जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालय के ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। इस कारण दिल्ली जैसे महानगरों पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। टिहरी से भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय ने इस मामले पर चेताया है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें एक ऋषि को हिमालय की गोद में साधना में लीन होकर तप करते हुए देखा जा सकता है। ऋषि बर्फ से पूरी तरह ढंक गए है फिर भी उनकी तपस्या जारी है और वे अपने ध्यान में मग्न हैं।
नेपाल में भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। जानकारी के मुताबिक नेपाल में अबतक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब नेपाल भूकंप की मार झेल रहा है। नेपाल में हमेशा भूकंप के झटके महसूस होते रहते हैं, क्योंकि इसके पीछे एक भौगोलिक कारण है।
भूगर्भ विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के कुल भूभाग के लगभग 59 फीसदी हिस्से को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इस कारण भूकंप आता है।
पतंजलि परिवार को गर्व है कि आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में पंतजलि ने न केवल सफलतापूर्वक अनाम, अनारोहित दो हिमशिखरों की चढ़ाई की बल्कि प्रभु कृपा से उन्हें देवात्म हिमालय में साक्षात कैलाश व नंदी के दर्शन एक साथ करने का सौभाग्य भी मिला।
हिमालय की खूबसूरती को क्या ही कहने हैं, पर इसे सिर्फ ट्रैकिंग के जरिए देखा जा सकता है, प्लेन में बैठकर तो बिलकुल भी नहीं। इसके पीछे का कारण यह है कि हिमालय के ऊपर से विमान नहीं उड़ते हैं। आइए इसके पीछे का कारण जानते हैं।
तुर्की की तरह भारत में भी बड़ा भूकंप कभी भी आ सकता है। यह भूकंप हिमाचल प्रदेश, नेपाल के पश्चिमी हिस्से और उत्तराखंड में आ सकता है। वैज्ञानिक कह रहे हैं कि रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 8 रह सकती है। डॉ. राव ने कहा कि तुर्की में आए भूकंप में इतनी मौत की वजह औसत निर्माण रहा।
जोशीमठ बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच कई पगडंडियों और प्राचीन मार्गों का प्रवेश द्वार है। यहां पहुंचने के लिए आप ट्रेन, प्राइवेट टैक्सी और बस से पहुंच सकते हैं।
Mountaineer not be Found frome 9 Days: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में ‘फ्रेंडशिप पीक’ से लौटने के दौरान नौ दिन पहले लापता हुए एक पर्वतारोही की तलाश अभियान में सोमवार को ‘डोगरा स्काउट्स’ भी शामिल हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
What is Avalanche: इसी हफ्ते मंगलवार को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले से एक दर्दनाक खबर सामने आई। उत्तरकाशी में स्थित नेहरु इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग के 41 पर्वतारोही द्रौपदी का डंडा चोटी की चढ़ाई पर गए हुए थे।
International Yoga Day 2022: पिछले हफ्ते आईटीबीपी के पर्वतारोहियों ने उत्तराखंड में हिमालय की बर्फ से ढकी पहाड़ियों पर 22,850 फीट की ऊंचाई पर योग का अभ्यास किया था।
आगामी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस- 2022 के लिए कमर कसते हुए, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान उत्तराखंड हिमालय में 15,000 फीट की ऊंचाई पर बर्फ और हवा के बीच योग का अभ्यास कर रहे हैं। पिछले साल 18,000 फीट की ऊंचाई पर आईटीबीपी के जवानों ने योग किया था।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवान उत्तराखंड हिमालय के आसपास शून्य से नीचे के तापमान में पेट्रोलिंग कर रहे हैं। इसका एक वीडियो भी जारी हुआ है।
बुमला दर्रा सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है। भारत की सीमा चौकी को चिह्नित करने वाली झोपड़ियां चीनी चौकियों से कुछ ही मिनटों की पैदल दूरी पर हैं, जहां चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) के सैनिक बर्फ से ढके हुए क्षेत्र को पूरी मेहनत से नियंत्रित कर रहे हैं।
वायु प्रदूषण न्यूनतम स्तर पर आने से मुजफ्फरनगर से हिमालय और शिवालिक श्रृंखला की चोटियां साफ नजर आने लगी हैं। बुधवार को बारिश के बाद मौसम साफ हुआ तो ऐसी चोटियों को कैमरे में कैद किया गया।
सहारनपुर के रहने वाले एक सरकारी कर्मचारी दुष्यंत कुमार ने दावा किया है कि उन्होंने गुरुवार को सहारनपुर से हिमालय के देखे जाने की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद की हैं।
तापमान में वृद्धि के कारण 21वीं सदी की शुरुआत के बाद से ही हिमालय के हिमखंड (ग्लेशियर) दोगुनी तेजी से पिघल रहे हैं, जिसके चलते भारत समेत विभिन्न देशों के करोड़ों लोगों को जलापूर्ति प्रभावित होने का सामना करना पड़ सकता है।
अगस्त महीने में सेस्मोलॉजिकल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित समीक्षा में मूलभूत भूगर्भीय सिद्धांतों का इस्तेमाल कर पूर्व ऐतिहासिक भूकंपों के आकार और समय का आकलन किया गया तथा भविष्य के खतरों का अनुमान लगाया गया।
भारत के कई शहरों में लॉकडाउन के बाद प्रदूषण में कमी देखी गई है और हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि हाल के दशकों में, इस कीड़े की लोकप्रियता बढ़ गई है और इसके दाम आसमान छूने लगे हैं। बीजिंग में इसके दाम सोने की कीमत के मुकाबले तीन गुना अधिक तक जा सकते हैं।
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