हांगकांग में लोग 1989 में हुए थियानमेन चौक नरसंहार (Tiananmen Square Massacre) की बरसी मना रहे हैं। चीनी सेना द्वारा किए गए इस भयानक नरसंहार में कितने लोगों की जान गई थी, यह आज तक सही-सही पता नहीं चल पाया है।
बताया जा रहा है कि सादे कपड़ों में तैनात अधिकारी वहां रैली के आयोजकों से बात कर रहे थे तभी नकाबपोश प्रदर्शनकारियों ने हिंसा शुरू कर दी।
विश्व की नई आर्थिक महाशक्ति चीन के सामने हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने एक नई मुसीबत खड़ी कर दी।
इसके तहत विदेश मंत्री को साल में कम से कम एक बार यह प्रमाणित करना होगा कि हांगकांग के पास अब भी इतनी स्वायत्तता है कि उसे अमेरिका के साथ व्यापार पर विशेष महत्व दिया जाए।
चीन ने मंगलवार को कहा कि हांगकांग के संवैधानिक मामलों पर फैसला सुनाने का अधिकार सिर्फ उसे है।
हांगकांग विश्वविद्यालय में एकत्र लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को भीतर आने से रोकने के लिए सोमवार को परिसर के मुख्य द्वार पर आग लगा दी।
इस सप्ताह लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं के जबरदस्त प्रदर्शन के बाद शनिवार को सरकार समर्थक प्रदर्शनकारियों ने रैली निकाली।
शनिवार रात को भी लोकतंत्र समर्थकों को पर्चे बांट रहे एक व्यक्ति के गले और पेट पर चाकू से हमला किया गया।
हांगकांग में एक लोकतंत्र समर्थक ने एक चीनी अधिकारी को जमकर मुक्के बरसाए। इस घटना का वीडियो वारयल होने के बाद चीन के लोगों में जबर्दस्त गुस्सा फैल गया है।
आपको बता दें कि इसका आखिरी बार इस्तेमाल करीब 50 साल पहले हिंसक प्रदर्शनकारियों और दंगाइयों को नियंत्रित करने के लिए किया गया था।
हांगकांग में कई महीनों से जारी हिंसक प्रदर्शनों को खत्म करने के लिए सरकार आपात शक्तियों का इस्तेमाल करने और नकाब पर पाबंदी लगाने के बारे में विचार कर रही है।
करीब 4 महीने से जारी प्रदर्शन में बढ़ते लोकतंत्र समर्थक हिंसक प्रदर्शनों में यह पहला मौका है जब प्रदर्शनकारियों को गोलियों का सामना करना पड़ा।
सरकार ने रविवार को वक्तव्य जारी कर कहा था कि हिंसा से समुदाय को नुकसान ही पहुंचेगा और वह समस्याओं का समाधान खोजने की गंभीर कोशिश कर रही है।
हांगकांग के नेतृत्व द्वारा प्रदर्शनकारियों की एक प्रमुख मांग मान लिए जाने के बावजूद विरोध प्रदर्शन लगातार 14वें सप्ताह जारी है।
हांगकांग में हजारों लोकतंत्र समर्थकों ने पुलिस प्रतिबंध के बावजूद शनिवार को रैली निकाली। तीन महीने से जारी राजनीतिक गतिरोध के बीच पिछले सप्ताहांत सबसे अधिक हिंसक झड़पें हुई थीं।
हांगकांग में प्रमुख लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए एक नागरिक अधिकार समूह को शनिवार को जन रैली करने की अनुमति नहीं दी।
हांगकांग में प्रदर्शनकारियों की ओर से रविवार रात अधिकारियों पर लाठियों और लोहे की छड़ों से हमले किए जाने के बाद प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया।
कश्मीर और लद्दाख पर बुरी नजर रखने वाले चीन का चेहरा पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो रहा है। जिस हॉन्ग कॉन्ग को चीन अपना हिस्सा मानता है और उस पर कब्जा बनाए रखने के लिए बर्बरता की सारी हदें पार करता रहा है, उसी हॉन्ग कॉन्ग ने अब जहरीले ड्रैगन की दुम पर पांव रख दिया है।
देखिये हांगकांग प्रदर्शन पर इंडिया टीवी की ख़ास रिपोर्ट
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