राजधानी पटना समेत मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, पूर्णिया, बेतिया, गया, जमुई, औरंगाबाद, जहानाबाद समेत कई अन्य जिलों में भी लगातार बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने 15 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है।
मूसलाधार बारिश की मार झेल रहे मुंबई के लिए आज का दिन भी भारी है। मौसम विभाग ने मुंबई और उसके आसपास के इलाके के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। कल हुई मूसलाधार बारिश के कारण पूरे मुंबई में जगह-जगह जल जमाव के हालात बने हुए हैं।
बता दें कि मुंबई में पिछले 24 घंटे से बारिश हो रही है। बारिश की वजह से जगह-जगह भारी जल भराव हो गया हैं। कई इलाकों में सड़कें नदियों में तब्दील हो चुकी हैं।
पहाड़ से लेकर मैदान तक सैलाब ने जान आफत में डाल रखी है। वहीं अब पंजाब में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। अगले 48 से 72 घंटे तक पंजाब के अलग अलग हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
मध्य प्रदेश के जिन 18 जिलों में अतिभारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की चेतावनी दी गई है, उनमें आगरमालवा, मंदसौर, रतलाम, शाजापुर, देवास, उज्जैन, नीमच, राजगढ़, सीहोर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुरकलां, मुरैना, धार, अलीराजपुर, झाबुआ एवं बड़वानी शामिल हैं।
कर्नाटक से लोकर उत्तराखंड तक और ओडिशा से लेकर तेलंगाना तक में बाढ़-बारिश ने ऐसा आफत मचाया कि लोगों का जीना दुश्वार हो गया। पहाड़ से लेकर मैदान तक में बाढ़ आफत बनकर टूटी है।
बाढ़ के कारण राज्य में मरने वालों की संख्या शुक्रवार को 29 हो गई। कोल्हापुर में 34 राहत दल और सांगली में 36 राहत दल काम कर रहे हैं। इनमें एनडीआरएफ, नौसेना, तटरक्षक बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की टीम भी शामिल है।
महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु में बाढ़ से हालत गंभीर बनी हुए है। भारी बारिश, तेज हवाओं और भूस्खलन से भारी तबाही हुई है और गुरुवार को वर्षाजनित हादसों में 15 लोगों की मौत होने की खबरे हैं। महाराष्ट्र के पांच पश्चिमी जिलों में दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटे के दौरान राजस्थान के बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद जिलों में मूसलाधार, और अलवर, झालावाड़, झुंझुनूं, कोटा सहित नौ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
इस बारिश से अब लोगों को 26 जुलाई 2005 के प्रकोप की याद सताने लगी है। उस दिन मुंबई में एक ही दिन में 944 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। उस दिन भारी बारिश की चपेट में आने से शहर भर में तबाही मच गई थी, कई लोगों की जान चली गई थी।
बारिश को देखते हुए बीएमसी कर्मचारी अलर्ट पर हैं और जगहा-जगह पानी निकालने की कोशिश जारी है। बावजूद इसके सड़कों पर एक से दो फीट तक पानी भरा है।
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को आपदा प्रबंधन की तैयारी की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को अनुमान को ध्यान में रखकर बांधों में पानी के स्तर की निगरानी करने को कहा।
एक अधिकारी ने बताया कि अधिकारियों से निचले इलाकों, नदियों के किनारे और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाने के लिए कहा गया है।
गुरूवार को राजस्थान के दौसा में इतनी बारिश हुई कि सड़कों पर पानी में एक स्कूल बस फंस गई। 28 बच्चों से भरी ये बस सड़क पर आए सैलाब में ऐसे फंसी की पानी में डूबती चली गई।
अधिकारी ने कहा कि देहरादून और उत्तरकाशी और उधम सिंह नगर के जिलों में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश हो रही है, जिससे जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। उधम सिंह नगर जिले के बाजपुर क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
नेपाल की पहाड़ियों से आने वाले बारिश के पानी की वजह से भी जलस्तर में वृद्धि होगी। लगातार होने वाली इन बारिशों के चलते बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो सकते हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के समुद्र तटों के निकट बंगाल की खाड़ी में दबाव का क्षेत्र बनने से अगले 12 घंटों तक इसकी तीव्रता बनी रहेगी जिससे पश्चिम बंगाल के गंगा क्षेत्र में अगले दो दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना है।
दो घंटे की तेज बारिश ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को बेहाल कर दिया है। प्री-मॉनसून की बरसात के बाद मायानगरी की सड़कों पर सैलाब आ गया।
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