हाथरस मामले पर लोकल प्रशासनिक अधिकारियों की अबतक की कार्रवाई के आधार पर जो facts finding रिपोर्ट आई है उसके आधार पर गृह विभाग अवलोकन कर रहा है, शाम तक जिले के अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
हाथरस की घटना के पीड़ित के परिवार के सदस्य की शिकायत है कि उन्हें हर कोण से मीडिया से बात करने से रोका जा रहा है क्योंकि प्रशासन ने हाथरस में धारा 144 लगा दी है।
हाथरस केस में पुलिस के भारी पहरे और मीडिया के बैन को लेकर पहली बार पुलिस का बयान सामने आया है।
जब इंडिया टीवी रिपोर्टर पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए गांव में घुसने की कोशिश कर रहा था। कई स्थानीय लोगों ने पत्रकार को रोकने की कोशिश की और उसके साथ मारपीट भी की।
गाँव में मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध तब तक रहेगा जब तक SIT वहाँ अपनी जाँच पूरी नहीं कर लेती। मौजूदा कानून और व्यवस्था की स्थिति के कारण, किसी भी राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल या व्यक्तियों को गांव का दौरा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी: एडिशनल एसपी प्रकाश कु
हाथरस पीड़िता की भाभी ने कहा है कि हमलोगों को घर में बंद कर रखा है, इस तरह से निगरानी हो रही है कि लगता है कि जैसे हमने कोई बड़ा अपराध किया है।
इंडिया टीवी से पीड़िता भाई ने कहा कि सिक्योरिटी के नाम पर पुलिस उनके घर की निगरानी कर रही है। घर के बाहर वर्दीवालों का जमावड़ा है और हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। एडीएम बार-बार पूछ रहे हैं कि आखिर घर में से वीडियो कौन बनाकर भेज रहा है। भाई ने परिवार के फोन रिकॉर्ड होने की भी आशंका जताई है।
इंडिया टीवी के पत्रकारों ने हाथरस पीड़िता के घर तक पहुंचने की कोशिश की लेकिन उन्हें रोक दिया गया और परिवार से मिलने नहीं दिया गया।
हाथरस पीड़िता के परिवारवालों से मिलने पहुंचे टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल के साथ यूपी पुलिस ने धक्का-मुक्की की। इस धक्का-मुक्की में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन जमीन पर गिर पड़े।
पूरा देश हाथरस गैंगरेप पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए आवाज उठा रहा है। लोग दोषियों के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं। लेकिन, अब मृतका की पोस्टमार्टम-फॉरेंसिक रिपोर्ट सामने आई है, जो कुछ अलग ही दावा कर रही है।
हाथरस मामले को लेकर इस समय पूरे देश में उबाल है, और साथ ही प्रशासन का रवैया भी कई सवाल खड़े कर रहा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने भी मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार के उच्च अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं। इस बीच बेंच ने इंडिया
हाथरस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने इंडिया टीवी के खास कार्यक्रम 'आज की बात' का भी जिक्र किया, जिसके ऐंकर इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा हैं।
हर खबर की पीछे की सच्चाई जानने के लिए देखिये हक़ीकत क्या है | 1 अक्टूबर, 2020 | 8 PM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने हाथरस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुये उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च अधिकारियों को नोटिस जारी किये।
दलित कार्यकर्ता, 19 वर्षीय हाथरस मामले की पीड़िता के परिवार के साथ उसके घर जा रहे थे लेकिन बीच रास्ते में ही उन्हें रोक दिया गया।
उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने मंगलवार को दावा किया कि हाथरस में 19 साल की युवती के साथ रेप नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि युवती की मौत गले में चोट लगने और उसके कारण हुए सदमे की वजह से हुई।
यूपी के हाथरस में धारा 144 लगाई गई है | प्रियंका और राहुल गांधी को हिरासत में ले लिया गया और उन्हें पीड़ित परिवार से मिलने नहीं दिया गया।
मेरा मानना है कि यदि पुलिस ने शुरू से ही सच बोला होता तो यह मामला हाथ से नहीं निकला होता। पुलिस एक के बाद एक झूठ बोलती जा रही थी और किसी तरह मामले को दबाने की कोशिश कर रही थी।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी को जमानत के बाद छोड़ दिया।
देश की बेटियों के साथ हैवानियत थमने का नाम नहीं ले रहा। उत्तर प्रदेश के हाथरस के बाद अब राजस्थान में मासूम बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या का मामला सामने आया है।
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