कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में कल चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट में छात्रा निबा नाज़ ने वकील अनस तनवीर के माध्यम से याचिका दाखिल की थी।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने हिजाब को लेकर अपना फैसला सुना दिया है। हाई कोर्ट के तीनों जजों ने कर्नाटक सरकार के फैसले को सही करार दिया है। हिजाब पर ओवैसी, अबू आजमी समेत तमाम नेताओं ने अपना विरोध जताया है। इस मुद्दे को लेकर लगातार साजिश भी की गई । लेकिन हकीकत क्या है हिजाब का। देखिए आज की बात में रजत शर्मा बता रहे हैं हाई कोर्ट के 129 पन्नों के जजमेंट का सच।
आज कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब के फैसले को बदलने से इनकार कर दिया। यानी स्कूलों में कॉलेजों में इंस्टीट्यूशंस में धार्मिक पोशाक पहनने की आजादी नहीं होगी। आपको तय किए गए यूनिफॉर्म कोड का पालन करना होगा। सबसे खास बात हाईकोर्ट की टिप्पणी रही। हाईकोर्ट ने 2 बड़ी बातें कहीं। सबसे पहला हाईकोर्ट ने ये साफ कर दिया कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। दूसरा अगर स्कूल और कॉलेज ने ड्रेस तय किए हैं तो सभी बच्चे, छात्र वही पहनेंगे। तय यूनिफॉर्म पहनने से इनकार नहीं कर सकते।
पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले की सराहना की है। इंडिया टीवी के साथ एक विशेष साक्षात्कार में प्रसाद ने कहा कि अदालत का यह फैसला लंबे समय तक एक ऐसे फैसले के रूप में याद रखा जाएगा, जिसने भारत की बेटियों को सशक्त बनाया।
हिजाब विवाद पर आज कर्नाटक हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया। कोर्ट ने कहा है कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। और हिजाब पर बैन जारी रहेगा।
कोर्ट ने कहा कि स्कूल की वर्दी का नियम एक उचित पाबंदी है और संवैधानिक रूप से स्वीकृत है, जिस पर छात्राएं आपत्ति नहीं उठा सकतीं।
स्कूल-कॉलेज में हिजाब पर रोक को लेकर महबूबा मुफ्ती का भी रिएक्शन आया है। महबूबा मुफ्ती ने फैसले को निराशाजनक बताया और कहा कि महिलाओं को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है। महबूबा ने कहा कि ये धर्म का नहीं, आजादी का मामला है।
कर्नाटक के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी. सी. नागेश ने कहा, हम उन लड़कियों के दिल जीतने की कोशिश करेंगे जो ‘गुमराह’ हो गयी हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता एएम धर ने कहा, 'हिजाब पहनना इस्लाम में एक अनिवार्य प्रथा है। हिजाब पर कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला गलत है। हम इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। हम उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में न्याय की जीत होगी।'
आज कर्नाटक हाई कोर्ट ने हिजाब पर बड़ा फैसला दिया है। इसे लेकर ओवैसी ने एक ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में फैसले को नामंजूरी दी और कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ को इस फैसले को चुनौती देनी चाहिए।
ओवैसी ने ट्वीट किया- मैं कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हूं, फैसले से असहमत होना मेरा हक है। मुझे उम्मीद है कि याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
ये पूरा विवाद 1 जनवरी से शुरू हुआ था जब उडुपी कॉलेज की 6 छात्राओं ने प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाई थी। उनका कहना था कि कॉलेज प्रशासन ने उन्हें हिजाब में एंट्री देने से मना कर दिया था।
आज कर्नाटक हाई कोर्ट ने हिजाब विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुना दिया। इसे लेकर कर्नाटक के शिक्षामंत्री बीसी नागेश ने इंडिया टीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत की।
हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट के फैसले से पहले राज्य सरकार ने राजधानी बेंगलुरु में सार्वजनिक शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी सभाओं पर एक हफ्ते के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर बैन को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। कोर्ट ने कर्नाटक सरकार के आदेश को संवैधानिक बताया है।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने कर्नाटक सरकार के आदेश को संवैधानिक बताया है।
बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त ने सोमवार को निषेधाज्ञा जारी करते हुए 21 मार्च तक किसी भी सार्वजनिक स्थान पर किसी भी तरह के समारोहों, प्रदर्शनों और सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है।
हिजाब विवाद पर आज कर्नाटक हाई कोर्ट में फैसला सुनाया जाएगा। इसे लेकर बैंगलोर समेत कई ज़िलों में धारा 144 लागू कर दिया गया है।
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में सोमवार को एक संपादकीय में कहा गया है कि पांच राज्यों में चुनाव के मद्देनजर हिजाब जैसे विवादित मुद्दे उठाए गए और अब चुनाव खत्म हो चुके हैं, तो इन मुद्दों को भी अलग रख दिया जाएगा।
हिजाब विवाद पर सीएम योगी ने कहा कि न्यायालयों ने इस बारे में बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि कहीं भी हम अपने फोर्स में ऐसे ड्रेस की अनुमति नहीं दे सकते जिससे वह एक समुदाय विशेष का प्रतिनिधित्व करता हो। सही मायने में एक सेक्यूलर स्टेट की भावना को हमें सम्मान देना ही होगा। अनुशासन को तार-तार करने की, अनुशासनहीनता को फैलाने की जरूरत नहीं है।
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