कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बृहस्पतिवार को जारी गई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार निषिद्ध क्षेत्रों में मौजूद धार्मिक स्थल जनता के लिए बंद रहेंगे
आंतरिक सुरक्षा से लेकर सीमा की सुरक्षा तक का दायित्व निभाने वाले इन बलों के लगभग 10 लाख कर्मियों के 50 लाख परिजनों के लिए इन कैंटीनों में सामान बेचा जाता है।
गृह मंत्रालय ने अनलॉक-1 को तीन चरणों में बांटा है।
विदेश में जन्मे भारतीय नागरिकों के उन नाबालिग बच्चों को देश आने की अनुमति दी गई है, जो ओसीआई कार्ड धारक हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने के लिए लॉकडाउन में छूट दी है।
गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि वे श्रमिकों को श्रमिक विशेष ट्रेन या बस तक पहुंचाने में सहायता करें।
ट्रेन यात्रियों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, कन्फर्म टिकट, मास्क पहनना जैसे जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि राज्य सरकारें सुनिश्चित करें कि मेडिकल प्रोफेशनल्स, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारियों, एंबुलेंस आदि की आवाजाही में कोई दिक्कत न आए।
दुनियाभार में जारी कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार विदेश में फंसे भारतीयों को 7 मई से चरणबद्ध तरीके से वापस लाने की व्यवस्था करेगी।
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि हरित और ऑरेंज जोन में ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा गैर जरूरी सामानों की बिक्री पर प्रतिबंध नहीं होगा।
इन दुकानों पर काम करने वाले लोगों को पूरे समय मास्क पहनना अनिवार्य होगा और केवल 50 प्रतिशत कर्मचारी ही काम पर आ सकेंगे।
दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्टाफ को मास्क लगाना अनिवार्य होगा। साथ ही गृह मंत्रालय ने यह भी साफ किया है कि उन इलाकों में दुकान नही खुलेंगी, जिन्हें कोरोना हॉटस्पॉट माना गया है या कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।
जिन दुकानों को खोलने की अनुमति मिली है उन्हें लॉकडाउन की कुछ शर्तों का पालन करना होगा, दुकानें अपने कर्मचारियों के आधे से ज्यादा स्टॉफ को काम पर नहीं बुला सकती हैं
मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा है कि दिशा-निर्देशों की गलत व्याख्या के जरिये मीडिया और विनिर्माण इकाइयों वाली कंपनियों ने कुछ गलत धारणा बनाई है।
गृह मंत्रालय ने एक आदेश में कहा कि अब तक जारी दिशा-निर्देशों के जरिये विशिष्ट सेवाओं और गतिविधियों की छूट के संबंध में स्थिति स्पष्ट किए जाने की मांग के बाद यह निर्णय लिया गया है।
गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों को नये सिरे से पत्र लिखा है क्योंकि कुछ राज्य अपने दिशानिर्देश जारी कर रहे हैं जो लॉकडाउन को कमजोर करने के समान हैं और इससे नागरिकों की सेहत को लेकर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
मंत्रालय ने कहा कि बंद के नियमों के उल्लंघन के सामने आए मामले लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं और कोविड-19 के फैलने का खतरा भी बढ़ा रहे हैं।
विभिन्न राज्यों की सरकारें कोरोना वायरस संक्रमण से बेहद प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जरूरत का सामान उनके घरों तक पहुंचाना सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही हैं।
गृह मंत्रालय ने राज्यों और केन्द्र शासित क्षेत्रों से कोविड-19 महामारी के वक्त अस्पतालों तथा पृथक केन्द्रों में काम कर रहे चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में ‘क्रमिक छूट’ दिये जाने पर आपत्ति जताई है और कहा कि राज्य में गैर-जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुलने दी गयी तथा पुलिस ने धार्मिक कार्यक्रमों की भी इजाजत दी।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़