अगर ग्राहक बिना कोई EMI मिस किये 12 महीने तक होम लोन का पुनर्भुगतान कर देता है, तो वह होम लोन टॉप-अप लेने के योग्य हो जाता है।
टॉप-अप होम लोन की अवधि अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग होती है। उदाहरण के लिए भारतीय स्टेट बैंक 30 साल तक की अवधि के लिए टॉप-अप होम लोन देता है।
बैंक ने चुनिंदा अवधियों पर अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड-बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में 10 बेसिस पॉइंट्स (बीपीएस) तक की बढ़ोतरी की है।
अगर आप अपने होम लोन को किसी दूसरे बैंक को ट्रांसफर करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको प्रोसेसिंग फीस, एप्लीकेशन चार्ज, एडमिनिस्ट्रेशन फीस, रिव्यू फीस, और बहुत कुछ सहित विभिन्न शुल्कों का सामना करना पड़ सकता है।
आप समझ सकते हैं कि क्रेडिट स्कोर कितना महत्वपूर्ण है। इसलिए कभी भी अपना क्रेडिट स्केर खराब नहीं करें। समय पर लोन की ईएमआई और क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करें।
गोयल ने कहा कि खुदरा, कृषि और एमएसएमई (आरएएम) बैंक के लिए ध्यान देने वाले क्षेत्र होंगे, लेकिन अच्छे कॉरपोरेट कर्ज के वित्तपोषण से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ कुल ऋण में आरएएम की हिस्सेदारी करीब 55 प्रतिशत है।
अगर आप अपने होम लोन पर ब्याज भुगतान कम करना चाहते हैं, तो आपको लोन की राशि का प्री-पेमेंट करने पर विचार करना चाहिए।
जब भी आप होम लोन के लिए अप्लाई करेंगे तो ब्याज दर आपकी सिबिल स्कोर पर निर्भर करेगा, जबकि लोन अमाउंट आपकी एलिजिबिलिटी पर निर्भर करेगा। यह सबकुछ बैंक तय करते हैं। होम लोन एक लंबे समय के लिए लिया जाने वाला लोन है।
आपकी वित्तीय स्थिरता और रीपेमेंट क्षमता को वेरिफाई करने के लिए बैंक को आपके अलग-अलग डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है। इन डॉक्यूमेंट्स को सावधानीपूर्वक व्यवस्थित और आसानी से उपलब्ध होने से स्वीकृति प्रक्रिया में तेज़ी आ सकती है।
Top-up home loans : अगर ग्राहक बिना कोई किश्त मिस किये 12 महीने तक होम लोन का पुनर्भुगतान कर देता है, तो वह होम लोन टॉप-अप लेने के योग्य हो जाता है।
ज्वाइंट होम लोन लेना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। हां, इसके लिए अप्लाई करने से पहले की बातों पर गौर करना जरूरी है। होम लोन का समय पर पुनर्भुगतान सभी सह-आवेदकों की सामूहिक और व्यक्तिगत जिम्मेदारी है।
वित्त वर्ष 2020-21 से पहली कैटेगरी के शहरों में 50-100 प्रतिशत के बीच मूल्य वृद्धि देखी गई है। बड़े घरों की मांग वास्तव में आसमान छू रही है। आवासीय रियल एस्टेट की मांग मजबूत बनी हुई है।
होम लोन लंबी अवधि के लिए लिया जाता है। आमतौर पर अधिकांश लोग होम लोन 20 से 25 साल के लिए लेते हैं। इसलिए ब्याज दर की तुलना जरूर करें। जो बैंक कम ब्याज पर लोन दें, उसी से लोन लें।
बैंक की वेबसाइट के अनुसार, आप तैयार प्रॉपर्टी की खरीद, अंडर कंस्ट्रक्शन, रीसेल, प्लॉट पर घर निर्माण, मरम्मत, नवीनीकरण आदि के लिए ले सकते हैं।
प्रीपेमेंट का मतलब है कि लोन धारक पूरा या बाकी लोन अवधि समाप्त होने से पहले ही जमा कर देता है। इससे बैंक को ब्याज दर का नुकसान होता है, इसलिए कुछ हद तक इस नुकसान की भरपाई के लिए बैंक पेनल्टी लगाते हैं।
मार्च में ओवरऑल महंगाई घटकर 4.85 प्रतिशत पर आ गई जबकि कोर मुद्रास्फीति घटकर 3.3 प्रतिशत पर रही।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 5 अप्रैल की अपनी नीति समीक्षा में लगातार सातवीं बार ब्याज दरों को स्थिर रखा। इसके चलते अधिकांश बैंक ने होम लोन पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
होम लोन लेना आसान होता है लेकिन चुकान मुश्किल क्योंकि यह लंबी अवधि का लोन होता है। इस पर ब्याज और ईएमआई का बोझ काफी अधिक होता है। हालांकि, कुछ बातों का ख्याल रखकर आसानी से होम लोन को समय से पहले चुकाया जा सकता है।
रेपो रेट पर निर्णय करने वाली भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक समीक्षा बैठक बुधवार को शुरू हुई थी। तीन दिन तक चले इस बैठक के बाद आज केंद्रीय बैंक रेपो रेट पर अपना फैसला सुनाएगी।
Home loan charges : होम लोन लेते समय कई सारे चार्जेज लगते हैं। इनमें एप्लिकेशन फीस, लीगल फीस, मॉर्गिज डीड फीस, कमिटमेंट फीस और प्रीपेमेंट पेनाल्टी जैसे चार्जेज शामिल हैं।
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