राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने खुद वार्ड में जाकर इसकी जांच की, जहां ऑक्सीजन पाइप के निकट बने होल व खिड़की के पास से चूहे वार्ड में आ रहे थे, जिसकी मरम्मत कराकर चूहों के आने-जाने के सभी रास्ते बंद करा दिए गए हैं।
बसपा सुप्रीमो के नोएडा आगमन को लेकर पुलिस ने चाक चौबंद व्यवस्था कर रखी थी और डीएनडी से लेकर सेक्टर-19 हॉस्पिटल तक सभी जगह पर पुलिसकर्मी मौजूद रहे।
जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के लाइनमैन राम अवतार वर्मा को बारां जिला अस्पताल के परिसर में ‘महंगाई राहत कैंप’ में तैनात किया गया था। वह नशे की हालत में अस्पताल पहुंचा और अनुबंधित कर्मी कंप्यूटर ऑपरेटर विशाल वैष्णव को शराब से जुड़ा कोई गाना बजाने को कहा।
दिल्ली के एक निजी हॉस्पिटल को स्पर्म की अदला-बदली महंगी पड़ गई। एनसीडीआरसी ने हॉस्पिटल व डॉक्टरों पर 1.5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा दिया। कमीशन ने हॉस्पिटल और संबंधित डॉक्टरों पर रिप्रोडक्शन प्रक्रिया संबंधी गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
उत्तर प्रदेश के बदायू में जिला अस्पताल से एक वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो में एक बाबा अस्पताल के वार्ड में मरीजों की झाड़-फूंक करता दिख रहा है। वीडिो वायरल होती ही प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने एक्शन लिया है।
इस पूरे घोटाले में कई डॉक्टर हैं जिनमें हृदय रोग विशेषज्ञ सहित बाल रोग विशेषज्ञ और सर्जन शामिल हैं। जो लोग डॉक्टर नहीं हैं, वे स्वास्थ्य विभाग से अस्पताल, क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब संचालित करने के लिए डॉक्टर के नाम से लाइसेंस प्राप्त करते हैं।
नागपुर के सरकारी अस्पताल में पिछले कई दिनों से एक युवती बुर्का और डॉक्टर की ड्रेस पहनकर घूम रही थी। वह अपना नाम आयशा सिद्दकी बता रही थी, लेकिन एक दिन सुरक्षाकर्मियों को उसपर शक हुआ और मामले का खुलासा हुआ, जिससे हर कोई हैरान रह गया।
पोप फ्रांसिस इन दिनों आंत की एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। इसके चलते उन्हें वेटिकन सिटी के हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। डॉक्टरों के अनुसार पोप फ्रांसिस की आंतों में संकुचन और दर्द की समस्या है।
अस्पताल से कुल 71 मरीजों को निकाला गया और अन्य जगह ट्रांसफर किया गया और रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है।
30 साल के एक मरीज की कथित तौर पर गुर्दे की पथरी निकालने के दौरान मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने जांच लंबित रहने तक अस्पताल को सील कर दिया है।
जर्मनी के एक अस्पताल में आग लगने से मरीजों के बीच अफरा-तफरी मच गई। आग की लपटें इतनी भीषण थी कि वह फैलते हुए तीसरी मंजिल तक पहुंच गई। इससे भर्ती मरीज भी इधर-उधर उठ कर भागने लगे। तत्काल इसकी सूचना फायर विभाग को दी गई। समय रहते आग पर काबू पा लिया गया। मगर तब तक चार लोग झुलस चुके थे।
प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों का समर्थन करते हुए अब सरकारी अस्पतालों में सभी रैंक के डॉक्टरों ने भी बुधवार को कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया है, वहीं राज्य सरकार ने विरोध करने वाले रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर ली है।
बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के लिए जिला अस्पताल से लेकर सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 26346 बड़े बढ़ाए जायेंगे। इसकी प्रक्रिया अंतिम दौर में है। कई अस्पतालों में अतिरिक्त बेड के लिए भवन का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है।
Central Government Employees News: सरकार के इस फैसले से 4.2 मिलियन कर्मचारियों को राहत मिलेगी, जो पैसे कम होने के चलते कई बार इलाज नहीं करा पाते थे। अब उन्हें इसके लिए सरकार के तरफ से पैसे दिए जाएंगे।
LNJP अस्पताल में एक प्री मेच्योर बेबी का जन्म हुआ। जिसके बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल प्रबंधन ने बच्ची को एक बॉक्स में पैक कर परिजनों को सौंप दिया लेकिन जब परिजन बच्ची का शव लेकर घर पहुंचे तब उन्होंने उसे जिंदा पाया।
विभिन्न वजहों से ब्रेन ट्यूमर के मामलों में पिछले कुछ वर्षों से लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। जब मस्तिष्क की कोशिकाएं किसी वजह से असामान्य रूप से वृद्धि करते हुए गुच्छा बना लेती हैं तो वह गांठ के तौर पर दिखाई देती हैं। इसे ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। किसी भी व्यक्ति को ब्रेन ट्यूमर होने पर सिरदर्द, उल्टी, चक्कर आना।
हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में अलग-अलग ड्रेस कोड लागू किया गया है। जिसके मुताबिक पुरुषों को जींस, टीशर्ट नहीं पहनना होगा और महिलाओं के स्कर्ट और शॉर्ट्स पर बैन लगाई गई है। जानिए ड्रेस कोड में और किस तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं।
यूक्रेन युद्ध के एक वर्ष होने को हैं। पुतिन की सेना ने यूक्रेन पर भीषण मिसाइल और ड्रोन हमलों को जारी रखा है। मंगलवार को यूक्रेन में रूसी गोलाबारी में भारी संख्या में नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया गया है, इस गोलाबारी में एक शहर के अस्पताल में आग लग गयी। हमले के वक्त अस्पताल में काफी संख्या में मरीजों का इलाज चल रहा था।
ट्रांसजेंडर होने की वजह से उनको इलाज भी समय पर नहीं मिल पता है, ऐसे में अब ट्रांसजेंडर्स के लिए मुंबई के जेजे अस्पताल के अंतर्गत आने वाले जीटी अस्पताल में देश के पहले ट्रांसजेंडर वार्ड को शुरू किया गया है।
देशभर में ब्रेन स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। मगर जागरूकता की कमी और लापरवाही व इलाज मिलने में देरी के चलते ज्यादातर मरीजों की जान चली जाती है। जो मरीज बच भी गए तो फिर वह अपनी सोचने, समझने और बोलने और याद करने की क्षमता खो देते हैं।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़