युद्ध में जल रहे मध्य-पूर्व और यूरोप में भारत मानवता का सबसे बड़ा मददगार बनकर उभरा है। भारत हमेशा से शांति के जरिये समाधान की वकालत करता रहा है। साथ ही युद्धग्रस्त देशों को लगातार चिकित्सा, भोजन समेत अन्य राहत सामग्री भेज रहा है। इस बार लेबनान को 33 टन राहत सामग्री भारत ने भेजी है।
भारत और नेपाल के रिश्ते फिर से मजबूत होने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। भूकंप पीड़ित नेपाल के लिए भारत ने अपने खजाने का पिटारा खोल दिया है। नेपाल के 2 दिवसीय दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वहां के भूकंप पीड़ितों के पुनरुत्थान के लिए 7.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर मदद का ऐलान किया है।
इजरायल और यूक्रेन के लिए अमेरिका ने 105 अरब डॉलर की नई सहायता देने का ऐलान किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दोनों ही देशों के लिए अपने खजाने का पिटारा खोल दिया है। बाइडेन हाल ही में इजरायल की यात्रा से लौटे हैं। युद्ध के बीच वह यूक्रेन भी जा चुके हैं। नेतन्याहू और जेलेंस्की को बाइडेन ने पूरी मदद का ऐलान किया।
CM Yogi's Financial Help for Journalists: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण के कारण दिवंगत 51 पत्रकारों के परिजन को दिये 10-10 लाख रुपये की सहायता प्रदान की। मुख्यमंत्री ने यहां अपने आधिकारिक आवास पर कोरोना संक्रमण के कारण दिवंगत पत्रकारों के आश्रितों को चेक वितरित किये।
Flood Relief Fund: केंद्र ने इस साल बाढ़ एवं भूस्खलन के बाद पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण कार्यों के लिए असम को राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष से 250 करोड़ रुपये का सहायता अनुदान देने के लिए शुक्रवार को मंजूरी दी।
India Helps Nepal: पड़ोसी देशों के विकास के लिए भारत ने हमेशा दिल खोल के मदद किया है। संकट के समय में भी भारत सबसे पहल खड़ा होता है। इसी कड़ी में नेपाल के स्वास्थय और शिक्षा को बेहतर बुनियादी ढ़ाचा प्रदान करने के लिए भारत ने रविवार को 75 एंबुलेंस और 17 स्कूल बसें उपहार में दीं।
पिछले दो माह से डॉलर के मुकाबले रुपए में मजबूती के चलते देश के निर्यात पर बुरा असर पड़ा है। ऐसे में FIEO ने सरकार से इस मामले में तुरंत मदद की मांग की है।
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