एक ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के तहत मरीज के इलाज पर खर्च की गई राशि को वापस पाने में भारत में औसतन 20 से 46 दिन का समय लगता है।
कर्मचारियों के लाभ के लिए कंपनियां जरूरत के हिसाब से Health Insurance में सुविधाएं जुड़वाती हैं। लेकिन सिर्फ एंप्लॉयर के कवर के भरोसे नहीं रहना चाहिए
सरकार ने ग्राहकों को अपनी पॉलिसी किसी दूसरी कंपनी में पोर्ट करवाने या बदलने की सहूलियत भी दी है।
पंजाब सरकार ने करीब 8.5 लाख किसानों और उनके परिवारों को साल 2021-22 के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना के दायरे में लाने का फैसला किया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना आपदा के बीच वापस लौटे श्रमिकों व कामगारों के लिए बड़ा कदम उठाया है। प्रवासी/निवासी कामगार श्रमिकों के लिए श्रमिक दिवस यानि 1 मई को सीएम योगी ने बड़ा तोहफा दिया है।
देश इस समय कोरोना की दूसरी लहर के बीच गंभीर संकट का सामना कर रहा है। देश के अस्पताल मरीजों से अटे पड़े हैं।
महामारी की वजह से स्वास्थ्य बीमा के प्रति जागरूकता बढ़ने और साथ ही आग लगने जैसी घटनाओं से संरक्षण को बीमा कवर की मांग बढ़ने से बीते वित्त वर्ष 2020-21 में साधारण बीमा उद्योग ने 5.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और उनका प्रीमियम संग्रह 1,98,734.7 करोड़ रुपये रहा।
‘आरोग्य संजीवनी’ में न्यूनतम सीमा को कम करके 50 हजार रुपये और अधिकतम सीमा को और बढ़ाकर दस लाख रुपये कर दिया।
जब आप अपने या अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं तो आपको कई बातों पर ध्यान देना चाहिए
कंपनी 51 और 301 रुपये के रिचार्ज पर 1000 रुपये प्रतिदिन का हेल्थ इंश्योरेंस दे रही है।
एक्टिव हेल्थ पॉलिसी के अपग्रेड वर्जन में ग्राहकों के लिए रिवार्ड्स और बीमित रकम के 100 फीसदी तक के बराबर री-लोड करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
कंपनी के पास अभी 3 लाख से अधिक हेल्थ इंश्योरेंस उपभोक्ता हैं। कंपनी ने अपने उपभोक्ता आधार में वृद्धि के लिए यह आकर्षक पेशकश की है।
सभी जनरल व हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को 1 अप्रैल, 2021 से मशक रक्षक (Mashak Rakshak) को उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
सरकार 1 अक्टूबर 2020 (गुरुवार) से कई नियमों में बदलाव करने जा रही है। इन नियमों के बदलने से आपकी जेब और जीवन पर सीधा असर होगा।
अगर आपके पास पहले से ही कोई हेल्थ इंश्योरेंस है तो उसमें कोरोना की बीमारी का इलाज शामिल है। ऐसे में कोरोना के लिए अलग से कोई हेल्थ इंश्योरेंस लेने की जरूरत नहीं है।
छोटी अवधि की पॉलिसियों को कम से कम तीन महीने के लिए और अधिकतम 11 महीने के लिए जारी किया जा सकता है।
सर्वे के मुताबिक आधे से ज्यादा लोगो ने इंश्योरेंस कवर लेने के बारे में सोचा है
पिछले एक महीने में कुछ टर्म प्लान 20 फीसदी तक महंगे हुए
IRDA ने लोगों को फर्जी ऑनलाइन इंश्योरेंस कंपनियों के ऑफर से सावधान रहने को कहा है
सरकार ने पुणे और मुंबई के निजी अस्पतालों में कोविड-19 के रोगियों के इलाज के लिए जनरल इंश्योरेंस पब्लिक सेक्टर एसोसिएशन (जीआईपीएसए) के साथ समझौता किया है।
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