समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा ने कहा कि 2 जुलाई को सत्संग में हुई भगदड़ से वह बहुत दुखी और उदास है। लेकिन जो होना तय है उसे कौन रोक सकता है।
हाथरस में मची भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस भगदड़ पर सुनवाई से इनकार। जानें कोर्ट ने इसका क्या कारण बताया है।
8 दिन पहले उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ मची थी.. 121 लोगों ने अपनी जान गंवा दी.. कई गांवों में अब भी मातम पसरा है.. कई गलियां सूनी है.. किसी ने अपनी मां को खो दिया.. तो किसी की बहन छिन गई.. लेकिन बाबा पर कई लोगों को श्रद्धा नहीं गई.. हमने बहुत सोचा कि आखिर ये क्यों हो रहा है..
आज से ठीक एक हफ्ते पहले ऐसा ही एक मंगलवार था. जगह थी हाथरस का सिकंदराराऊ.. बड़ा सा मैदान था.. मैदान में ढाई लाख की भीड़ थी... चीख पुकार मच गई.. देखते ही देखते.. सेल्फ प्रोक्लेम्ड गॉडमैन नारायण साकार हरी उर्फ भोले बाबा का सत्संग.. शमशान घाट में तब्दील हो गया.. 121 लोगों की मौत हुई...
ज़रा सोचिए.. इतने बड़े हादसे के बाद भी बाबा के इन भक्तों की आंखें नहीं खुली हैं.. ये आज भी उसी अंधभक्ति के साथ बाबा के मायाजाल में फंसी हैं.. और दावा तो देखिए.. कि बाबा मरे हुए को ज़िंदा कर लेते हैं..
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