किस लग्न वालों को मोती पहनना चाहिए और किसको नहीं पहनना चाहिए। साथ ही इसे पहनने से क्या फायदा होगा और क्या नुकसान....ये सब भी जानिए।
29 दिसंबर को पौष शुक्ल पक्ष की उदया तिथि तृतीया और रविवार का दिन है|
पौष शुक्ल पक्ष की उदया तिथि द्वितीया और शनिवार का दिन है। द्वितीया तिथि सुबह 11 बजकर 10 मिनट तक रहेगी। उसके बाद तृतीया तिथि शुरु हो जायेंगी। शनिवार शाम 8 बजकर 26 मिनट तक व्याघात योग रहेगा।
Yearly Horoscope 2020: क्या आपको शिक्षा के क्षेत्र में कामयाबी मिलेगी? ये सारी जानकारी आपको मिलेगी सिर्फ इंडिया टीवी पर।
जानिए आज आपकी राशि क्या कहती है?
26 दिसंबर को आपका दिन कैसा होगा ये बता रहे हैं आचार्य इंदु प्रकाश। उनकी भविष्यवाणी से आप अपना दिन और बेहतर बना सकते हैं। आपकी राशि क्या कहती है आइए जानते हैं।
आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए 25 दिसंबर का दिन आपके लिए क्या लेकर आया है?
धृति योग के दौरान रखा गया नींव पत्थर आजीवन सुख-सुविधाएं देता है अर्थात यदि रहने के लिए किसी घर का शिलान्यास यदि इस योग में किया जाए तो इंसान उस घर में रहकर सब सुख-सुविधाएं प्राप्त करता है।
सुकर्मा योग सुबह 8 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर पूरा दिन पूरी रात पार करके अगली सुबह 6 बजकर 1 मिनट तक रहेगा|
आइए जानते हैं 21 दिसंबर 2019 की राशिफल क्या कहती है।
आज देर रात 1 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर कल यानि की 18 दिसम्बर की दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक भद्रा रहेगी।
आज पौष कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि और सोमवार का दिन है। पंचमी तिथि आज का पूरा दिन पार करके देर रात 3 बजकर 40 मिनट तक रहेगी। आज वैधृति योग देर रात 2 बजकर 1 मिनट तक रहेगा।
पौष कृष्ण पक्ष की उदया तिथि तृतीया और रविवार का दिन है। तृतीया तिथि आज7 बजकर 18 मिनट तक ही रहेगी। उसके बाद चतुर्थी तिथि शुरु हो जायेगी। लिहाज़ा आज संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत किया जायेगा।
पौष कृष्ण पक्ष की उदया तिथि द्वितीया और शनिवार का दिन है| द्वितीया तिथि सुबह 8 बजकर 47 मिनट तक ही रहेगी| इसके साथ ही शुक्ल योग सुबह 9 बजकर 49 मिनट तक रहेगा,उसके बाद ब्रह्म योग शुरू हो जायेगा।
16 दिसंबर को सूर्यदेव के धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही धनु खरमास भी आरंभ हो जायेगा | जानें आपकी राशि पर क्या पड़ेगा प्रभाव।
पौष कृष्ण पक्ष की उदया तिथि प्रतिपदा और शुक्रवार का दिन है। प्रतिपदा तिथि सुबह 9 बजकर 57 मिनट तक ही रहेगी
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की उदया तिथि पूर्णिमा और गुरुवार का दिन है| पूर्णिमा तिथि सुबह 10 बजकर 42 मिनट तक ही रहेगी।
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की उदया तिथि चतुर्दशी और बुधवार का दिन है। चतुर्दशी तिथि सुबह 10 बजकर 59 मिनट तक ही रहेगी, उसके बाद पूर्णिमा शुरू हो जाएगी।
जिनकी अकाल मृत्यु हो जाती है या जो किसी दुर्घटना आदि में मारे जाते हैं, उन लोगों का इसी दिन श्राद्ध करने का विधान है।
सोमवार को सोम प्रदोष व्रत भी है। प्रदोष व्रत में प्रदोष काल का बड़ा महत्व होता है। इस दिन भगवान शंकर के निमित्त व्रत करना चाहिए।
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