रियल एस्टेट के जानकारों का कहना है कि बुकिंग के समय ही लीगल डक्यूमेंट्स होने से बिल्डर की मनमर्जी नहीं चलेगी। वह अपनी मर्जी से किसी बायर्स का फ्लैट कैंसल नहीं कर पाएंगे।
मार्च में, प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स ने टाउनशिप विकसित करने के लिए सिद्धार्थ विहार, इंदिरापुरम एक्सटेंशन, गाजियाबाद में 62.5 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था।
45-90 लाख रुपये का बजट रेंज 35 प्रतिशत से अधिक संभावित घर खरीदारों के लिए सबसे पसंदीदा विकल्प बना हुआ है। वर्तमान में, सर्वेक्षण के 28% से अधिक उत्तरदाताओं ने 90 लाख रुपये से 1.5 करोड़ रुपये के बीच की कीमत वाले घरों को अपनी प्राथमिकता बताई है।
त्योहारी सीजन में घर खरीदने से पहले पूरी तरह से रिसर्च करें और जल्दबाजी में फैसला न लें। आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से प्रॉपर्टी के बारे में रिसर्च करें।
अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने कहा कि आरबीआई द्वारा प्रमुख नीतिगत दरों को बनाए रखने का निर्णय वर्तमान व्यापक आर्थिक स्थितियों और भविष्य के दृष्टिकोण का आकलन दर्शाता है।
वर्कस्पेस यानी ऑफिस स्पेस की डिमांड 1.61 करोड़ वर्ग फुट से 18 प्रतिशत बढ़कर 1.9 करोड़ वर्ग फुट हो गई। ये वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC) स्थापित करने की इच्छा रखने वाली मल्टीनेशनल कंपनियों की हाई डिमांड से प्रेरित रही।
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि वर्तमान आवेदन के लंबित रहने के बावजूद एनसीएलएटी कॉरपोरेट देनदार (सुपरटेक लिमिटेड) की 17 परियोजनाओं के लिए एनबीसीसी के प्रस्ताव की जांच कर सकता है और उसपर फैसला ले सकता है।
एक्सपर्ट का कहना है कि होम बायर्स जिस किसी भी प्रोजेक्ट में घर बुक करने की योजना बना रहे हैं, उसमें ही रीसेल में प्रॉपर्टी ढूंढें। कोरोना के बाद से रियल एस्टेट में भर-भर के निवेशकों ने पैसा लगाया है।
राम किशोर अरोड़ा के वकील ने कहा कि बैंक की बकाया राशि के 100 प्रतिशत भुगतान के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है, जिसका उल्लेख बैंक को दिए गए आवेदन में किया गया है।
बेंगलुरु में जुलाई-सितंबर के दौरान आवास बिक्री 26 प्रतिशत घटकर 13,355 इकाई रहने का अनुमान है, जो एक साल पहले की अवधि में 17,978 इकाई थी।
रियल्टी एक्सपर्ट का कहना है कि एक ओर घरों की कीमत आसमान पर पहुंच रही हैं, वहीं सैंकड़ों प्रोजेक्ट सालों से अटके पड़े हुए हैं। अगर उनका काम पूरा हो तो प्रॉपर्टी बाजार में सप्लाई बढ़ेगी और प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
एनसीआर का द्वारका एक्सप्रेसवे 79 प्रतिशत मूल्यवृद्धि के साथ चौथे स्थान पर है। यहां औसत कीमतें 2019 के 5,359 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर 2024 की पहली छमाही में 9,600 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं।
नाइट फ्रैंक की ग्लोबल हेड लियाम बेली ने कहा कि भविष्य में कीमत में वृद्धि केंद्रीय बैंकों के हाथों में है। हमें विश्वास है कि अगले 12 महीने में ब्याज दरों में कमी देखने को मिलेगी।
रेरा ने कहा कि ऐसी संभावना है कि कुछ घर खरीदार परियोजना के सभी विवरण देखे बिना ही निवेश कर सकते हैं और किसी न किसी तरह से धोखा खा सकते हैं। इन परियोजनाओं को प्रमोटरों ने रेरा के शुरुआती दिनों में रजिस्टर्ड कराया था।
नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी हरि बाबू ने कहा, "2024 की दूसरी तिमाही भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र की एक लचीली और आशावादी भारतीय तस्वीर पेश करती है। हालांकि इस भावना में थोड़ा समायोजन हुआ है, लेकिन कुल मिलाकर दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है।
आंकड़ों से पता चला है कि 2024 की पहली छमाही में एनसीआर में लगभग 14,630 लग्जरी यूनिट्स बेची गईं, जबकि 2019 में लगभग 1,580 यूनिट्स बिकी थीं। किफायती सेगमेंट में, 2024 की पहली छमाही में लगभग 7,730 यूनिट्स बिकीं, जबकि 2019 में लगभग 23,180 यूनिट्स बिकीं।
एक सवाल आपके मन में यह भी हो सकता है कि 20 साल में प्रॉपर्टी की कीमत भी तो बढ़ेगी! हां बिल्कुल बढ़ेगी लेकिन वह इतना नहीं बढ़ेगी जितना आपको रिटर्न मिल जाएगा। रेंट पर रहने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि आप अपनी कमाई के साथ इन्वेस्टमेंट कर पाएंगे। सिर्फ होम लोन की ईएमआई चुकाने में नहीं फंसे रहेंगे।
प्रॉपर्टी बेचने से होने वाले कैपिटल गेन पर 20% टैक्स की जगह 12.5% जरूर कर दिया गया है लेकिन इंडेक्सेशन हटा दिया गया है। टैक्स के जानकारों का कहना है कि इस प्रॉपर्टी बेचने वाले पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा। यह प्रॉपर्टी में निवेश करने वालों के लिए झटका है।
पिछले कुछ वर्षों से जमीनों की मांग में लगातार इजाफा हो रहा है। डेवलपर्स नए प्रोजेक्ट्स के लॉन्च के बाद आसानी से नए यूनिट्स की बिक्री कर पा रहे हैं।
बेंगलुरु में भी घरों की बिक्री एक साल पहले की 15,088 इकाइयों से बढ़कर 15,127 इकाइयों पर पहुंचने का अनुमान है। लेकिन चेन्नई में बिक्री 4,950 इकाइयों से घटकर 4,841 इकाइयों पर आ जाने का अनुमान है।
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