अप्रैल-जून की तिमाही में आवासीय संपत्तियों की बिक्री 19,635 इकाई रही। जनवरी-मार्च तिमाही में यह 25,583 इकाई और पिछले साल अप्रैल-जून की तिमाही में 10,753 इकाई रही थी।
डेवलपर्स दाम बढ़ाने पर मजबूर हैं क्योंकि वह निर्माण लागत की वृद्धि को स्वयं खपाने की स्थिति में नहीं हैं।
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