आज योगी आदित्यनाथ के चक्कर में कांग्रेस के नेताओं में झगड़ा शुरू हो गया....हिमाचल के लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने एलान किया कि योगी आदित्यनाथ ने यूपी में खाने पीने की दुकानों में नेम प्लेट और मालिक का नाम पता लिखने को कंपल्सरी बनाया है....
हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार को भी अब योगी मॉडल इतना भा गया है कि वह भी योगी मॉडल को अपनाने जा रही है। हिमाचल में भी अब उत्तर प्रदेश की तरह रेहड़ी-पटरी वालों को नेमप्लेट लगाना अनिवार्य होगा। अब रेहड़ी-पटरी पर मालिक की आईडी लगाई जाएगी, ताकि लोगों को किसी भी तरीक़े की परेशानी न हो।
हिमाचल प्रदेश के शिमला में अवैध मस्जिद के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है.. संजौली में अवैध मस्जिद के खिलाफ हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उतर आए हैं.. स्थानीय लोग मस्जिद को तोड़ने की मांग कर रहे हैं ...लोगों का कहना है कि ये चार मंजिला मस्जिद तमाम कानूनों को ताक पर रखकर बनी है..
हिमाचल में मचा सियासी घमासान अभी भी जारी है। इस सियास घमासान के बीच सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए एक अच्छी खबर है। सूत्रों की मानें कांग्रेस हिमाचल में सीएम नहीं बदलने वाली है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ही हिमाचल के सीएम रहेंगे। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। हिमाचल में मुख्य
हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का बड़ा बयान 'बागियों की समस्या पहले खत्म होनी चाहिए थी' बागियों की नाराजगी दूर करने की कोशिश करेंगे- प्रतिभा सिंह सीएम से नाराजगी के बहुत सारे मुद्दे थे- प्रतिभा सिंह वीरभद्र सिंह तुरंत विधायकों की बातें सुनते थे- प्रतिभा 'सरकार को स्थिर रखना अब सीएम की जिम्मेदा
1.हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की कुर्सी पर खतरा बरकरार... कांग्रेस ऑब्जर्बर आज पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सौंपेंगे रिपोर्ट. 2. हिमाचल में कांग्रेस सरकार को फिलहाल मिली राहत... पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफ़े पर ज़ोर नहीं देने का दिया भरोसा.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की कुर्सी पर खतरा बरकरार, सीएम सुक्खू अपने समर्थक विधायकों के साधने में जुटे- सूत्र
इस वक्त शिमला में जबरदस्त सियासी हलचल है....कांग्रेस अपनी सरकार बचाने की जीतोड़ कोशिश कर रही है....हालात को संभालने के लिए भूपेन्दर हुड्डा और डी के शिवकुमार शिमला पहुंच चुके हैं....कांग्रेस के सभी खेमों ने अपने अपने पत्ते चल दिए हैं..
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस की हार के साथ ही हिमाचल में सियासी संकट के आसार दिखने लगे हैं। बीजेपी ने बजट पर वोटिंग की मांग कर दी है..जिसके बाद सुखविंदर सरकार पर खतरा ऩजर आ रहा है...बीजेपी बजट पर वोटिंग की मांग को लेकर आज राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मुलाकात करने वाली है...
हिमांचल में कांग्रेस के विधायकों ने खुलकर क्रास वोट डाले. बीजेपी(BJP) के उम्मीदवार हर्ष महाजन(Harsh Mahajan) चुनाव जीत गए. अब सुखविन्दर सिंह सुक्खु(Sukhvinder Singh Sukhu) की सरकार पर खतरा है.
हिमाचल प्रदेश में कुदरत ने इस कदर कहर बरपाया है कि पर्यटन के लिए मशहूर इस राज्य की तस्वीर ही बदल गई. जगह-जगह लैंडस्लाइड से दर्जनों मकान तबाह हो गए
हिमाचल प्रदेश अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी झेल रहा है. धंसती ज़मीन. दरकते पहाड़ अब तक 367 लोगों की जान ले चुके हैं. हजारों घर जमींदोज हो गए हैं.
Himachal Pradesh Flood Update: मॉनसून की मार इन दिनों सबसे ज्यादा हिमाचल प्रदेश में पड़ रही है... जहां पिछले 24 घंटे में 12 लोगों की मौत हो गई... तो अबतक करीब 242 लोग जान गंवा चुके हैं...
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Himachal Pradesh Flood: मंडी में सैलाब और लैंडस्लाइड के तांडव ने इस इलाके का पूरा हुलिया ही बिगाड़ दिया है. तस्वीरें मंडी के नेशनल हाईवे की है, जहां कुदरत के कहर से सिर्फ और सिर्फ बर्बादी का मंजर दिख रहा है.
Himachal Pradesh Flood: हिमाचल में कुदरत विनाशलीला दिखा रही है.. पहाड़ गिर रहे हैं.. कई साल पुराने मकान जमींदोज हो रहे हैं.. हालात कितने बिगड़े हुए हैं..
Himachal Pradesh Landslide: पहाड़ हिमाचल की पहचान हैं। वही पहाड़ उसके लिए मौत का सबब क्यों बन रहे हैं। क्या सिर्फ प्राकृतिक आपदा की दलील देकर इतने बड़े नुकसान को कवर किया जा सकता है।
Himachal Pradesh Heavy Rain: हिमाचल प्रदेश में कुदरत कहर बनकर टूट रही है. पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश और लैंडस्लाइड ने ज़बरदस्त तबाही मचा दी है. पिछले 72 घंटे के अंदर हिमाचल में 60 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
1. दिल्ली में फिर बाढ़ का ख़तरा मंडराया... यमुना का जलस्तर ख़तरे के निशान से ऊपर पहुंचा. 2. हिमाचल प्रदेश के शिमला में लैंडस्लाइड की बड़ी घटना... स्लॉटर हाउस समेत 4 से 5 मकान पूरी तरह ध्वस्त हुए.
Heavy Rain Alert: भले ही जून और जुलाई बीत गया हो...अगस्त का आधा महीना भी खत्म हो चुका हो पर पहाड़ों पर मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं...उत्तराखंड से लेकर हिमाचल तक मुसीबत ही मुसीबत है...हिमाचल में इस वक्त कुदरत का कहर देखने को मिल रहा है
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