स्वास्थ्य मंत्रालय ने आईपीएल अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है। इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय ने आईपीएल टूर्नामेंट के दौरान सभी प्रकार के तंबाकू और शराब के प्रचार पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है।
देश में HMP वायरस के कुछ केस सामने आए हैं। इसपर हेल्थ मिनिस्टर जेपी नड्डा ने कहा है कि यह वायरस कोई नया वायरस नहीं है। पहली बार 2001 में पहचान हुई थी। ये हवा के जरिए सांस लेने से फैलता है। उन्होंने कहा कि इसपर चिंता की कोई बात नहीं है, WHO इसपर नजर बनाए हुए है।
अहमदाबाद के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती दो महीने के एक बच्चे के HMPV से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद गुजरात सरकार एक्शन मोड़ में आ गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से HMPV को लेकर लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। इस एडवाइजरी में बताया गया है कि लोगों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
भारत में मंकीपॉक्स के पहले क्लेड-1 स्ट्रेन का पहला मरीज मिला है। यह वही स्ट्रेन है, जिसे वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर चुका है। केरल में जिस 30 साल के मरीज में इस स्ट्रेन की पुष्टि हुई है वो हाल ही में UAE से यात्रा करके लौटा था।
भारत में मंकीपॉक्स का पहला मरीज मिला है। अब भारत भी इस वैश्विक स्वास्थ्य संकट का शिकार हो सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क रहने और स्क्रीनिंग व संपर्क ट्रेसिंग पर जोर देने की हिदायत दी है।
मरीज किस राज्य का है और किस देश से आया है या भारत आने के बाद किन लोगों से मिला है, इसका खुलासा नहीं किया गया है।
केंद्र सरकार ने बड़ी संख्या में दवाओं पर प्रतिबंध लगाया है। सरकार ने कहा कि इन दवाओं में डाला गया मैटिरेयल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसलिए इन दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
कोलकाता के रेप और मर्डर मामले में डॉक्टरों की हड़ताल से देश भर में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं। इसके चलते मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने NEET PG पेपर लीक के आरोपों को खारिज कर दिया है और भ्रामक बताया है। बता दें कि सोशल मीडिया पर NEET PG 2024 के पेपर लीक होने का दावा किया जा रहा है, जिसे हेल्थ मिनिस्ट्री ने झूठा बताया है।
महाराष्ट्र में जीका वायरस के मामले पाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सचेत किया है। साथ ही सलाह दी है कि गर्भवती महिलाओं की नियमित व सही ढंग से जांच करें।
देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी और लू का कहर जारी है, इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कार्यस्थलों के लिए खास टिप्स दिए हैं। एक्स पोस्ट के जरिए मंत्रालय ने ये सलाह दी है। जानिए क्या करें क्या ना करें?
सभी राज्यों को लिखे पत्र में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया ने कहा है कि ब्लड बैंक केवल सप्लाई और प्रोसेसिंग फीस ही ले सकेंगे। इसके अलावा किसी भी अन्य तरीके का चार्ज नहीं वसूला जा सकेगा।
सरकारी नौकरी का तैयारी कर रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ग्रुप बी व सी के कई पदों पर भर्ती निकाली है। जो उम्मीदवार आवेदन करना चाहते हैं वे आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं।
केंद्र सरकार ने Aiims दिल्ली को निर्देश दिए हैं कि पीएचडी और रिसर्च करने वाले वालों के लिए समय-सीमा तय की जाए। ये समय सीमा 6 साल की होगी यानी कि अब 6 साल के अंदर रिसर्च कम्प्लीट करना होगा।
इससे पहले केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू से कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी लेकर अर्जुन राम मेघवाल को स्वतंत्र प्रभार जिम्मेदारी दे दी गई थी। जिसके बाद आसार लगाए जा रहे थे कि एसपी सिंह बघेल के मंत्रालय में भी फेरबदल हो सकता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बृहस्पतिवार को सुबह आठ बजे जारी अपडेटेड आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से कर्नाटक तथा महाराष्ट्र में दो-दो और केरल तथा पंजाब में एक-एक मरीज की मौत के बाद देश में मृतक संख्या बढ़कर 5,30,929 हो गई।
चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस और अमरीका में कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है। गुरूवार को हुई मीटिंग में प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को टेस्टिंग और जीनोम सीक्वेंसिंग को तेज करने का निर्देश दिया।
Corona May Back in India: चीन और अमेरिका में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर भारत सरकार भी सतर्क हो गई है। केंद्र सरकार ने अधिक कोविड मामलों वाले राज्यों समेत अन्य राज्यों को भी सतर्क रहने का विशेष निर्देश जारी किया है। साथ ही सरकार ने कोविड गाइडलाइन का पूर्णतः पालन करने का भी आदेश दिया है।
सरकारी नौकरी की राह देख रहें उम्मीदवारों के लिए बड़ी खबर है। स्वास्थ्य मंत्रालय में नौकरी करने के इच्छुक अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। साथ ही इस भर्ती प्रक्रिया के तहत उम्मीदवार नौकरी पा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार यहां पढे़ं।
बॉन्ड पॉलिसी (Bond Policy) एक ऐसी नीति है जिसके तहत डॉक्टरों को अपनी अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट की डिग्री पूरी करने के बाद राज्य के हॉस्पिटलों में एक निश्चित समय के लिए अपनी सेवा देने की जरूरत होती है।
संपादक की पसंद