भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने विभिन्न ऋणों पर लागू अपनी बाह्य बेंचमार्क-आधारित उधार दर (ईबीएलआर) और रेपो लिंक्ड उधार दर (आरएलएलआर) में कटौती की घोषणा की है।
लोन लेना से पहले कई तरह की परेशानी आती है। हालांकि, लोन मिलने के बाद लोगों को लगता है कि अब टेंशन से मुक्ति मिल गई है। हालांकि, ऐसा नहीं है। लोन बंद कराने के बाद भी कई काम को निपटना होता है। ऐसा नहीं करने पर बाद में परेशानी आ सकती है।
Home Loan Interest rate : आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की है। इसके बाद अब बैंक्स भी जल्द ही लोन पर ब्याज दरों को घटा सकते हैं।
आईबीआई ने आखिरी बार मई 2020 में ब्याज दरों में कटौती की थी। आरबीआई ने उस समय कोविड के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने के लिए रेपो रेट में 0.40 प्रतिशत (40 बेसिस पॉइंट्स) की कटौती की थी। जिसके बाद आज करीब 5 साल बाद रेपो रेट में किसी तरह की कटौती की गई है।
रिजर्व बैंक ने करीब 5 साल बाद रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव किया है। रेपो रेट में हुई इस 0.25 प्रतिशत की कटौती से होम लोन और कार लोन समेत तमाम लोन सस्ते हो जाएंगे और लोगों को ईएमआई में राहत मिलेगी।
अगर आप लोन पर घर लेने जा रहे हैं और आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो बैंक आपको प्रॉपर्टी की कीमत का 90 प्रतिशत लोन दे सकते हैं। लेकिन यहां आपको समझदारी से फैसला लेते हुए ज्यादा से ज्यादा डाउन पेमेंट करनी चाहिए। ताकि, आपकी जेब पर ऊंची और लंबे समय तक चलने वाली ईएमआई का ज्यादा बोझ न पड़े।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर ऐसा होता है तो यह बजट में खपत को बढ़ावा देने के लिए उठाये गये कदमों को मजबूती देगा। हालांकि रुपये में गिरावट अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है।
यानी अगर आपकी सैलरी 12.75 लाख रुपये सालाना है तो नई टैक्स रिजीम चुनना फायदे का सौदा रहेगा। वहीं, 14, 14 या 20 लाख सालाना सैलरी होने पर ओल्ड टैक्स रिजीम ही फायदे का सौदा रहेगा।
होम लोन और कार लोन जैसी परिस्थितियों में बैंक खरीदे गए और गाड़ी को सीज कर लेते हैं। बाद में इस घर और गाड़ी को बेचने के लिए नीलामी आयोजित की जाती है। नीलामी में प्रॉपर्टी बिकने के बाद बैंक अपने लोन की वसूली करते हैं। इनके अलावा, किसी अन्य लोन में बैंक कर्जदार मृतक की अन्य प्रॉपर्टी भी सीज कर उसे बेच सकते हैं।
RBI द्वारा रेपो दर में कटौती या वृद्धि के बाद उधारकर्ता के पास ब्याज लागत बचाने के लिए फिक्स्ड से फ्लोटिंग या इसके विपरित ब्याज दर व्यवस्था में स्विच करने का विकल्प होता है।
योजना के तहत सिर्फ ईडब्ल्यूएस/एलआईजी और एमआईजी के पात्र लाभार्थियों को ही सब्सिडी मिलती है। इस स्कीम के तहत डब्ल्यूएस/एलआईजी और एमआईजी के रूप में पहचान के लिए, एक व्यक्तिगत ऋण आवेदक आय का प्रमाण देना होता है।
एक्सपर्ट का कहना है कि जब कोई बैंक मृतक उधारकर्ता के बकाया लोन देने का अनुरोध किसी कानूनी उत्तराधिकारी से करता है तो उत्तराधिकारी को केवल मृतक उधारकर्ता से विरासत में मिली कुल संपत्तियों के मूल्य तक बकाया ऋण राशि चुकाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
कुछ वित्तीय संस्थान लोन की प्रोसेसिंग और मंजूरी हो जाने के बाद एक निर्धारित समय अवधि के अंदर लोन नहीं लेने की स्थिति में कमिटमेंट फीस वसूलते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ने फरवरी, 2023 से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा हुआ है। अक्टूबर में खुदरा महंगाई 6.2 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो सरकार द्वारा आरबीआई के लिए निर्धारित लक्ष्य से अधिक है।
वित्तीय जानकारों का कहना है कि आप अपने म्यूचुअल फंड लाभ का कुछ हिस्सा होम लोन के प्रीपेमेंट के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, जबकि बाकी को निवेशित रख सकते हैं। इससे आपका लोन बोझ कम हो जाएगा और बाजार की तेजी का लाभ भी मिलेगा।
लोन चुकाने और वेल्थ क्रिएशन के बीच संतुलन बनाना महत्वपूर्ण है। इस स्थिति में किसी व्यक्ति के लिए, एक संयुक्त रणनीति सबसे बेहतर काम कर सकती है। लोन को व्यवस्थित रूप से प्रबंधित करने के लिए नियमित ईएमआई जारी रखें। वहीं, वेल्थ् क्रिएशन के लिए एक्स्ट्रा पैसे को एसआईपी में निवेश करें।
आपको बता दें कि RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढोतरी की थी। इसके चलते रेपो रेट 6.25% से बढ़ाकर 6.50% हो गया था। उसके बाद से लगातार रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को स्थिर रखा हुआ है।
अगर ग्राहक बिना कोई EMI मिस किये 12 महीने तक होम लोन का पुनर्भुगतान कर देता है, तो वह होम लोन टॉप-अप लेने के योग्य हो जाता है।
नई दरें 7 नवंबर, 2024 से प्रभावी हो गई हैं। यह दर वृद्धि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा लगातार दसवीं बार अपनी नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखने के निर्णय के बाद की गई है।
अगर आप घर खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए यह अच्छा समय है। आप बैंक से सस्ता होम लोन के साथ प्रोसेसिंग छूट का फायदा उठा सकते हैं। कई बैंक जीरो प्रोसेसिंग फीस वसूल रहे हैं।
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