केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट और 8वां बजट पेश कर रही हैं। इस बीच उन्होंने घोषणा की कि कैंसर की 36 दवाईयों को सस्ता किया जाएगा।
संदीप नेलवाल ने कहा, ‘‘मजबूत बजट स्वस्थ कार्यबल की जरूरतों को पूरा करेगी भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा, जो ऑन्त्रेप्रेन्यॉरियल वेंचर्स को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे हेल्थकेयर इक्विपमेंट और मेडिसिन सेगमेंट में लोकल लेवल पर इनोवेशन और मैन्यूफैक्चरिंग भी बढ़ेगी, जिससे इंपोर्ट कॉस्ट कम होगा।’’
1 फरवरी को पेश होने जा रहे बजट से बीमा कंपनियों को कई उम्मीदें हैं। देश की बीमा पहुंच 2022-23 में चार प्रतिशत की तुलना में 2023-24 में 3.7 प्रतिशत थी। जीवन बीमा उद्योग की पहुंच 2022-23 में तीन प्रतिशत से मामूली रूप से घटकर 2023-24 के दौरान 2.8 प्रतिशत हो गई।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि 60 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों के लिए डिडक्शन को वर्तमान के 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करना चाहिए और यह एक जरूरी फैसला होना चाहिए।
Budget 2025 : हेल्थकेयर सेक्टर की मांग है कि सरकार जीवन रक्षक दवाओं पर जीएसटी और आयात शुल्क को खत्म करने का फैसला ले।
देश के प्राइवेट अस्पताल जीएसटी से राहत चाहते हैं, ताकि उनकी कमाई में बढ़ोतरी होने के साथ-साथ इलाज की लागत में कम खर्च आए। गाजियाबाद के यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीएमडी डॉ. पीएन अरोड़ा ने कहा कि भारत में स्वास्थ्य सेवाओं पर इनपुट जीएसटी को कम किया जाना चाहिए।
एनएटीएएचएलटीएच ने कहा कि कैंसर के इलाज की लागत को कम करने के लिए एलआईएनएसीएस जैसे ‘ऑन्कोलॉजी’ विकिरण उपकरणों पर सीमा शुल्क को हटाने और जीएसटी को घटाकर पांच प्रतिशत करने की आवश्यकता है।
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