उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित भारत की खुदरा मुद्रास्फीति जून में बढ़कर तीन महीने के उच्चतम स्तर 4.81 प्रतिशत पर पहुंच गई।
MCLR की बढ़ोत्तरी का सीधा असर सभी तरह के लोन (Bank Loan) पर पड़ेगा। ऐसे में यदि आपने कार लोन लिया हो।
प्री-अप्रूव्ड लोन के लिए क्रेडिट हिस्ट्री सही होना चाहिए। डिफॉल्टर या समय पर EMI नहीं देने वाले लोग इसके पात्र नहीं है। जानिए प्री-अप्रूव्ड लोन लेने की प्रक्रिया और इसकी खासियत।
हर दो महीने में होने वाली रिजर्व बैंक की बैठक के बाद बैंक धड़ाधड़ ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं।आइए जानते हैं कुछ ऐसे उपाय, जिनसे आप बिना EMI की बढ़ोत्तरी से डरे बिना आसानी से कर्ज चुका सकते हैं
एसबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार एमसीएलआर दर में ताजा बदलाव 15 जुलाई से प्रभावी होंगे।
जानकारों का कहना है कि किसी भी बैंक से होम लोन लेने से पहले मोलतोल करना बिल्कुल न भूलें। अगर आपका सिबिल स्कोर बेहतर है तो बैंक आपको सस्ता होम लोन दे सकता है।
चेन्नई में घरों की बिक्री 6,951 इकाइयों से तीन प्रतिशत बढ़कर 7,150 इकाई हो गई। दिलचस्प बात यह है कि चेन्नई में कार्यालय स्थल की मांग दोगुना होकर 45 लाख वर्ग फुट पर पहुंच गई।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि आवास क्षेत्र में अच्छी वृद्धि हो रही है और बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च, 2023) में घरों की बिक्री में 21.6 प्रतिशत वृद्धि हुई।
महंगाई को काबू में लाने के लिये रिजर्व बैंक पिछले साल मई से इस साल फरवरी तक रेपो दर में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है।
आज के दौर में होम लोन के जरिये अपना खुद का मकान बनाना और भी आसान हो गया है, लेकिन इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को हमें जान लेना चाहिये।
एक साल के भीतर रेपो रेट की दरें 2.5 फीसदी तक बढ़ गई है। जिसका असर घर और कार के कर्ज पर हुआ है। कर्ज महंगा होने से EMI का बोझ भी बढ़ता जा रहा है।
रिजर्व बैंक एक साल में करीब 2.5 प्रतिशत ब्याज दरें बढ़ा चुका है, जिसके बाद साल भर में 30 लाख के कर्ज पर औसतन 3000 से 4000 रुपये तक ईएमआई बढ़ गई हैं। लेकिन आप चाहें तो इसे कम कर सकते हैं।
अगर आप 30 लाख का होम लोन 9 फीसदी की ब्याज पर लेते हैं तो 20 साल में करीब 34 लाख रुपये का ब्याज देना होता है। यह बहुत बड़ी रकम है।
आपको बता दें कि पिछले 11 महीने में आरबीआई ने रेपो रेट में 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी किया है।
होम लोन एक लंबी अवधि का लोन होता है, जहां हम इसे 20 साल, 10 साल आदि के टेन्योर पर लेते हैं। दूसरी ओर एक समय के बाद बैंकों की ब्याज दरें बदलती रहती हैं, वहीं बढ़ी हुई बैंक ब्याज दरों से अगर आप परेशान है तो आप अपने होम लोन को एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर करा सकते हैं।
आंकड़ों के अनुसार, रियल एस्टेट डेवलपर ने वर्ष 2022 में देश के सात प्रमुख शहरों में कुल 3,57,650 घरों की आपूर्ति की जिनमें से सिर्फ 20 प्रतिशत घर ही किफायती श्रेणी में थे।
SBI ने 15 दिसंबर, 2022 को अपनी बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट और बेस रेट को संशोधित किया था। बेस रेट और बीपीएलआर में बढ़ोतरी का सीधा असर उन पुराने ग्राहकों पर पड़ता है जिन्होंने 2016 से पहले लोन दिया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) कुछ समय पहले ही रेपो रेट बढ़ाया है। रेपो रेट बढ़ते ही बैंकों द्वारा दिए जा रहे होम लोन महंगे हो गए है। सरकारी और प्राइवेट सेक्टर्स के सभी बड़े बैंकों ने होम लोन पर इंटरेस्ट रेट बढ़ा दिया है। आइए जानते हैं कि देश के बड़े बड़े बैंकों का लोन कितना महंगा हुआ है।
अपना घर खरीदना हर किसी का सपना होता है। इसके लिए लोग कई वर्ष तक सेविंग करते हैं। इसके बावजूद भी संपत्ति की बढ़ती कीमतों के कारण घर नहीं खरीद पाते हैं। घर खरीदने के लिए सेविंग प्लान बनाना जरूरी है। इसके जरिए आप आसानी से टैक्स में भी छूट ले पाएंगे।
घर खरीदें या किराए पर लें इन दोनों के बीच अधिकतर लोग कंफ्यूज हो जाते हैं। घर खरीदने के कई फायदे हैं। घर खरीदने के नुकसान भी कम नहीं है। संपत्ति की कीमत और ब्याज दर लगातार बढ़ती ही जा रही है। घर खरीदें या किराए पर लें इसे तय करने से पहले दोनों के फायदे और नुकसान को ना करें नजरअंदाज।
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