ब्राउन शुगर में लो कैलोरी, आयरन, कैल्शियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये तत्व शरीर के लिए काफी फायदेमंद माने जाते है। जानिए कैसे।
अखरोट एक ऐसा सूखा मेवा है जिसे दिमाग के लिए काफी अच्छा माना जाता है। रोजाना सिर्फ 2 भीगे अखरोट खाने से आपके शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं।
कई ऐसे फूड्स हैं जो थायराइड के मरीजों के लिए अच्छे माने जाते हैं। लेकिन, टमाटर का सेवन करने से सबसे ज्यादा फायदा मिलता है।
दूध में बादाम मिलाकर पीने में शरीर में खून की कमी नहीं होती है। साथ ही कई तरह के हेल्थ प्रॉब्लम्स भी दूर रहते हैं।
मौसमी का फल स्वाद में खट्टा और मीठा होता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन-सी पाया जाता है। गर्मियों में मौसमी का सेवन करने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं दूर रहती हैं।
गर्मियों के मौसम में भिंडी की पैदावार होती है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। यही वजह है कि स्वास्थ्य के लिहाज से भिंडी का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है।
गिलोय को एंटीऑक्सीडेंट का पावरहाउस कहा जाता है। इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है।
ग्वार फली की सब्जी खाने में भले ही स्वादिष्ट ना हो लेकिन सेहत के लहाज से ये काफी फायदेमंद होती है। इसे नियमित रूप से डाइट में शामिल करने से कई परेशनियों से छुटकारा मिल सकता है।
बेर खाने में बेहद नरम और मीठे होते हैं। साथ ही ये सेहत के लिए भी कई तरह से फायदेमंद हैं और इसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं।
सरसों का तेल खाने के स्वाद और फ्लेवर को बढ़ाता ही है। साथ ही ये दिल के स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है।
रास्पबेरी को रसभरी भी कहा जाता है। यह फल कई रंगों में पाया जाता है जैसे – लाल, काले और बैंगनी। इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं।
सफेद मटर को आमतौर पर लोग कुलचे के साथ खाते हैं। लेकिन, इसे कई तरह से डाइट में शामिल किया जा सकता है। ये सेहत के लिए भी बेहत फायदेमंद होता है।
रागी में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को अंदर से गर्म रखते हैं। आएग जानते हैं कि रागी का सेवन करने से आप कैसे सेहतमंद रह सकते हैं।
सर्दियों के मौसम में गर्मागर्म मूंगफली खाने का अलग ही मजा है। वैसे तो मूंगफली पूरे साल मार्केट में मिलती है। लेकिन सर्दियों के मौसम में ताजी मूंगफली आती है, जिसे लोग बड़े चाव से खाते हैं।
इन दिनों बिहार में 'चमकी बुखार' कहर बरपा रहा है। हर रोज चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों की प्रतिशत बढ़ती जा रही है। हिंदी में चमकी बुखार कह लीजिए या फिर अंग्रेजी में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम।
इस दौड़भाग वाली लाइफस्टाइल में ज्यादातर लोग अपने खानपान का खास ख्याल नहीं रख पाते हैं और उसी का नतीजा होता है वजन का बढ़ना।
पूरा भारत इन दिनों गर्मी की चपेट में है। दिल्ली में पारा 48 डिग्री तक पहुंच गया है। पूरा उत्तर भारत लू का कहर झेल रहा है। ऐसे में जानें की गर्मियों में लू से कैसे बचा जा सकता है...
एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस एक इंफ्लेमेटरी और ऑटोइम्यून बीमारी है, जो मुख्य रूप से रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करती है और इसके परिणामस्वरूप कमर, पेल्विस और नितंबों में दर्द इसके प्रमुख लक्षण हैं। वैसे यह बीमारी पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है।
जब भी आप वजन कम करने की सोचते हैं तो आपके दिमाग में सबसे पहले आता जिम, कई घंटों तक वर्क आउट, डाइटिंग, ग्री टी। लेकिन अगर हम आपको कहें कि ऐसा कुछ करने की जरूरत नहीं आपको बस कुछ बातों की ख्याल रखने की जरूरत है तो आप क्या कहेंगे?
टहलने से तेजी में वजन कम तो नहीं होते लेकिन आप अपनी बिजी लाइफ से बोर हो गए हो और आपको पास बिल्कुल टाइम नहीं है कि आप जिम जा सके तो सबसे अच्छा और बेहतर उपाय एक ही है कि आप रोजाना 2 से 3 किलोमिटर तक टहले। जल्दी में तो नहीं लेकिन कुछ दिनों के अदर आप उतना वजन तो कम जरूर कर लेंगे जितना जरूरी है।
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