प्रिंसिपल ने मुस्लिम छात्राओं से हिजाब हटाने को कहा तो उन्होंने इनकार कर दिया। विजयपुरा में प्रिंसिपल से छात्राओं ने बहस भी की।
कॉलेजों को खोलने का फैसला कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के तहत लिया गया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत में मुद्दों को संवैधानिक ढांचे और तंत्र के साथ-साथ लोकतांत्रिक लोकाचार और राजनीति के अनुसार हल किया जाता है।
पिछले सप्ताह कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में सभी छात्रों को भगवा शॉल, स्कार्फ, हिजाब या कोई भी अन्य धार्मिक निशान पहनकर कक्षा में आने पर रोक लगा दी थी।
देश हिजाब जैसे विवाद से आगे निकल चुका है लेकिन अपने सियासी फायदे के लिए इसका इस्तेमाल हो रहा है और लोग अपने-अपने ढंग से मतलब निकाल रहे हैं।
आरोप है कि गुरुग्राम साइबर सिटी में महिला ने पहले कैब ड्राइबर पर चाकुओं से हमला किया और फिर महिला पुलिसकर्मी से भी हाथापाई का प्रयास किया। फिलहाल पता नहीं चल पाया है कि वह कहां की रहने वाली है।
ओवैसी ने लिखा, 'मोदी सरकार ने फैसले को प्रवासी भारतीयों के हित में बताते हुए उसका स्वागत किया था। अगर आयरलैंड के लिए ये 'ऐतिहासिक' था तो कर्नाटक की बच्चियों से तकलीफ क्यूँ? उनकी प्रतिष्ठा (Dignity) की धज्जियां क्यूँ उड़ाई जा रही हैं?'
इस बीच कर्नाटक में 10वीं तक के स्कूल सोमवार को फिर से खुल गए। हालांकि, इस दौरान उडुपी, दक्षिण कन्नड़ तथा बेंगलुरु के संवेदनशील इलाकों में निषेधाज्ञा लागू रही।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के स्कूलों में सभी स्कूली बच्चे एक ही तरह के ड्रेस पहनते हैं। उन्होंने कहा कि देश-दुनिया में कोई बात होती है, वह एक अलग बात है, बिहार में ऐसी कोई बात नहीं है। हमलोग तो काम करने में लगे हुए हैं। सबके लिए हमलोग काम करते हैं और सबकी इज्जत करते हैं।
कर्नाटक में हिजाब पहनकर स्कूल कॉलेज में एंट्री को लेकर विवाद जारी है। हाईकोर्ट के अनुरोध के बाद आज यानी 14 फरवरी से 10वीं तक के स्कूल खोल दिए गए हैं। करीब पांच दिन राज्य में एक बार फिर स्कूल खुल गए हैं।
हालात बिगड़ने के बाद फिलहाल स्कूल बंद कर दिए गए थे। अब 9वीं और 10वीं के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं। हालांकि जूनियक और डिग्री कॉलेज में 16 फरवरी तक के लिए अवकाश है, इसलिए ये बाद में खुलेंगे।
इस्लामाबाद इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज ने शनिवार को एक परिपत्र जारी कर विद्यार्थियों को ‘वैलेंटाइन डे’ समारोहों और इससे जुड़ी ‘‘ऐसी गतिविधियां, जो युवाओं को गलत रास्ते पर ले जाती हैं’’ में शामिल होने से मना किया गया है।
हिजाब पर स्कूल-कॉलेजों में लगी रोक को मुसलमानों पर जुल्म करार देने का इरादा एक सोची समझी साजिश है जिसका देश के आम मुसलमान से कोई लेना-देना नहीं है।
मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने साफ कहा कि मुंबई में किसी भी स्टूडेंट को हिजाब या नकाब पहनकर आने की विशेष मंजूरी कभी नहीं दी जाएगी। मुंबई की मेयर ने कहा कि हर स्कूल के सिर्फ स्कूल यूनिफॉर्म को ही मंजूरी दी गई है।
भारत ने कर्नाटक में कुछ शैक्षणिक संस्थानों में वर्दी संबंधी नियमों को लेकर विवाद पर कुछ देशों की आलोचना को शनिवार को खारिज कर दिया और कहा कि देश के आंतरिक मामलों पर ‘किसी अन्य मकसद से प्रेरित टिप्पणियां’ स्वीकार्य नहीं है।
गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा, सोमवार से राज्य में 10वीं कक्षा तक हाईस्कूल की कक्षाएं फिर से शुरू होंगी।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, 'मैं यही कह सकता हूं कि यह बहुत अफसोसनाक है। जब भी आप धार्मिक आस्था को लेकर, शिक्षण संस्थाओं को लेकर ऐसे विवाद पैदा करने की कोशिश करेंगे, तो उसके परिणाम स्वस्थ नहीं हो सकते। कोई क्या पहनना चाहता है, यह उसकी मर्जी है।
बग्गा ने कहा, अगर कांग्रेस उत्तराखंड में सत्ता में आती है, तो वे वही करेंगे जो वे कर्नाटक में करने की कोशिश कर रहे हैं।
नमाज अदा कर रहे लोगों ने कहा कि हिजाब का मसला नहीं है कानून जो कहेगा उससे मानना होगा। जो घोषणा की गई है वो एकदम सटीक है और हम उसका मान रखते है।
जब तक कर्नाटक हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट सारे पक्षों को सुन न लें और कोई फैसला न दें, तब तक इस मामले में किसी भी तरह का विवाद खड़ा करने से बचना चाहिए।
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