स्वामी रामदेव ने जानिए हेल्दी रहने के साथ-साथ बच्चे का दिमाग कैसे होगा तेज।
आइए जानते हैं किस तरह से तैयार करें हरी चटनी साथ ही जानिए इसके बनाने का तरीका।
Ajwain for Uric Acid: आइए जानते हैं अजवाइन यूरिक एसिड को किस तरह से कंट्रोल करती है।
Ashoka Tree for Diabetes: आइए जानते हैं डायबिटीज के मरीज कैसे करें अशोक की छाल का सेवन।
Weight Loss Tips:आइए जानते हैं लहसुन और शहद किस तरह से वजन कम करने में आपकी मदद कर सकता है।
हमारा मानसिक स्वास्थ्य हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। हम इन नियमों को नियमों की तरह नहीं मानते हैं, क्योंकि ये जीवन का एक तरीका हैं।
इन घरेलू नुस्खों को अपनाकर आप पीले हुए दांतों से छुटकारा पा सकते हैं।
आइए जानते हैं कच्चा आम आपकी सेहत के लिए किस तरह से फायदेमंद है।
वजन बढ़ना हो या एसिडिटी या फिर कब्ज की समस्या ये सब हमारी खराब लाइफस्टाइल और गलत खान-पान का नतीजा हैं।
आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताएंगे जिन्हें अपनाकर आप बार-बार बीमार पड़ने से बच सकते हैं।
जानिए अस्थमा के मरीज कैसे करें बादाम, काली मिर्च, शक्कर और दूध का सेवन।
आइए जानते हैं ब्रोकली का जूस सेहत के लिए किस तरह से फायदेमंद है।
WHO के अनुसार रोजाना 5 ग्राम नमक खाना चाहिए। जबकि देश के 100 में 99 लोग हर दिन इसकी दोगुनी मात्रा में नमक खाते हैं, जिसकी वजह से हाइपरटेंशन देश में महामारी बन चुका है।
आज हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ घरेलू उपाय जिनकी मदद से आपको पेट की समस्या से जल्दी राहत पहुंच सकती हैं।
स्वामी रामदेव से जानिए कि होली की तैयारी कैसे करें जिससे पेट भी सेट रहे और होली भी जबरदस्त मनाएं।
सामान्य तौर पर शरीर में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाने से हड्डियां धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं जिसका असर किडनी पर पड़ता है। ऐसे में आप दवाओं के अलावा कुछ चीजों का सेवन करके यूरिक एसिड के लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं।
आंखों और पैरों के आसपास सूजन, एनीमिया और कभी-कभी सिरदर्द और उल्टी, क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) के शुरूआती चेतावनी संकेत हो सकते हैं।
इसके सेवन से किडनी हेल्दी रहने के साथ वजन कम करने, ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने के साथ-साथ दिल भी स्वस्थ रहता है।
स्टैनफोर्ड मेडिसिन के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में पाया गया कि सक्रिय ट्यूबरक्यूलोसिस से संक्रमित वाले लोगों के फेफड़ों में ग्रेन्युलोमा नामक घाव प्रोटीन से भरे होते हैं
ग्लूकोमा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए छह से 12 मार्च तक विश्व ग्लूकोमा सप्ताह मनाया गया है। यह भारत में अंधेपन की मुख्य वजह है।
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